छपी-अनछपी: नीतीश का नारा- 100 के नीचे बीजेपी, शाह बोले- नीतीश के लिए भाजपा के दरवाजे बंद
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के दो हिस्सों में 25 फरवरी को महागठबंधन और भारतीय जनता पार्टी के प्रोग्राम हुए हालांकि इसमें कोई नई बात नहीं कही गई फिर भी कहने के अंदाज़ में फर्क नजर आया। अखबारों ने इन दोनों की खबरों को बराबर बराबर जगह दी है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस के कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजनीति से संन्यास लेने का इशारा दिया जिसकी अच्छी कवरेज है।
हिन्दुस्तान की मेन हेडलाइन है: महागठबंधन-भाजपा का शक्ति प्रदर्शन। इसके तहत दो बयान हैं: 1. देश में विपक्ष को एकजुट कर भाजपा को खत्म करेंगे: नीतीश 2. नीतीश कुमार के लिए अब भाजपा के दरवाजे बंद: शाह। जागरण ने भी दो सुर्खियां लगाई हैं: 1. एकजुट हुए तो लोकसभा चुनाव में 100 के नीचे होगी भाजपा: नीतीश 2. नीतीश के लिए भाजपा ने हमेशा के लिए बंद किए अपने दरवाजे: शाह। भास्कर की सुर्खियां हैं: 1. नीतीश का हमला- भाजपा को 100 सीटों से कम में निपटाएंगे 2. शाह का वार- यहां जंगलराज, नीतीश के लिए हमारे द्वार बंद।
पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में शनिवार को आयोजित महारैली में महागठबंधन के सभी सात दलों- जदयू, राजद, कांग्रेस, हम, सीपीआई, सीपीआई-एमएल व सीपीएम- ने केंद्र की मोदी सरकार को 2024 में उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा से मुक्ति जरूरी है। देशभर में विपक्ष को एकजुट कर भाजपा को खत्म करेंगे। बिहार में महागठबंधन के घटक दल एकजुट हैं। इसी तरह देशभर में सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा। कांग्रेस की प्रतीक्षा है, वह जल्द पहल करे। नीतीश कुमार ने कहा कि 2024 में सभी एकजुट हो जाएंगे तो भाजपा को 100 सीटों से नीचे समेट देंगे
कौन नेता क्या बोले
- नीतीश और हम साथ, 2024 में 2015 का रिकॉर्ड भी तोड़ेंगे: लालू
- जब बिहार लड़ता है तो दिल्ली हारती है: तेजस्वी
- भाजपा मुक्त भारत बनाना है, अभी देश में इमरजेंसी से भी बदतर हालत: ललन
- महागठबंधन एकजुटता से लड़ा तो बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत तय: अखिलेश
- महंगाई, बेरोजगारी बर्दाश्त पर नफरत नहीं: दीपंकर
- केंद्र सरकार धीरे-धीरे खत्म कर रही आरक्षण: जीतन राम मांझी
नीतीश अवसरवादी: शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को बेतिया के लौरिया स्थित साहू जैन हाई स्कूल मैदान में जनसभा और पटना के श्रीकृष्ण मेमोरिल हाल में आयोजित किसान समागम में नीतीश कुमार व महागठबंधन पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं। उन्होंने तंज किया कि नीतीश कुमार को हर तीन साल पर प्रधानमंत्री बनने का सपना आता है। पीएम पद के लिए वे विकासवादी से अवसरवादी हो गए। पिछले चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन वे उसी राजद व कांग्रेस की गोद में बैठ गए, जिनके खिलाफ वे लड़ाई लड़ रहे थे। कहा कि यह तेल व पानी का गठबंधन है। इसमें जदयू पानी और राजद तेल है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि बिहार पता करना है तो बूथ जीतना जरूरी। भास्कर के अनुसार उन्होंने एक और तंज किया कि लालू प्रसाद के पुत्र को सीएम बनाने की तिथि की घोषणा करें नीतीश।
बाक़ी नेता क्या बोले
- विपक्ष मरा हुआ घोड़ा, कभी खड़ा नहीं हो सकता: सुशील मोदी
- जंगलराज लौटाने वालों को सत्ता से उखाड़ फेंकें: नित्यानंद राय
- पिछड़ों का मोदी से बड़ा नेता कोई नहीं: गिरिराज
सोनिया गांधी राजनीति से रिटायर!
जागरण की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान है: विपक्षी एकता के लिए कुर्बानी देने को तैयार। हिन्दुस्तान की सुर्खी है: ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से मेरी पारी का सुखद अंत: सोनिया। भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: सोनिया बोलीं- मेरी उम्र हो गई…युवा आगे आएं। ऐसा माना जा रहा है कि उनका यह बयान राजनीति से रिटायरमेंट की घोषणा करने जैसा है। सोनिया गांधी ने भाजपा-आरएसएस पर आरोप लगाया कि उन्होंने हर संस्थान पर कब्जा कर लिया है और वे नफरत की आग को हवा दे रहे हैं। कांग्रेस ने अपने रायपुर अधिवेशन में विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने की ताल ठोकते हुए तीसरा मोर्चा बनाने की पहल करने वाले दलों को निशाने पर लिया और कहा कि 2024 में तीसरे ताकत की कोई पहल सीधे सीधे भाजपा व एनडीए को फायदा पहुंचाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के लिए पार्टी कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है।
जमीयत और आरएसएस
बिहार में राजनीतिक दलों की गहमागहमी के बीच जमीयत-उलेमा ए हिंद ने भी शनिवार को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में अपना प्रोग्राम आयोजित किया। भास्कर ने इस प्रोग्राम की सुर्खी दी है: मदनी ने कहा- आरएसएस से हमारा रिश्ता बेहतर, संविधान की रक्षा सबकी जिम्मेदारी। जमीयत-उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी ने कहा कि आज देश का संविधान अगर धर्मनिरपेक्ष है तो जमीयत की ही देन है। जमीयत-उलेमा ए हिन्द, बिहार की ओर से शनिवार को लोकतंत्र बचाओ सम्मेलन व 11वां प्रांतीय आम अधिवेशन शनिवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल, गांधी मैदान में शुरू हुआ। मौलाना मदनी ने कहा कि देश के संविधान की रक्षा करना सबकी जिम्मेदारी है। यह केवल मुसलमानों की जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के लोगों से भी हमारे अच्छे संबंध हैं। अगर वे यहां आते हैं तो हम उन्हें यथासंभव भोज देते हैं।
‘वारिस पंजाब दे’ का मामला
भास्कर में पहले पेज पर खबर है: खालिस्तान समर्थक संगठन का मुखिया बोला- ‘मैं भारतीय नहीं’। अखबार के अनुसार खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अजनाला थाने की घटना को लेकर कहा,”मैं खुद को भारतीय नहीं मानता हूँ, ना ही पासपोर्ट से कोई भारतीय हो जाता है। ये तो सिर्फ एक यात्रा दस्तावेज हैं।” इस बीच केंद्र ने अमृतपाल के सोशल मीडिया अकाउंट को फिर बंद करवा दिया है। पांच महीने पहले भी उसका ट्विटर अकाउंट ब्लॉक किया गया था। इसमें 11,000 से अधिक फॉलोवर थे।पंजाब पुलिस ये पता लगा रही है कि अजलाना थाने में हथियार लेकर कौन कौन लोग पहुंचे थे और अपनी ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों पर किसने हमला किया। अमृतपाल सिंह के साथ चलने वाले हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों के हथियार का लाइसेंस चेक करने का भी फैसला किया गया है। ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल के करीबी लवप्रीत सिंह को छुड़वाने के लिए उग्रवादी संगठनों के समर्थकों ने शुक्रवार को पुलिसवालों पर हमला कर दिया था।
कुछ और अहम सुर्खियां
- नेपाल सरकार संकट में, 4 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
- तीन बांग्लादेशी पाटलिपुत्र जंक्शन से ढाई करोड़ रुपए के सोना के साथ गिरफ्तार
- नर्सरी से आठवीं तक के लिए सीबीएसई रीडिंग ऐप लॉन्च
- हज यात्रियों को खुद करना होगा सऊदी मुद्रा रियाल का इंतजाम
अनछपी: 2024 के इलेक्शन में अभी एक साल से अधिक का समय है लेकिन इस बार माहौल पहले से गर्म हो रहा है। इस माहौलबंदी में बिहार का रोल बेहद अहम माना जा रहा है, इसीलिए यह महज इत्तेफाक नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी और महागठबंधन दोनों ने एक ही दिन बिहार में बड़े कार्यक्रम आयोजित किए। एक तरह से दोनों ने एक दूसरे की काट के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किए थे। महागठबंधन ने पूर्णिया में कार्यक्रम कर भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौती पेश करने के साथ-साथ उस इलाके में एआईएमआईएम के प्रभाव को कम करने की भी कोशिश की है। 27 फरवरी से बिहार विधानमंडल का बजट सत्र भी शुरू हो रहा है और इस दौरान भी राजनीति के गर्म रहने का अंदाजा लगाया जा रहा है। नीतीश कुमार दावा कर रहे हैं कि अगर विपक्ष एकजुट हुआ तो राष्ट्रीय पैमाने पर भाजपा 100 के नीचे सिमट जाएगी। दूसरी तरफ अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी का जोर इस बात पर है कि नीतीश कुमार को वे अपने साथ नहीं लेंगे। भारतीय जनता पार्टी को यह कहने की जरूरत इसलिए पड़ रही है क्योंकि ऐसे संकेत मिलने लगे थे कि एक बार फिर नीतीश कुमार को भारतीय जनता पार्टी अपने साथ करेगी। भारतीय जनता पार्टी इस बार काफी चौकस है क्योंकि बिहार में 2019 में एनडीए को 40 में 39 सीटें मिली थीं। वह प्रदर्शन दोहराना उनके लिए मुमकिन नहीं इसलिए उनके निशाने पर जंगलराज के साथ-साथ नीतीश कुमार भी हैं। इत्तेफाक की बात है कि इसी वक्त कांग्रेस के बड़े नेता रायपुर के अधिवेशन में थे। नीतीश कुमार कह रहे हैं कि कांग्रेस को विपक्षी एकता पर जल्द ही फैसला करना चाहिए। जानकारों का कहना है कि ऐसे में कांग्रेस निश्चित रूप से कोई ठोस ऐलान करेगी।
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