छ्पी-अनछ्पी: 15% रिज़र्वेशन बढ़ाने का फ़ैसला हाई कोर्ट से रद्द, नवादा में मां और दो बेटियों की लाश मिली
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में सभी पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण सीमा 15% बढ़ाने के फैसले को पटना हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। नवादा से एक सनसनीख़ेज़ खबर मिली है कि वहां एक ही घर में एक मां और उनकी दो बेटियों की लाश मिली है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई है और वह आज रिहा हो सकते हैं। बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने नीट पेपर लीक घोटाले की बात मानी है। यह हैं आज के अखबारों की प्रमुख खबरें।
जागरण के अनुसार पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थाओं के दाखिले में जाति आधारित आरक्षण को 65% करने वाले कानून को रद्द कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने गौरव कुमार एवं अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर चार से 11 मार्च तक लगातार सुनवाई कर 11 मार्च 2024 को निर्णय सुरक्षित रख लिया था, जिसे गुरुवार को सुनाया गया। बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना कराई थी और इसी आधार पर ओबीसी, ईबीसी, दलित और आदिवासियों का आरक्षण 15 प्रतिशत बढ़ाकर 65% किया गया था। इस बीच पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें पहले से आशंका थी कि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण के फैसले को पलट देगी। इधर जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी व डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा है कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
अनुच्छेद 14, 15, 16 का उल्लंघन
अदालत ने बिहार पदों और सेवाओं में रिक्तियों का आरक्षण (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) संशोधन अधिनियम, 2023 और बिहार आरक्षण (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में) संशोधन अधिनियम, 2023 को संविधान के विरुद्ध और अनुच्छेद 14, 15 और 16 के तहत समानता का उल्लंघन मानते हुए निरस्त कर दिया।
केवल 1.57% सरकारी नौकरी में
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि बिहार में कुल जनसंख्या का केवल 1.57 प्रतिशत आबादी ही सरकारी नौकरी में है। प्रत्येक श्रेणी के कर्मचारियों के अनुपात को देखा जाए तो उनकी कुल जनसंख्या की तुलना में निश्चित रूप से मुक्त श्रेणी को 3.19 प्रतिशत बढ़त है। हालांकि, कुल सरकारी कर्मचारियों की संख्या पर गणना किए जाने पर पिछड़े वर्गों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। कुल 20,49,370 सरकारी कर्मचारियों में अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या 6,21,481 है जिससे उनका प्रतिनिधित्व 30.32 प्रतिशत बनाता है। जहां तक अत्यंत पिछड़े वर्ग की बात है, उनका प्रतिनिधित्व 22.53 प्रतिशत है। वहीं, अनुसूचित जाति का 14.19 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति का 1.47 प्रतिशत है।
नवादा में एक ही घर से तीन लाशें मिलीं
नवादा जिले के कौआकोल थाना क्षेत्र के भलुआही गांव में गुरुवार को एक बंद घर में संदिग्ध हालात में मां और दो बेटियों का नग्न शव पाया गया। इसके बाद इलाके में सनसनी फैल गई। मृतकों में भलुआही गांव के सेवानिवृत्त इंजीनियर स्व. नेयाज अहमद की पत्नी आमना खातून (उम्र-लगभग 85 वर्ष), उनकी शिक्षिका पुत्री शबाना खातून (उम्र-लगभग 45 वर्ष) एवं पुत्री मंजू खातून (उम्र-लगभग 56 वर्ष) शामिल हैं। शबाना प्रखंड की केवाली पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय करमा में पदस्थापित थीं। घटना की सूचना पाकर नवादा एसपी अंबरीष राहुल, पकरीबरावां एसडीपीओ महेश चौधरी तथा कौआकोल पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की तहकीकात की। स्थानीय लोगों की मानें तो शव देखने के बाद घटना दो तीन दिन पूर्व होने की आशंका है। पुलिस ने घर में तीनों के लिए प्रतिदिन भोजन बनाने वाली दो नौकरानियों से पूछताछ की तथा उनके द्वारा दिए गए बयान को कलमबद्ध किया। हालांकि, मौत कैसे हुई है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस फिलहाल कुछ भी बताने से परहेज कर रही है।
अरविंद केजरीवाल को जमानत
जागरण के अनुसार कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत दे दी। आज उनके तिहाड़ जेल से रिहाई की संभावना है। विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने एक लाख रुपए के बॉन्ड पर जमानत दी है। अदालत ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं। इसके मुताबिक केजरीवाल जांच में बाधा पैदा नहीं करेंगे और ना ही गवाहों को प्रभावित करेंगे। ईडी के विशेष अधिवक्ता जोहैब हुसैन ने दो दिन की अवधि की मांग की ताकि हाईकोर्ट में आदेश के खिलाफ अपील की जा सके लेकिन अदालत ने ईडी की अपील खारिज कर दी।
विजय सिन्हा ने मानी, नीट पेपर लीक की बात
भास्कर की सुर्खी है: री-नीट पर दो दिन में बिहार से रिपोर्ट मिलते ही फैसला, डिप्टी सीएम ने माना… पर्चा लीक हुआ। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को नीट में गड़बड़ियों पर कहा कि केंद्र सरकार लगातार बिहार सरकार के संपर्क में है। पटना पुलिस सही दिशा में काम कर रही है। केंद्र पटना पुलिस की पड़ताल से संतुष्ट हैं क्योंकि वह इसकी तह तक जा रही है। संभावना है कि अगले एक-दो दिन में पटना पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मंत्रालय को मिले। इस बीच नीट पेपर लीक मामले में पहली बार बिहार सरकार ने माना है कि राज्य में नीट का पेपर लीक हुआ। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने दावा किया कि पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के निजी सचिव और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रीतम कुमार ने पेपर लीक में गिरफ्तार मुख्य आरोपी सिकंदर प्रसाद यादवेंदु के लिए गेस्ट हाउस बुक करवाया था।
गर्मी से भारत के 58 हज यात्रियों की मौत
भारी गर्मी के बीज सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान मरने वालों में 58 भारतीय जायरीन भी शामिल हैं। मरने वालों की उम्र 60 और उससे अधिक है। भारत के कुछ लोग लापता भी हैं। उनकी तलाश जारी है। हज कमेटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लियाकत आफाकी ने इसकी पुष्टि की है। बीमारी और दुर्घटना के कारण बिहार के छह हज यात्रियों की मौत की खबर भी है।
कुछ और सुर्खियां
- मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और भागलपुर में मेट्रो रेल बनाने को सैद्धांतिक स्वीकृति
- तमिलनाडु के एक जिले में जहरीली शराब पीने से 34 की मौत
- टी 20 वर्ल्ड कप के सुपर 8 में भारत ने अफगानिस्तान को हराया
- रेलवे में 5696 सहायक लोको पायलट की निकली बहाली
- आईआईटी बॉम्बे के आठ छात्रों पर रामायण के कथित गलत चित्रण और श्री राम व सीता का अपमान करने के मामले में जुर्माना
- राहुल गांधी का बयान: यूक्रेन युद्ध रुकवाने का दावा करने वाले पेपर लीक नहीं रुकवा पा रहे
- छह जुलाई से नीट पीजी की कॉन्सलिंग
- बिहार के हाजियों की वापसी 26 जून से
- यूजीसी नेट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने दर्ज किया केस
- बिहार में मानसून पहुंचा, पटना को एक-दो दिन करना होगा इंतजार
अनछपी: इस साल मार्च में सुनवाई पूरी करने 3 महीने बाद पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार के उन संशोधनों को रद्द कर दिया जिसके तहत सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षण संस्थानों में सभी पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा 50% से बढ़कर 65% किया गया था। इस बीच लोकसभा चुनाव गुजर गया और बढ़े हुए आरक्षण पर बहुत राजनीति नहीं हुई लेकिन अब उस फैसले के रद्द होने के बाद राजनीति में उबाल आना स्वाभाविक है। सबसे पहले याद करने की बात यह है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की महागठबंधन सरकार ने जातिगत सर्वे कराया और उसके बाद बढ़ा हुआ आरक्षण लागू कराया। अब इसे इत्तेफाक माना जाए या कुछ और कि सरकार में जब भारतीय जनता पार्टी आ गई है तो उस आरक्षण को पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। अब पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को यह मौका मिल गया है कि वह केंद्र की मोदी सरकार पर इस बात के लिए हमला करें कि उसने बिहार के बढ़े हुए आरक्षण को नवीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला। माना जाता है कि अगर बढ़े हुए आरक्षण को नवीं अनुसूची में डाल दिया जाता तो यह अदालत की समीक्षा से बाहर हो जाता यानी तब अदालतें इस पर रोक नहीं लग पातीं। बिहार सरकार ने यह तो जरूर कहा है कि वह इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी लेकिन क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह अनुरोध करेंगे कि इसे नवीं अनुसूची में डाला जाए ताकि अदालत इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सके। अगर नरेंद्र मोदी की सरकार बढ़े हुए आरक्षण की व्यवस्था को नवीं अनुसूची में नहीं डालती है तो यह माना जाएगा कि वह इसके लिए कुछ नहीं करना चाहती। फिलहाल इस फैसले का असर आगे आने वाली बहालियों पर हो सकती है क्योंकि आरक्षण का रोस्टर बदलना पड़ेगा। कोर्ट के फैसले से यह नहीं मालूम हो सका कि जिन बहालियों के लिए आवेदन मांगा गया है उसमें बढ़ा हुआ आरक्षण लागू होगा या कोर्ट का फैसला फैसला आने के बाद से लागू होगा। बहरहाल, ऐसा लगता है कि इस मुद्दे पर बिहार की राजनीति गर्माएगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कड़ी चुनौती का सामना करना होगा।
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