छ्पी-अनछपी: 58 लाख परिवारों का मेडिकल बीमा कराएगी बिहार सरकार, ‘राजद MY-BAAP की पार्टी’

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, बिहार पटना। बिहार सरकार 58 लाख परिवारों को मेडिकल बीमा देगी। तेजस्वी यादव ने आरजेडी को माय-बाप की पार्टी बताया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि स्कूलों का समय 10:00 बजे से लेकर 4:00 बजे ही होगा। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ का मेयर आपके काउंसलर को घोषित किया है। लगभग सभी अखबारों ने इन चार खबरों को प्रमुख स्थान दिया है। इसके अलावा संपादकीय पेज पर दिवंगत जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आलेख सभी जगह है।
हिन्दुस्तान और जागरण की पहली खबर बिहार सरकार की यह घोषणा है कि 58 लाख परिवारों को मेडिकल बीमा दिया जाएगा। राज्य सरकार अपने संसाधन से करीब 58 लाख परिवारों को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी। यह पूरी तरह केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत की तर्ज पर होगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। पांच लाख रुपये का यह बीमा कैशलेस होगा। बीमार पड़ने पर केंद्र की योजना की तर्ज पर इस योजना से चयनित अस्पतालों में मरीज अपना इलाज करा सकेंगे। बिहार के 1.09 करोड़ परिवारों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया था। राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र ने इसे संशोधित कर 1.21 करोड़ परिवार कर दिया। वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में 1.79 करोड़ परिवार हैं। इस तरह आयुष्मान भारत योजना से ऐसे करीब 58 लाख परिवार वंचित रह गए थे।
राजद अब MY-BAAP की पार्टी
भास्कर की पहली खबर है: राजद माय (MY) की ही नहीं बाप (BAAP) भी पार्टी। जान विश्वास यात्रा पर निकले तेजस्वी यादव ने मंगलवार को राजद का नया पॉलिटिकल स्टैंड सार्वजनिक किया। जनाधार विस्तार का नया नारा दिया। माय समीकरण के ठप्पे के साथ एक फार्मूला परोसा। सीतामढ़ी के डुमरा की सभा में बोले भाजपा वाले कहते हैं कि राजद MY माय की पार्टी है। “तो सुन लीजिए हमारे साथ MY (माय…मुस्लिम -यादव) ही नहीं बाप BAAP भी हैं। B- बहुजन, A अगड़ा, A आधी आबादी और P से Poor यानी गरीब। और यह सब A टू Z में आते हैं।” तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज भी कसा और कहा कि उनके पास अब ना कोई विजन है और नहीं गठबंधन बदलने का रीजन है।
स्कूल 10 बजे से 4 बजे तक
प्रभात खबर की पहली खबर है: आज से स्कूलों में 10:00 से शाम 4:00 बजे तक पढ़ाई: सीएम। राज्य के सरकारी स्कूलों में आज से पढ़ाई का समय सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक पहले की तरह होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की। अब स्कूलों में पहले घंटी 10:00 बजे शुरू होकर 10:40 बजे तक चलेगी। अंतिम कक्षा 4:00 बजे खत्म हो जाएगी। सीएम ने कहा कि शिक्षा विभाग ने सुबह नौ से शाम 5 बजे तक स्कूल का समय कर दिया, यह ठीक नहीं है। हमने पहले ही कहा था कि नौ से 5 बजे तक स्कूल का समय नहीं होना चाहिए। 10 बजे से 4 बजे तक होना चाहिए।
चंडीगढ़ में ‘आप’ के मेयर
हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला देते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आप के पार्षद कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया। तकरीबन 100 मिनट चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने 30 जनवरी को पीठासीन अधिकारी द्वारा घोषित नतीजे रद्द करते हुए यह फैसला दिया। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, तथ्यों से साफ है कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने जानबूझकर 8 मतपत्र अवैध घोषित किया ताकि भाजपा उम्मीदवार को मेयर चुनाव में विजयी घोषित किया जा सके। अवैध घोषित मत आप प्रत्याशी के पक्ष में थे। चंद्रचूड़ ने कहा, ऐसे में 8 मतों के साथ याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार के पक्ष में कुल 20 मत हो गए, लिहाजा उन्हें महापौर चुनाव में विजयी घोषित किया जाता है।
मोदी का दावा: 370 हटने के बाद हुआ विकास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 पूर्ववर्ती राज्य के विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा था। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर ने सभी इलाकों और क्षेत्रों में संतुलित विकास देखा है, जो अब एक केंद्रशासित प्रदेश है। मोदी जम्मू-कश्मीर के लिए 32,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम के बाद रैली को संबोधित कर रहे थे।
कुछ और सुर्खियां

  • बिहार से राज्यसभा के लिए संजय झा, भीम सिंह, धर्मशीला गुप्ता, अखिलेश सिंह, मनोज झा व संजय यादव निर्विरोध निर्वाचित
  • लोकसभा चुनाव: जदयू ने तीन फेज में, राजद व कांग्रेस ने बैलेट पेपर से चुनाव का दिया सुझाव
  • महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को मिलेगा 10% आरक्षण
  • आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटना के पूर्व डीएम व रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर रमेश अभिषेक के दिल्ली के ठिकानों पर छापे
  • खालिस्तान संगठन ने नक्सलियों से कहा- रांची में नहीं होने दो भारत-इंग्लैंड का मैच
  • आईआईटी पटना को मिले 24 नए भवन

अनछ्पी: बिहार सरकार ने 58 लाख परिवारों का मेडिकल बीमा करने की घोषणा की है जो सुनने में तो अच्छा लगता है लेकिन इससे जुड़े कई पहलू हैं जिन पर सवाल करना जरूरी है। सबसे पहला सवाल तो यही है कि जब केंद्र सरकार आयुष्मान योजना के तहत मेडिकल बीमा देती है तो राज्य सरकार को इसकी जरूरत क्यों पड़ी? वह भी उस समय जबकि बिहार में एक बार फिर कथित रूप से डबल इंजन की सरकार बन चुकी है। 58 लाख परिवारों को राज्य की ओर से मेडिकल बीमा देने की जरूरत इसलिए पड़ी कि इन्हें आयुष्मान कार्ड नहीं मिल पाया था। एक ही काम के लिए दो अलग-अलग सरकारों को व्यवस्था करना पड़े, इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए। बिहार सरकार चाहती तो केंद्र से यह कह सकती थी कि वह बाकी बचे 58 लाख परिवारों के लिए जरूरी पैसे उपलब्ध करा देगी। लेकिन सेवा देने के साथ-साथ क्रेडिट लेने की भी होड़ रहती है इसलिए आसान लगने वाला काम भी मुश्किल बन जाता है। आयुष्मान कार्ड हो या राज्य सरकार द्वारा जारी होने वाला मेडिकल बीमा कार्ड इसके बारे में दो बातों पर गौर करना जरूरी है। पहली तो यह कि आयुष्मान कार्ड बनाना इतना मुश्किल क्यों है और क्या राज सरकार द्वारा जारी होने वाला मेडिकल बीमा कार्ड बनाना आसान होगा? यह मेडिकल बीमा उन्हीं लोगों को दिया जाता है जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आते हैं यानी जिनके पास राशन कार्ड है। दूसरी तरफ सच्चाई यह है कि लाखों लोग ऐसे हैं जिनका राशन कार्ड नहीं बन पाया है। सरकार को राशन कार्ड बनाने में होने वाली परेशानी पर भी ध्यान देना चाहिए। दूसरी बात यह है कि आयुष्मान मेडिकल बीमा कार्ड हो या दूसरा कोई अन्य बीमा कार्ड, जरूरतमंद लोगों को कई बीमारियों के मामले में इससे फायदा नहीं मिल पाता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि आयुष्मान कार्ड से लाखों लोगों को लाभ हुआ है लेकिन इसके बेहतर इस्तेमाल के बारे में सोचने की ज़रूरत है।

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