छ्पी-अनछ्पी: अब NET रद्द-सीबीआई जांच होगी, नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET का विवाद अभी सुलझा भी नहीं है कि फेलोशिप और प्रोफेसरशिप के लिए ली जाने वाली परीक्षा NET को रद्द करने की घोषणा की गई है। शिक्षा मंत्रालय ने इस मामले की सीबीआई जांच करने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया है। लंबे इंतजार के बाद बिहार के विश्वविद्यालय के वेतन और पेंशन मद में 1600 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। यादवों और मुसलमान का काम नहीं करने वाला बयान देने वाले सीतामढ़ी के सांसद देवेशचंद्र का विरोध उनकी पार्टी में भी हो रहा है। यह हैं आज के अखबारों की प्रमुख खबरें।

प्रभात खबर की पहली सुर्खी है: परीक्षा के अगले दिन ही यूजीसी नेट रद्द, सीबीआई करेगी जांच। शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी एनटीए द्वारा मंगलवार 18 जून 2024 को देश के विभिन्न शहरों में आयोजित यूजीसी नेट जून 2024 की परीक्षा को रद्द कर दिया है। मामले की गहन जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया है। अधिकारियों ने बताया कि यूजीसी नेट परीक्षा इसलिए रद्द की गई की ऐसी जानकारी मिली थी कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है। अखबार ने यह बात नहीं लिखी है लेकिन इसका मतलब यह समझ गया कि पेपर लीक हुआ है। इस परीक्षा में आठ लाख अस्सी हजार से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे।

केंद्र ने मांगी बिहार पुलिस से रिपोर्ट

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पटना में नीट यूजी 2024 के आयोजन में अनियमितताओं के संबंध में बुधवार को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराधिक से रिपोर्ट मांगी है। बिहार जैसे राज्यों में प्रश्न पत्र लीक होने और इस प्रतिष्ठित परीक्षा में अन्य नेताओं की आरोप लगे हैं। इन आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं और कई उच्च न्यायालय के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दायर की गई हैं। इस बीच नीट यूजी पेपर लीक मामले में ईओयू का नोटिस मिलने के बाद बुधवार को तय तिथि के अंतिम दिन केवल दो छात्राएं ही ईओयू के पटना स्थित दफ्तर पहुंचीं जहां दोनों से करीब 3 घंटे तक पूछताछ की गई। अधिकारियों ने उनसे नीट पेपर लीक और सॉल्वर गैंग के लोगों से संपर्क से संबंधित सवाल पूछे लेकिन दोनों ने कहा कि इस पूरे मामले से उनका कोई संबंध नहीं है।

नालंदा यूनिवर्सिटी कैंपस का उद्घाटन

जागरण के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजगीर में बने नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन करते हुए कहा कि नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों ने भले ही पुस्तकें जला दीं लेकिन ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर बनकर तैयार इसने कैंपस के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें तीसरे कार्यकाल में शपथ ग्रहण के पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि नालंदा केवल नाम नहीं है। “नालंदा एक पहचान है। सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है। मंत्र है। गौरव गाथा है। नालंदा के ध्वंस ने भारत को अंधकार से भर दिया था। अब इसकी पुनर्स्थापना भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत करने जा रही है।”

नीतीश कुमार ने देखी मोदी की अंगुली

नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल थे। मंच पर बैठे नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक हाथ अपने हाथ में लेकर उनकी उंगली पर लगी मतदान वाली स्याही देखी और अपनी वह उंगली भी दिखाई जिस पर वोटिंग के बाद लगाए जाने वाली स्याही लगी थी। नीतीश कुमार द्वारा इस तरह नरेंद्र मोदी की उंगली देखना काफी चर्चा का विषय बनी रही।

यूनिवर्सिटी के लिए वेतन-पेंशन के 1600 करोड़ जारी
सरकार ने सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों व अतिथि शिक्षकों के वेतन-पेंशन व मानदेय के लिए 1600 करोड़ जारी कर दिया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के वेतन व पेंशन मद में तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन व पेंशन मद में मार्च 2024 से जून 2024 तक के लिए अनुदान की राशि शामिल है। इसके अलावा इस राशि से अतिथि शिक्षकों के वित्तीय वर्ष 2023-24 के बकाये मानदेय का भुगतान किया जाएगा।

देवेशचंद्र का जेडीयू में ही विरोध

पूर्व सांसद अशफाक करीम व विधान परिषद के कार्यकारी सभापति सलीम परवेज ने सीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के बयान पर नाराजगी प्रकट की है। साथ ही मुसलमान समाज को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है। कहा कि उनके बयान से मुसलमान आहत हैं। जदयू के वरिष्ठ नेता अशफाक करीम ने कहा कि उन्हें मुस्लिम समाज से माफी मांगनी चाहिए। सलीम परवेज ने कहा कि देवेश चन्द्र ठाकुर मुसलमानों के वोट से ही जीते हैं।

मंत्री का गोली मारने पर अटपटा बयान

भास्कर की खबर है कि भू राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल चुनावी मंच से अटपटी बाद बोलने के चलते वायरल हुए। उन्होंने कहा बिहार सरकार की कैबिनेट का फैसला है कि हर जिले में एसआईटी बनेगी। “यह अवैध हथियार लेकर घूमते अपराधी को गोली मार देगी।” हालांकि कैबिनेट ने ऐसा कोई फैसला किया ही नहीं है। मंत्री रुपौली विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस बारे में पुलिस का कहना है कि हथियार व्यक्ति के बाद ही यह फैसला हो किया जाता है कि वह अवैध है या वैध। इसलिए हथियार देखते ही गोली मारने की बात सही नहीं है।

4300 धनवान इस साल छोड़ेंगे भारत

हिन्दुस्तान के अनुसार भारत से इस साल 4300 धनकुबेर देश छोड़कर जाएंगे। हालांकि यह आंकड़ा पिछले दो वर्ष की तुलना में कम है। वर्ष 2023 में 5100 और 2022 में 7500 धनकुबेर दूसरे देशों में प्रवासित हुए थे। हेनले एंड पार्टनर्स ने द हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2024 जारी की है।

कुछ और सुर्खियां

  • मुजफ्फरपुर में महिला का किडनी निकालने के मामले में नर्सिंग होम के मालिक को 7 साल की सजा
  • धान का एमएसपी बढ़कर ₹2300 क्विंटल किया गया
  • रुपौली विधानसभा उपचुनाव के लिए अब उम्मीदवार नहीं देगी भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी
  • केके पाठक ने राजस्व भूमि सुधार विभाग का प्रभार नहीं लिया, दीपक सिंह को जिम्मेदारी
  • मानसून में अब तक 18% कम हुई बारिश, दो दिनों में रफ्तार पकड़ने की उम्मीद
  • एनवीडीया बनी दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी, वैल्यूएशन 278 लाख करोड रुपए

अनछ्पी: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेट (एनईटी) यानी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट को रद्द करने की घोषणा और इसकी जांच सीबीआई से करने की बात कह कर अपनी प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश की है लेकिन इस तरह की परीक्षाएं आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने अपनी विश्वसनीयता पूरी तरह खो दी है जो पहले से ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ के पेपर के मामले में गंभीर सवालों के घेरे में है। शिक्षा मंत्रालय ने सीधे-सीधे यह नहीं कहा कि पेपर लीक हो गया है और उसके बदले ‘शुचिता से समझौता’ जैसा भारी भरकम शब्द का प्रयोग किया है। हकीकत यह है कि ‘नेट’ का भी पेपर लीक हुआ तभी मजबूर होकर शिक्षा मंत्रालय को इसे रद्द करने की घोषणा करनी पड़ी। क्या यह मुनासिब नहीं होता कि लगातार इस तरह पेपर लीक और अनियमितताओं की शिकायत आने के बाद एनटीए के अधिकारियों पर अब तक कोई न कोई कार्रवाई की जा चुकी होती। कानूनी कार्रवाई तो बाद में होगी लेकिन क्या नैतिक कार्रवाई का जमाना बिल्कुल खत्म हो चुका है? जिन 24 लाख परीक्षार्थियों ने ‘नीट’ दी थी, उनके मन में क्या यह बात नहीं चल रही होगी कि उनकी मेहनत धांधली करने वालों के आगे कोई मतलब नहीं रखती। इसी तरह 8 लाख 80 परीक्षार्थी ‘नेट’ में शामिल हुए थे। इस तरह देखा जाए तो लगभग 33 लाख परीक्षार्थियों को एनटीए ने भारी मानसिक दबाव में डाल रखा है। कई लोगों का मानना है कि जिस तरह ‘नीट’ में धांधली की शिकायत और पेपर लीक का मामला सामने आया है उसे भी रद्द कर नए सिरे से परीक्षा ली जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कई अर्जियों की सुनवाई के दौरान यह कहा है कि अगर 0.001 फीसद भी गड़बड़ी हुई है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। सवाल यह है कि क्या इस सख्त कार्रवाई में नीट का पेपर रद्द करना भी शामिल होगा क्योंकि अंततः इससे नुकसान तो परीक्षार्थियों का हुआ है और अगर किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई होती है तो इससे परीक्षार्थियों को इंसाफ तो नहीं मिलेगा। पूरे देश को अब 8 जुलाई का इंतजार है जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कोई महत्वपूर्ण फैसला दे सकता है।

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