छपी-अनछपी: राहुल की सदस्यता पर जर्मनी के बयान से बवाल, सीमांचल में बीजेपी की सूफी संवाद की तैयारी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता लिये जाने पर जर्मनी द्वारा दिए गए बयान पर बवाल मच ने की खबर प्रमुखता से ली गई है। सीमांचल में महागठबंधन के कार्यक्रम के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने पदयात्रा की तो अब भारतीय जनता पार्टी वहां सूफी संवाद की तैयारी कर रही है। इसके बारे में जागरण ने अहम खबर दी है। मौसम में बदलाव और बारिश के आसार की खबर भी प्रमुखता से छपी है। रामनवमी के दौरान कुछ राज्यों में हिंसा की खबर भी है।
जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है राहुल की सदस्यता पर जर्मनी का संज्ञान। हिन्दुस्तान ने लिखा है: राहुल पर जर्मनी के बयान से नई तकरार। जागरण के अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है कि हमने राहुल मामले का संज्ञान लिया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की ओर से इस बयान का स्वागत किए जाने के बाद भाजपा ने फिर से आरोप लगाया कि मुख्य विपक्षी दल भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप के विदेशी ताकतों को आमंत्रित कर रहा है। बवाल तब मच गया जब कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर जर्मन विदेश मंत्रालय का आभार जताया और कहा इसका संज्ञान लेने के लिए शुक्रिया कि राहुल गांधी के उत्पीड़न के जरिए लोकतंत्र के साथ समझौता किया जा रहा है। इधर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा अब और किसी सबूत की जरूरत नहीं रह गई है कि कांग्रेस विदेशी ताकतों से भारत में सरकार बदलने के लिए मदद मांगती है।
सीमांचल में सूफ़ी संवाद
जागरण की सुर्खी है: सीमांचल में पसमांदा मुसलमानों संग सूफ़ी संवाद करेंगी भाजपा, तैयारी में जुटी पार्टी। अखबार लिखता है कि महागठबंधन की पूर्णिया रैली से विपक्षी एकता का संदेश देने के बीच लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सीमांचल में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की सक्रियता के बाद भाजपा भी सक्रिय हो गई है। पार्टी ने अल्पसंख्यक मोर्चा को 30% से अधिक आबादी वाले 4 ज़िलों को विशेष लक्ष्य बनाकर बूथ स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में रमजान के बाद भाजपा सीमांचल के चार जिलों किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और अररिया में पसमांदा मुसलमानों के लिए सूफी संवाद कराने की तैयारी में जुट गई है। भाजपा नेतृत्व में बिहार अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तुफैल कादरी को बूथ स्तर तक पसमांदा समाज के बीच मोदी मित्र बनाने का ब्लूप्रिंट भी सौंप दिया है।
बिजली खपत में कमी
भास्कर ने मौसम से जुड़ी दो खबरों को प्रमुखता दी है। पहली खबर है: तापमान गिरा तो बिजली खर्च घटा, 33.40 करोड़ की बचत। दूसरी खबर है: देश में अप्रैल के पहले हफ्ते तक बारिश के आसार, फिर तेज गर्मी। पहली खबर में अखबार ने बताया है कि बिहार में पिछले 29 दिनों में 189% अधिक बारिश हुई। इस दौरान औसतन 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चली। ऐसे में एसी और कूलर के साथ ही पंखे भी बंद कर दिए गए जा रहे हैं। इससे बिहार में 29 दिनों में 28000 मेगावाट बिजली की कम खपत हुई है और उपभोक्ताओं को 34.40 करोड़ रुपए की बचत हुई।
गर्मी की बारी कब
मौसम के बारे में खबर में भास्कर लिखता है कि देश में इस साल मार्च से मौसम का मिजाज नरम रह रहा है। 6 पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहे। उत्तर से मध्य भारत तक मौसम खुशनुमा बना रहा। मौसम विज्ञानियों के अनुसार उत्तर भारत के राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण 2 अप्रैल तक बारिश का दौर रहेगा। 4 अप्रैल को दूसरे विक्षोभ की संभावना है। इसके असर से 8 अप्रैल तक बारिश होगी और तेज हवा चलेगी। अप्रैल के पहले सप्ताह के बाद पारा चढ़ेगा और फिर गर्मी की बारी आएगी।
रामनवमी पर झड़प
भास्कर की सुर्खी है: महाराष्ट्र, गुजरात व पश्चिम बंगाल में हिंसा पथराव और आगजनी हुई। देश में रामनवमी पर कई स्थानों पर उपद्रव की घटनाएं हुई हैं। गुजरात के वडोदरा में दो अलग-अलग इलाकों में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा हुई। घटना के बाद इलाके की दुकानें बंद कर दी गई और उपद्रवियों ने सड़क पर खड़े वाहनों के साथ तोड़फोड़ की। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में कुछ बद्री ने पथराव किया और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। वहीं, महाराष्ट्र के 2 जिलों- औरंगाबाद और जालौन में भी हिंसा की घटना हुई।
इंदौर में बड़ा हादसा, 28 की मौत
जागरण में पहले पेज पर खबर दी है: इंदौर के मंदिर में बावड़ी का स्लैब टूटा, 28 की गई जान। इंदौर के पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार सुबह बावड़ी का स्लैब टूट गया जिससे 28 लोगों की मौत हो गई। रामनवमी पर मंदिर में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए थे। 30 से अधिक श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित पुरानी बावड़ी पर स्लैब डालकर बनाए फर्श पर बैठकर हवन कर रहे थे। सुबह करीब 11:00 बजे स्लैब टूट गया और हवन कर रहे लोग बावड़ी में जा गिरे।
सहारा से पैसे वापस मिलने के आस
हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: सहारा में जमा रकम चार महीने में मिलेगी: शाह। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि सहारा में जमा लोगों की रकम चार महीने में वापस मिल जाएगी। श्री शाह सहकारिता मंत्री भी हैं। उन्होंने देशभर के सहारा को-ऑपरेटिव सोसाइटी के जमाकर्ताओं से कहा कि वे सेंट्रल को-ऑपरेटिव सोसाइटी को मांग आवेदन भेजें। सत्यापन होने के बाद उनका पैसा तीन से चार महीने में लौटाने की व्यवस्था कर दी जाएगी। शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की पहल पर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की चार को-ऑपरेटिव सोसायटियों में रकम लगाने वाले लगभग 10 करोड़ निवेशकों को उनका धन लौटाने का आदेश दिया। इस ऐतिहासिक निर्णय से सभी निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल सकेगा।
कुछ और सुर्खियां
- विधान परिषद की 5 सीटों के लिए वोटिंग आज, रिजल्ट 5 को
- मानहानि मामले में राहुल गांधी को पटना की अदालत से 12 अप्रैल को बुलावा
- लाहौर हाई कोर्ट ने राजद्रोह कानून को रद्द किया; कहा- दुरुपयोग हो रहा था
- आरा में रामनवमी शोभायात्रा में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के खिलाफ नारेबाजी
- धनबाद में प्रतिबंधित पशु काटने पर भारी बवाल, आरोपी के बेटे को पेड़ से बांधा, पुलिस से झड़प
- दुर्लभ बीमारियों की दवाएं सस्ती होंगी, सीमा शुल्क समाप्त
- बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट आज
- नेपाल को पसंद आ रहा कश्मीर का सेब, मांग 80% तक बढ़ गई
अनछपी: राहुल गांधी के मामले में जर्मनी का बयान भारतीय जनता पार्टी को कभी स्वीकार्य नहीं हो सकता लेकिन इसे सिर्फ यह कहकर खारिज नहीं किया जा सकता है कि किसी विदेशी सरकार ने यह बात कही है। भारतीय जनता पार्टी को यह बात इसलिए बुरी लग रही है कि उसकी सरकार है और यह बात उसके सरकार के खिलाफ जाती है। वास्तव में यह समय है इस बात का है कि इसका जायजा लिया जाए कि किसने कब विदेशी धरती पर भारत के बारे में बात की और भारत की मौजूदा भारतीय जनता पार्टी सरकार ने विदेश की सरकार के मनमाफिक बयान को कब-कब सराहा है। अमेरिका जाकर ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी को इस बात का ख्याल रखना चाहिए। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी शासकों को अपना दोस्त बता कर अपनी छवि बेहतर करने में लगे रहते हैं हालांकि यह बात सबको मालूम है कि विदेशी मामलों में ऐसी दोस्ती नहीं बल्कि कूटनीति काम आती है। जर्मनी ने भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने की कोशिश की है या नहीं इस पर बहस तो हो सकती है लेकिन इसमें क्या शक है कि राहुल गांधी को हाल के दिनों में भारतीय जनता पार्टी ने सबसे ज्यादा टारगेट किया है। भारतीय जनता पार्टी को इस बात पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हो। अगर विपक्षी सांसदों के साथ सरकार तांत्रिक मूल्यों वाला रवैया अपनाए तो इन मुद्दों पर विदेशी सरकार खुद-ब-खुद चुप रहेगी।
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