छपी-अनछपी: गुलाबी नोट वालों को लगना होगा लाइन में, महावीर मन्दिर की हर दिन की आमदनी ₹10 लाख
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ₹ 2000 के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला किया है। इन नोटों को सितंबर तक बदलने की इजाजत होगी। यह खबर सभी जगह छाई हुई है। पटना के मशहूर महावीर मंदिर की हर दिन की आमदनी ₹1000000 है। इसके बारे में सभी अखबारों में खबर है।
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: गुलाबी नोट वालो! अब लगो लाइन में। हिन्दुस्तान की सुर्खी है: दो हज़ार का नोट चलन से बाहर होगा। जागरण ने लिखा है: प्रचलन से बाहर होंगे दो हज़ार के नोट। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्लीन नोट पॉलिसी के तहत 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया है। हालांकि, अभी ये नोट चलन में बने रहेंगे। मगर, आरबीआई ने लोगों को 30 सितंबर 2023 तक इन नोटों को बैंकों में जमा करने या फिर बैंकों और रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों में बदलने की सलाह दी है। एक व्यक्ति एक बार में 2000 के 10 नोट बदली करवा सकेगा हालांकि यह पाबंदी नोट जमा करने पर नहीं है। आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि 2000 रुपये के 89 फीसदी नोट मार्च, 2017 के आसपास के हैं।
पहली नोटबंदी
भास्कर ने लिखा है कि 8 नवंबर 2016 की नोटबंदी के करीब साढ़े छह साल बाद देश में फिर नोटबंदी हुई है। पहली नोटबंदी के वक्त 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने के बाद 500 के नए नोट और 2000 के नोट जारी किए गए थे। सूत्रों के मुताबिक बड़े नोटों को काले धन के रूप में इकट्ठा करने की जानकारी आने के बाद रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया है। अखबार के अनुसार शुक्रवार शाम नोटबंदी का ऐलान होते ही गुजरात के बाजार में लोग इनके आवाज में सोना चांदी खरीदने पहुंचने लगे। 2000 के नोट में भुगतान कर सोना चांदी खरीदने वालों को 8 से 10 हज़ार रुपये अतिरिक्त चुकाने पड़ रहे थे।
महावीर मन्दिर की आमदनी
हिन्दुस्तान की सुर्खी है: पटना का महावीर मंदिर काशी विश्वनाथ से ज्यादा धनवान। भास्कर की सुर्खी है: महावीर मंदिर की आय ₹10 लाख प्रतिदिन, राम मंदिर के लिए 6 करोड़ सहयोग राशि दी। पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर से ज्यादा धनवान है। महावीर मंदिर की सालाना आय 36 करोड़ रुपये, जबकि काशी विश्वनाथ का सालाना चढ़ावा 4 से 5 करोड़ रुपये ही है। महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने शुक्रवार को बताया कि महावीर मंदिर की प्रतिदिन की आय दस लाख रुपये से ज्यादा हो गई है। कोरोना संक्रमण के दौरान इसकी आय में कमी आयी थी। उन्होंने कहा कि महावीर मंदिर का वर्ष 1987 में प्रबंधन मिलने के पहले इसकी अधिकतम आय 11 हजार रुपये सालाना थी। मंदिर की आय चढ़ावे की राशि, कर्मकांड शुल्क, नैवेद्यम की बचत राशि और स्वैच्छिक चंदे से प्राप्त होती है।
तेजस्वी की आशंका
चार्जशीट में जोड़ा जा सकता है मेरा नाम: तेजस्वी यादव। यह बयान सभी जगह है। हिन्दुस्तान के अनुसार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि चार्जशीट में कभी भी उनका नाम भी जोड़ा जा सकता है। शुक्रवार को उन्होंने सीबीआई और ईडी को लेकर फिर मोदी सरकार पर हमला बोला। कहा कि ईडी और सीबीआई लगातार छापेमारी कर रही है। ‘जांच एजेंसियों को तो यह भी पता नहीं है कि उन्होंने कितनी बार हमारे घर पर छापेमारी और पूछताछ की है। इस समय चार्जशीट में तो मेरा नाम भी नहीं है, लेकिन सप्लीमेंट्री चार्जशीट में नाम जोड़ दे तो हैरानी नहीं होगी।”
अदानी मामला और सेबी
भास्कर की खबर है: सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने कहा- अदानी मामले में सेबी की नाकामी नहीं लगती। अदानी समूह को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई जांच समिति ने हिंडनबर्ग केस में क्लीन चिट दी है। इस रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट समिति ने कहा है कि अदानी ग्रुप द्वारा पहली नजर में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया है और बाजार नियामक सेबी ने भी समूह की ओर से दी गई जानकारी को गलत नहीं बताया है। समिति ने रिपोर्ट में कहा कि शेयरों की कीमत बढ़ने में कानूनों का उल्लंघन नहीं हुआ है। सेबी को कीमतों में बदलाव की पूरी जानकारी थी उससे कोई जानकारी नहीं छिपाई गई।
कुछ और सुर्खियां
- कर्नाटक में सिद्धारमैया आज लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, समारोह में नीतीश और तेजस्वी होंगे शामिल
- ज्ञानवापी मस्जिद में कार्बन डेटिंग के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से फिलहाल रोक
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अनछपी: जिस नोटबंदी को आज से साढ़े छह साल पहले मास्टर स्ट्रोक और काला धन की समाप्ति के उपाय के रूप में पेश किया गया था, उसी के बाद जारी 2000 के नोट को अब वापस लेने का ऐलान किया गया है। दिलचस्प यह है कि पहले काला धन पर कंट्रोल के लिए ₹2000 नोट जारी करने की बात कही गई थी और अब उसे वापस करने में भी काला धन पर रोक लगाने की बात की जा रही है। नोट छापने और उसे वापस लेना आरबीआई के हाथ में है लेकिन लोगों को परेशानी इस बात से होती है कि अब उन्हें नोट बदलवाने के लिए फिर लाइन में लगना होगा। नोट बदलवाने में भी यह शर्त है कि एक बार में 10 नोट से ज्यादा नहीं बदले जाएंगे। यह तो सरकारी ऐलान है लोग, जब हकीकत में 2000 के नोट बदलवाने बैंक पहुंचेंगे तब उन्हें मालूम होगा कि और क्या-क्या शर्त जोड़ दी गई है। इस तरह से नोट बदलने की प्रक्रिया से ग्राहक और बैंक वाले दोनों परेशान होते हैं। नोट को प्रचलन से वापस लेने का एक तरीका तो यह है कि बैंकों को उन नोटों को वापस बाजार में भेजने से मना कर दिया जाए। उदाहरण के लिए ₹5 और ₹1 के पुराने नोट अब बाजार में नजर नहीं आते लेकिन इसके लिए कोई सरकारी ऐलान नहीं किया गया था। इससे नोट रखने वालों को भी कोई परेशानी नहीं हुई और नोट वापसी का काम भी पूरा हो गया। अभी नोट वापसी के लिए समय सीमा तय कर देने से लोग बाजार में 2000 का नोट लेने से साफ तौर पर इंकार कर देंगे। जाहिर है इसके कारण लोगों को बैंकों में लाइन लगाकर नोट वापस करने को मजबूर होना पड़ेगा। इस मजबूरी से बचा जा सकता था। उम्मीद की जानी चाहिए कि लोगों को 2000 के नोट बदलने में बैंकों की तरफ से ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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