छ्पी-अनछपी: छपरा में बीजेपी नेता की फायरिंग में राजद समर्थक की मौत, जीत-हार के नए दावे

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। छपरा में चुनावी रंजिश के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता की फायरिंग में राजद के एक समर्थक की मौत हो गई। अभी दो चरणों का चुनाव बाकी है लेकिन हार जीत के दावे शुरू हो चुके हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया है कि बिहार को भरपूर आर्थिक सहायता मिल रही है।

छपरा: फायरिंग में एक की मौत

जागरण और हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर छपरा में बीजेपी नेता की फायरिंग में आरजेडी समर्थक की मौत है। जागरण ने लिखा है कि छपरा शहर में मतदान के दूसरे दिन चुनावी रंजिश में मंगलवार को सुबह भिखारी ठाकुर चौक पर भाजपा व राजद समर्थकों में मारपीट हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार राजद समर्थकों ने इसका दोषी चौक के निकट के निवासी भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रमाकांत सोलंकी को माना और उनके घर पर चढ़कर पथराव करने लगे। इससे भड़के भाजपा नेता कुछ अन्य लोगों के साथ घर से निकले और भीड़ को भगाने के लिए अपनी लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग कर दी। इसमें चार लोगों को गोली लग गई। गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई और तीन का इलाज चल रहा है। पुलिस ने भाजपा नेता रमाकांत सोलंकी और उनके चचेरे भाई रविकांत को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद सारण जिले में दो दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।

घटना के पीछे का कारण

सारण लोकसभा सीट के लिए मतदान के दिन सोमवार को भिखारी ठाकुर चौक के पास बड़ा तेलपा के बूथ पर राजद प्रत्याशी डॉक्टर रोहिणी आचार्य के पहुंचने पर भाजपा समर्थकों ने हंगामा किया था। उनके जाने के बाद दोनों के समर्थक उलझ गए थे। उस वक्त प्रशासन ने सख्ती कर दोनों पक्षों को अलग कर दिया था। बताया जा रहा है कि मंगलवार की सुबह यही खुन्नस खूनी संघर्ष में बदल गई।

एनडीए की लहर: मोदी

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: पांच दौर में ही जीत के दावे। इसके तहत दी गई खबर में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीवान के गोरेयाकोठी और मोतिहारी में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्षी दल को एहसास हो गया है कि उसकी स्थिति खराब है। मोदी ने कहा, “इंडी गठबंधन की ओर से मेरे लिए गलियों की संख्या बढ़ गई हैं। उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि मोदी फिर 5 साल के लिए चुनाने जा रहा है। हकीकत है कि देश में विपक्ष ध्वस्त हो चुका है। एनडीए की लहर चल रही है।”

लोग भाजपा से तंग: खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को हरियाणा की एक रैली में भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जनता केंद्र की भाजपा सरकार से तंग आ चुकी है। “मैं यकीन के साथ कह रहा हूं कि भाजपा सत्ता में नहीं लौटेगी।”

400 पार का नारा भाजपा का मज़ाक़”

भास्कर को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा का ‘400 पार’ का दवा मजाक है। उन्होंने कहा, हमारे लिए चुनाव जनता खुद लड़ रही है और ‘इंडिया’ 300 पार जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार 2019 से ज्यादा कंपटीशन है इसलिए मोदी जी ज्यादा मेहनत कर रहे हैं।

एयर टर्बुलेंस में एक की जान गई

भास्कर की खबर है कि लंदन से सिंगापुर जा रहा हवाई जहाज मंगलवार को 37000 फुट की ऊंचाई पर एयर टर्बूलेंस में फस गया। इससे जहाज एक झटके में 6000 फीट नीचे आ गया। महज 3 मिनट के हादसे में 73 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। 24 यात्री घायल हुए। जिन यात्रियों ने सीट बेल्ट नहीं बांधे थे, वह छत से टकरा गए और दूसरी सीटों की तरफ फेंका गए। केबिन का सामान बिखर गया। विमान में हालात ऐसे थे मानव भीतर से तूफान गुजरा हो।

बिहार को भरपूर सहायता: निर्मला

जागरण के अनुसार बिहार की बर्बादी के लिए लालू राबड़ी के साथ कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पटना में दावा किया कि मोदी सरकार में 2047 के विकसित भारत के लिए पूर्वी राज्य इंजन की भूमिका में होंगे। इन राज्यों में बिहार भी है। उन्होंने दावा किया कि 2015 में बिहार को 1.25 लाख करोड़ का विशेष पैकेज दिया गया था। “इसके अलावा भी आर्थिक सहायता दी जा रही है लेकिन विशेष राज्य का दर्जा के लिए केंद्रीय वित्त आयोग के अनुशंसा आवश्यक है।”

यूनिवर्सिटी की सैलरी पेमेंट में बदलाव की तैयारी

हिन्दुस्तान के अनुसार विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सीधे उनके खाते में वेतन का भुगतान शिक्षा विभाग करेगा। इसको लेकर विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। सीधे वेतन भुगतान के लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है। इस पोर्टल के संचालन को लेकर विभाग के द्वारा विश्वविद्यालयों और कॉलेज पदाधिकारियों को 25 मई से अलग-अलग प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभाग की उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों और अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों को इस संबंध में पत्र भेजा है।

कुछ और सुर्खियां

  • अमित शाह पर टिप्पणी के मामले में राहुल गांधी को 11 जून को रांची के एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर होने का आदेश
  • बिहार के 19 जिलों में आज आंधी पानी के आसार
  • बजट बैठक में नहीं आए मगध और बीएन मंडल विश्वविद्यालय के वीसी
  • किर्गिस्तान के दंगों में फंसे हुए हैं बिहार के 11 लोग
  • बिहार के राज्यपाल के सचिव ने स्कूलों में गर्मी छुट्टी जून के पहले हफ्ते तक बढ़ाने को लिखा
  • शराब नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की
  • जमीन हड़पने के आरोप में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली

अनछ्पी: इस चुनावी माहौल में याद रखने की एक प्रमुख बात यह भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग बिल्कुल बंद कर चुके हैं। नेता लोग तो वैसे ही अपने चुनावी नफा नुकसान को देखते हुए बयान देने के लिए जाने जाते हैं लेकिन जहां तक बिहार के हित की बात है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके वरिष्ठ मंत्री विजय चौधरी इस मामले में पूरी तरह सवालों के घेरे में हैं। याद रखने की बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री विजय चौधरी जब महागठबंधन की सरकार चला रहे थे तो लगातार यह आरोप लगा रहे थे कि केंद्र बिहार के हिस्से का पैसा नहीं दे रहा है। यह दोनों अब इस बात को भी भूल चुके हैं। इस समय इसकी चर्चा इसलिए की जा रही है कि मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पटना में थीं और उन्होंने यह दावा किया कि बिहार को भरपूर केंद्रीय आर्थिक सहायता मिल रही है। चुनावी यात्रा पर पटना पहुंचीं निर्मला ने उद्यमियों और बुद्धिजीवियों के साथ दो बैठकों के दौरान यह बात कही। निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और वह आगे बढ़ने लगा है और इसमें मोदी सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता की बड़ी भूमिका है। उन्होंने दावा किया के 2015 में बिहार को 1.25 लख करोड़ का विशेष पैकेज दिया गया था। विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर उन्होंने यह कहा कि इसके लिए केंद्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा जरूरी है। उसके बाद ही इस बारे में आगे विचार व्यवहार संभव है। यानी पटना आकर निर्मला सीतारमण ने निर्दयी भाव से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की नीतीश कुमार की मांग ठुकरा दी। भारतीय जनता पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन का बिहार को यह घाटा हो रहा है कि नीतीश कुमार और विजय चौधरी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं और वित्त मंत्री बड़े-बड़े दावे करके लौट गई हैं। सोचने की बात यह है कि अगर नीतीश कुमार इस समय भारतीय जनता पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन में नहीं होते तो क्या निर्मला सीतारमण इस तरह बिना किसी सवाल का सामना किए हुए पटना में यह दावा कर जातीं कि बिहार को भरपूर केंद्रीय आर्थिक सहायता मिली है। आखिर नीतीश कुमार के वरिष्ठ मंत्री विजय चौधरी के उन बयानों का क्या हुआ जिनमें वह कहते थे कि बिहार को केंद्र से उसका हिस्सा नहीं मिल रहा है।

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