छपी-अनछपी: इतिहास बदलने नहीं देंगे: नीतीश, आज कोलकाता-लखनऊ में विपक्षी एकता की पहल

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जो इतिहास बदलना चाहते हैं, देश उन्हें बदल देगा। उनके इस बयान को सभी जगह अहमियत मिली है। विपक्षी एकता की कोशिशों में लगे नीतीश कुमार आज कोलकाता में ममता बनर्जी और लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले हैं। यह खबर भी पहले पेज पर है।

जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: मुख्यमंत्री ने चेताया जो लोग इतिहास बदलना चाहते हैं उन्हें देश बदल देगा। हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: इतिहास नहीं बदलने देंगे: सीएम। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को केन्द्र की भाजपा सरकार को निशाने पर रखा। कहा कि हम तो पूरे देश के लिए सोच रहे हैं। कुछ लोग पूरे देश के इतिहास को बदलने के चक्कर में हैं। इतनी बड़ी आजादी की लड़ाई लड़ी गई, उसे नई पीढ़ी को जानना चाहिए, लेकिन कुछ लोग सब बदल देना चाहते हैं। हमलोग देश का इतिहास बदलने नहीं देंगे। जो लोग देश का इतिहास बदलने में लगे हैं, वे बदल नहीं पायेंगे, देश की जनता उन्हें ही बदल देगी। सीएम ने ये बातें जदयू मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में भामाशाह जयंती समारोह में कहीं।

कोलकाता और लखनऊ में विपक्षी एकता की कोशिश

हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: नीतीश कुमार आज अखिलेश यादव और ममता बनर्जी से मिलेंगे। 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता की मुहिम को आगे बढ़ाने तथा इसे और मजबूती देने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलेंगे। जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार दोनों नेताओं से एक दिन में ही मुलाकात करने पहले कोलकाता और फिर लखनऊ जाएंगे।

अमृतपाल का सरेंडर या गिरफ्तारी

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: अमृतपाल जहां हजारों के सामने चीफ़ बना, वहीं सरेंडर को पहुंचा; कोई नहीं आया। अख़बार लिखता है कि 36 दिन से भागता फिर रहा अमृतपाल रविवार सुबह 5:30 बजे मोगा जिले में आतंकी भिंडरवाला के गांव रोड़े के गुरुद्वारा में पहुंचा और माइक से प्रवचन देने लगा। तभी सिविल ड्रेस में मौजूद पुलिस ने घेराबंदी कर दी लेकिन गुरुद्वारे में प्रवेश नहीं किया। अमृतपाल पर देशद्रोह समेत 16 मामले दर्ज हैं। एनएसए लगा है। अमृतपाल खुद ही बाहर आया। पुलिस ने कहा कि उसे गिरफ्तार किया गया। जबकि सूत्र कह रहे हैं कि वह सरेंडर करने ही पहुंचा था। उसने इस गुरुद्वारे को आखरी संदेश देने के लिए इसलिए चुना क्योंकि 6 महीने पहले यहीं पर उसे हजारों लोगों की मौजूदगी में ‘वारिस पंजाब दे’ का चीफ बनाया गया था। अमृतपाल ने सुबह गुरुद्वारे में दर्शन किए। संगत को संबोधित किया। कहा कि मुझे कौम के सामने साबित करना था कि मैं भगोड़ा नहीं हूं। मैं दुनिया के लिए दोषी हो सकता हूं लेकिन ऊपर वाले के लिए नहीं। मैंने फैसला किया है कि इस धरती पर लड़े हैं, इसी धरती पर लड़ेंगे, इससे छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।

पहलवान फिर धरने पर

हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों ने फिर ताल ठोकी। भाजपा के सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ यौन शौषण मामले को लेकर पहलवानों ने एक बार फिर ताल ठोक दी है। मशहूर कुश्ती पहलवान रविवार को फिर से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोपों को दोहराया और न्याय मिलने तक धरना जारी रखने का ऐलान किया। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ बैठे पहलवानों ने शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। साक्षी ने कहा, सात पहलवान लड़कियों ने शिकायत दी है, लेकिन पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही। यह संवेदनशील मामला है लेकिन इसमें देरी क्यों हो रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी सोमवार को बात करने की बात कह रहे। वहीं पुलिस का कहना है कि हम शिकायत की जांच कर रहे हैं।

कुछ और सुर्खियां

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  • तेलंगाना में जीते तो मुस्लिम आरक्षण खत्म करेंगे: अमित शाह
  • झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री का आपत्तिजनक वीडियो वायरल
  • मायावती का आनंद मोहन की रिहाई पर पुनर्विचार का अनुरोध
  • महंगाई की मार, सवा दो लाख लोगों ने पैसे लेकर नहीं बनाया पीएम आवास
  • अभी गर्मी से राहत; दिन और रात का पारा सामान्य से नीचे, मई से फिर लौटेगी गर्मी
  • अफ्रीका से लाए गए दूसरे चीते की मौत, यहां 65 दिन जिंदा रहा
  • नेपाल सीमा के वाल्मीकिनगर से झारखंड बॉर्डर हरिहरगंज तक अब बिहार में 454 किलोमीटर का नया फोर लेन हाईवे

अनछपी: इतिहास बदलने के बारे में नीतीश कुमार का बयान बहुत देर से आया है लेकिन स्वागत योग्य है। यह भी कहा जा सकता है कि यह बयान अभी इतना मजबूत नहीं है जितने की जरूरत है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने इतिहास की किताबों के साथ जो तोड़-मरोड़ शुरू किया है उसका अंत कहां होगा इसका अंदाजा अभी शायद ही किसी को हो। फिलहाल तो इतिहास की किताबों में ऐसे बदलाव ही हो रहे हैं जो किसी व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के संदेश का परिणाम लगता है। अच्छी बात यह है कि नीतीश कुमार जैसे नेता ने इस मामले को देर से ही सही लेकिन उठाया है। हाल यह है कि नीतीश कुमार के सिर्फ एक बयान से क्या इतिहास बदलने की प्रक्रिया को बदला जा सकता है? जो काम केंद्र सरकार देश के स्तर पर करना चाहती है नीतीश कुमार के लिए उसे बदलने के लिए सिर्फ एक बयान काफी नहीं होगा। नीतीश कुमार जिस तरह विपक्ष की एकता की कोशिश कर रहे हैं, क्या उनसे यह उम्मीद करना सही होगा कि वह इतिहास के साथ छेड़छाड़ के खिलाफ भी उसी एकता की कोशिश करेंगे? नीतीश कुमार अगर इस काम में पहल करते हैं तो वह राजनीति के साथ शिक्षा जगत में भी अहम काम करने वाले माने जाएंगे। जाहिर है एनसीईआरटी की किताब में नीतीश कुमार के स्तर से कुछ नहीं हो सकता लेकिन बिहार में पढ़ाई जाने वाली किताबों में सही बातें लिखी जाएं यह सुनिश्चित करना तो निश्चित रूप से नीतीश कुमार के हाथ में है। बिहार टेक्सट बुक्स कारपोरेशन की किताबों में इतिहास के बारे में या विज्ञान के बारे में भी जो बातें पढ़ाई जाती हैं वह तथ्य पर आधारित हों, इसके लिए नीतीश कुमार को एक विशेषज्ञ समिति बनानी चाहिए। आमतौर पर बिहार टेक्स्ट बुक कॉरपोरेशन की किताब एनसीईआरटी की किताब से प्रभावित होती है, इसलिए यह करना बेहद जरूरी है। बिहार के शिक्षाविदों की भी यह जिम्मेदारी है कि नीतीश कुमार को इस काम के लिए तैयार करें। यह सवाल तो सबके मन में  है कि बच्चों को ही अगर इतिहास की सही जानकारी नहीं दी जाएगी तो वह बड़े होकर आखिर समाज को किस रुख़ ले जाएंगे।

 

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