छ्पी-अनछपी: नीतीश के नहीं पलटने के वादे पर हंस पड़े मोदी, जन विश्वास महारैली आज

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को औरंगाबाद और बेगूसराय में विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ और उद्घाटन करने के बाद चुनावी भाषण दिया। उनके साथ मंच साझा कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब यह कहा कि वह बीच में गायब हो गए थे और अब आपके साथ परमानेंटली रहेंगे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। अखबारों में हंसी की बात का जिक्र नहीं है लेकिन इसका वीडियो वायरल है। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 195 उम्मीदवारों की पहले लिस्ट जारी की है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। पटना में आज इंडिया गठबंधन की जन विश्वास महारैली होने वाली है। इन खबरों को अखबारों ने काफी तवज्जो दी है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: बिहार को पुराने दौर में लौट नहीं देंगे: मोदी। औरंगाबाद और बेगूसराय से लिखी गई इस खबर में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह बिहार को फिर से पुराने दौर में नहीं जाने देंगे। उन्होंने इसे मोदी की गारंटी बताया और कहा कि इतिहास गवाह रहा है जब-जब बिहार और पूर्वी भारत समृद्ध रहा है तब तक भारत भी सशक्त रहा है। उन्होंने करीब 48000 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया।

परिवारवाद पर हमला बोला

प्रभात खबर ने लिखा है कि औरंगाबाद में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए की शक्ति बढ़ाने के बाद बिहार से परिवारवादी राजनीति हाशिए पर जाने लगी है। उन्होंने कहा कि बिहार को लूटने का सपना देखने वालों के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की डबल इंजन सरकार ने फिर रफ्तार पकड़ ली है।

अब इधर-उधर नहीं जाएंगे: नीतीश

औरंगाबाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की धरती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए उनका भरोसा दिलाया कि इस बार आप 400 सीट जीतिएगा। उन्होंने कहा कि बिहार का जो भी विकास होगा उसका श्रेय आपको देते रहेंगे। खूब आगे बढ़िए। खूब कम कीजिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीच में हम गायब हो गए थे। लेकिन हम आपको आश्वस्त करते हैं कि इधर-उधर नहीं जाएंगे, आपके साथ रहेंगे।

जन विश्वास महारैली आज

महागठबंधन की जनविश्वास महारैली रविवार को पटना के गांधी मैदान में होगी। इसमें राजद, कांग्रेस, भाकपा (माले), भाकपा व माकपा के प्रमुख नेता शिरकत करेंगे।रैली को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, सपा अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव, राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, माकपा के सीताराम येचुरी और भाकपा के डी. राजा संबोधित करेंगे। यह रैली 11 बजे दिन से शुरू होगी और करीब पांच घंटे चलेगी।

वाराणसी से मोदी उम्मीदवार

प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: वाराणसी से फिर मोदी, गांधीनगर से शाह। भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर वाराणसी से, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गांधीनगर से और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से चुनाव लड़ेंगे। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विदिशा से उम्मीदवार बनाया गया है जबकि भोपाल से मौजूदा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का टिकट कट गया है। दिल्ली की एक सीट पर पूर्व मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को टिकट दिया गया है। आसनसोल से भोजपुरी कलाकार पवन सिंह को टिकट दिया गया है जहां से इस समय तृणमूल कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा सांसद हैं। झारखंड में कांग्रेस से भाजपा में आई गीता कोड़ा को पूर्वी सिंहभूम से टिकट दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस बार एक मुस्लिम को भी टिकट दिया गया है। केरल की मल्लपुरम लोकसभा सीट से डॉक्टर अब्दुल सलाम को टिकट मिला है।

ब्रजेश मेहरोत्रा नए चीफ सेक्रेटरी

हिन्दुस्तान की खबर है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (बिहार कैडर) के 1989 बैच के अधिकारी ब्रजेश मेहरोत्रा राज्य के मुख्य सचिव बनाए गए है। वहीं, भारतीय प्रशासनिक सेवा (बिहार कैडर) के 1990 बैच के अधिकारी चैतन्य प्रसाद को विकास आयुक्त के पद पर स्थानांतरित किया गया है। सामान्य प्रशासन के सचिव मो. सोहैल ने शनिवार को अधिसूचना जारी की। यह व्यवस्था 4 मार्च से प्रभावी होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को मुख्य सचिव बनाया गया है। जल संसाधन के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद को अगले आदेश तक विकास आयुक्त बनाया गया है। गौर हो कि सरकार ने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) शनिवार को ही मंजूर कर ली थी।

शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे वीसी

प्रभात खबर की खबर है कि शिक्षा विभाग के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में किसी विश्वविद्यालय के वीसी या रजिस्ट्रार नहीं आए। चाणक्य लॉ विश्वविद्यालय में होने वाले इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को विश्वविद्यालय के महज 6 अधिकारी पहुंचे। दरअसल राज भवन ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी थी। ऐसे में कोई कुलपति या रजिस्ट्रार इसमें शामिल नहीं हुए। उधर वीसी और रजिस्ट्रार के नहीं पहुंचने के बाद इस दो दिवसीय कार्यक्रम को ही रद्द कर दिया गया।

कुछ और सुर्खियां

  • एक दिन में बिहार में बने 10 लाख आयुष्मान कार्ड, मिलेगा 5 लाख तक का मेडिकल बीमा
  • 4 लाख 80 हज़ार किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने की योजना शुरू
  • कल तक जारी रहेगा बिहार के मौसम में बदलाव, आज भी बारिश के आसार
  • भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर राजनीति से संन्यास लेंगे
  • यूपी सिपाही भर्ती पेपर लीक कांड के दो आरोपित पटना से हुए गिरफ्तार

अनछपी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब मजाक का पात्र बनने लगे हैं। नीतीश कुमार को कभी पीएम मैटेरियल कहा गया था और यह उम्मीद की जा रही थी कि वह नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती देंगे लेकिन आज वह एक लाचार मुख्यमंत्री के रूप में नजर आ रहे हैं। उन्हें अपने बार-बार पलटी मारने पर सफाई देनी पड़ रही है। शनिवार को भी जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने यह सफाई दी कि अब वह कहीं नहीं जाने वाले हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। इसका वीडियो वायरल होने के बाद यह अंदाजा लगता है कि नीतीश कुमार की स्थिति क्या हो गई है। उस कार्यक्रम के एक दिन के बाद पटना में जनविश्वास महारैली रही है जिसमें इंडिया गठबंधन के सभी बड़े नेता पहुंचने वाले हैं। इंडिया ब्लॉक् का सूत्रधार नीतीश कुमार को माना जाता है। सोचने की बात यह है कि अगर आज नीतीश कुमार इस महारैली में शामिल होते तो कैसे पूरी इज्जत के साथ उन्हें लिया जाता और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने का संकल्प दोहराते। यह वही नरेंद्र मोदी हैं जिन्होंने कभी नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल उठाया था और यह वही नीतीश कुमार हैं जिन्होंने बार-बार यह कहा था कि केंद्र कोई काम नहीं कर रहा है और भाजपा पर सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का आरोप लगाया था। यह बात तो पहले से कही जा रही है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिलाने के बाद बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बहुत ही बेचारे नजर आ रहे हैं। बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है और कई लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार की इसमें लाचारी या रणनीति हो सकती है। सवाल यह है कि आखिर नीतीश कुमार को यह सफाई क्यों देनी पड़ रही है और क्या उनकी सफाई पर कोई भरोसा करेगा? ऐसे में यह माना जा सकता है कि बिहार सरकार फिलहाल दो ऐसे घटक दलों के द्वारा चलाए जा रहा है जो एक दूसरे पर भरोसा नहीं करते। अगस्त 2022 में जब नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद के साथ हाथ मिलाया था तो यह माना गया था कि उन्होंने भाजपा पर अपनी पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया था। अब यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार को शायद ही मुख्यमंत्री के रूप में जारी रखना पसंद करे। ऐसे में जनता दल यूनाइटेड में कोई बड़ी टूट हो जाए तो किसी को ताज्जुब नहीं होगा।

 

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