बिहार -झारखंड में हैं आरएसएस की तीन हज़ार से अधिक शाखाएं, और करेगा विस्तार
बिहार लोक संवाद डॉट नेट
पटना, 10 दिसंबर: बिहार और झारखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 3000 से अधिक शाखाएं हैं। संघ अभी और विस्तार करना चाहता है। संघ के सूत्रों के मुताबिक संघ अपनी शाखाओं को और अधिक बुनियादी सुविधाओं से लैस करेगा।
संघ फिलहाल बिहार को उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार में विभाजित कर तथा झारखंड को एक प्रांत के रूप में मानकर काम करता है।
पटना सिटी के मिर्ची मिर्ची स्थित केशव सरस्वती विद्या मंदिर में हाल ही में आरएसएस (उत्तर पूर्व क्षेत्र) के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की दो दिन की बैठक हुई।
इस बैठक में संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत के अलावा भैया जी जोशी, सुरेश सोनी सहित 40 शीर्ष पदाधिकारी शामिल हुए।
बिहार चुनाव के बाद हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में मंदिर, जलस्रोत और श्मशान सबके लिए एक रखने की बात कही गयी। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार संघ के प्रेस नोट में कहा गया कि ऐसे स्थल सभी के लिए खुले होने चाहिए। संघ के अनुसार हमारा समाज एक परिवार है और किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
संघ को जानने वाले सूत्रों का कहना है कि बिहार और झारखंड से मंदिर, तालाब और श्मशान में भेदभाव की शिकायतें मिलने के कारण ऐसी बात कही गयी है।
इस बैठक में परिवार में संस्कारयुक्त माहौल बनाने पर जोर दिया गया।।इसके लिए संघ कुटुंब प्रबोधन का कार्यक्रम चलाता है।
संघ ने कोरोना के बावजूद हर दिन शाखा लगाने की बात कही है हालांकि इसके साथ दिशा निर्देशों का पालन करने को भी कहा गया है।
संघ ने जल संरक्षण, जल प्रबंधन व जल की बर्बादी रोकने के साथ पौधरोपण करने और प्लास्टिक के उपयोग पर पाबंदी जैसे विषयों पर जागरूकता अभियान चलाने की बात कही है।
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