छपी-अनछपीः सोनिया से ईडी की पूछताछ पर सियासत गरमाई, इंजीनियर के पास आय से पांच गुना संपत्ति

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। नेशनल हेरल्ड अखबार के मामले में सोनिया गांधी से ईडी ने मंगलवार को पूछताछ की और बुधवार का भी बुलावा दिया है। इस पर मचे सियासी संग्राम की खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। दूसरी तरफ ’बुडको’ के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के घर से घूस के पैसे मिलने की खबर भी पहले पेज पर लीड छपी है। नीतीश कुमार के कोरोना पाॅजिटिव होने और बिहार में मंकीपाॅक्स की दस्तक की खबर भी प्रमुखता से छपी है।
हिन्दुस्तान की पहली खबर हैः सोनिया से ईडी की पूछताछ पर संग्राम। इसमें यह जानकारी भी दी गयी है कि राहुल गांधी समेत 57 कांग्रेसी नेताओं को धरना देते हुए हिरासत में लिया गया। जागरण की सबसे बड़ी खबर हैः सियासी रार और बढ़ी, राज्यसभा के 19 विपक्षी सांसद निलंबित। टाइम्स आॅफ इंडिया ने जानकारी दी है कि छह घंटे की पूछताछ में सोनिया ने बताया कि नेशनल हेरल्ड से जुड़े एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का मामला मोतीलाल वोरा देखते थे। इसमें 800 करोड़ रुपये के लेनदेन में हेराफेरी का आरोप है।
एसयूवी- स्टेट विजिलेंस यूनिट द्वारा बुडको- बिहार अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट काॅरपोरेशन लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार यादव के खिलाफ छापेमारी की खबर प्रभात खबर की लीड है। इसकी सुर्खी हैः बुडको के इंजीनियर के पास से आय से पांच गुनी अधिक संपत्ति मिली। भास्कर की हेडलाइन हैः इंजीनियर ने 400 करोड़ के टेंडर में बड़ी कमाई की, कई शहरों में संपत्ति।
भास्कर ने अपनी खास खबर लीड बनायी हैः बिहार और झारखंड को रु. 90 हजार करोड़ के 2000 नोट मिले, इनमें 96 फीसदी लापता। इसमें यह जानकारी दी गयी है कि 2019 से आरबीआई ने यह नोट छापना बंद कर दिया है।
टाइम्स आॅफ इंडिया ने 5 जी स्पेक्ट्रम के बारे मंे खबर को सबसे अहम जगह दी है। इसमें बताया गया है कि पहले दिन की इसकी बिक्री में 1.45 लाख करोड़ रुपये आये।
71 साल के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में खबर दी गयी है कि इस साल वे दूसरी बार कोरोना पाॅजिटिव हुए हैं। उनकी तबीयत दो दिन से खराब चल रही थी। इस बीच हिन्दुस्तान की सुर्खी भी सावधान करने वाली हैः डेंगू-मलेरिया के बीच मंकीपाॅक्स ने बढ़ाई चिंता।
फुलवारी शरीफ में आरोपित आतंकी माड्यूल की जांच के लिए एनआईए के आईजी आशीष बत्रा के पटना पहुंचने की खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है।
अनछपीः बिहार के सरकारी अफसरों के बारे में यह खबर अब बिल्कुल नहीं चैंकाती कि उनके पास से आय से अधिक संपत्ति मिली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह जुमला बहुत ही मशहूर है कि वे तीन सी से समझौता नहीं करते- क्राइम, करप्शन और कम्यूनलिज्म। देखा जाए तो इन तीनों में उन्हें चुनौती का सामना है। फिलहाल बात करते हैं करप्शन का तो नीतीश कुमार को यह बात कोई भी आम बिहारी बता सकता है कि करप्शन किस हद तक बढ़ा है। यह कुछ लोगों को करप्शन के साथ पकड़ना अच्छी बात है लेकिन यह निशानी भी है कि बीमारी कितनी गहरी है और इलाज कितना सतही। ब्लाॅक-अंचल कार्यालय से लेकर सचिवालय तक किस कदर घूसखोरी चल रही है, यह कोई ढंकी-छिपी बात नहीं है। ऐसे में नीतीश कुमार को ऐसी कुछ कार्रवाइयों की नहीं बल्कि बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जरूरत है।

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