छपी-अनछपीः भाजपा-जदयू में तलाक-तलाक-तलाक की बहस, ओडिशा के मंत्री की हत्या
बिहार लोक संवाद, पटना। बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल युनाइटेड ने साथ मिलकर करीब पंद्रह साल शासन किया है लेकिन अब दोनों में जबर्दस्त तू-तू, मैं-मैं हो रही है और इस बहस में तलाक-तलाक-तलाक कहने की बात भी आ गयी है। इसकी खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। उधर ओडिशा में एक मंत्री की उनकी रक्षा में लगे एएसआई ने ही हत्या कर दी जिसे पहले पेज पर जगह मिली है। नीतीश कुमार की समाधान यात्रा और उसकी खबर भी जारी है।
हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर सुर्खी दी हैः भाजपा कार्यसमिति के एलान पर सियासी संग्राम। इसके तहत दो बयान हैं। 1. भाजपा किसी कीमत पर जदयू से गठबंधन नहीं करेगी। 2. जदयू ने पहले ही खुद खारिज कर दियाः त्यागी। भास्कर में भी ऐसी ही खबर है जिसमें बताया गया है कि बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने कहा है कि अब किसी भी कीमत पर जदयू से गठबंधन नहीं होगा। दरभंगा में दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में तय किया गया है कि नीतीश कुमार या जदयू के साथ अब कभी नहीं जाएंगे।
तावड़े के बयान पर जदयू ने तीखी प्रतिक्रया व्यक्त की है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि वे क्या हमसे गठबंधन नहीं करेंगे, हमने खुद पहले ही उन्हें रिजेक्ट (खारिज) कर दिया है। भाजपा तो तलाकशुदा है। जदयू ने ‘तलाक, तलाक, तलाक’ कह दिया है। श्री त्यागी ने रविवार को कहा कि भाजपा को हम छोड़ चुके हैं। उसकी जो बांटने की राजनीति है, उससे जदयू ने दूरी बना ली है।
ओडिशा के मंत्री का मर्डर
जागरण की सबसे बड़ी खबर हैः सुरक्षा में तैनात एएसआई ने ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री को गोली मारी, मौत। रविवार को एक एएसआई ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर शहर में दोपहर करीब एक बजे हुई। उस समय दास एक बैठक में शामिल होने के लिए जा रहे थे। ब्रजराजनगर के एसडीपीओ गुप्तेश्वर भोई के अनुसार, एएसआई गोपाल दास ने स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास पर गोली चला दी। आरोपित एएसआई को पकड़ लिया गया है। उसने मंत्री पर गोली क्यों चलाई, इसका पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई है।
बिहार के परीक्षा माफिया गुजरात में
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: बिहार के माफियाओं ने गुजरात में कराया पेपर लीक, पटना के दो समेत 16 गिरफ्तार। गुजरात एटीएस और गुजरात ब्रांच की टीम ने 16 परीक्षा माफियाओं को गिरफ्तार किया है। इसमें बिहार के सात लोग हैं। मुख्य साजिशकर्ता भास्कर चौधरी बिहार का है। इस कांड में पटना के पुनाईचक का कमलेश कुमार, मोहम्मद फिरोज, बेगूसराय के लखमीनिया का मुरारी कुमार, नालंदा के हिलसा का मुकेश कुमार, लखीसराय का प्रभात और मुजफ्फरपुर का मिंटू शामिल हैं। 29 जनवरी को गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड के जूनियर क्लर्क की परीक्षा थी। भास्कर चौधरी और उसके गिरोह को गुजरात से गिरफ्तार किया गया। पेपर 13 दिन पहले 6 जनवरी को ही हैदराबाद की प्रिंटिंग प्रेस से लीक हो गया। भास्कर चौधरी गुजरात के वडोदरा में पाथवे, एजुकेशन सर्विस और स्टेक वाइल टेक्नोलॉजी नामक प्राइवेट एग्जाम सेंटर चलाता है। भास्कर पुराना परीक्षा माफिया है और उसे पूर्व में सीबीआई भी गिरफ्तार कर चुकी है।
विपक्षी दलों से बात पर क्या बोले नीतीश
हिन्दुस्तान की एक अहम सुर्खी है: कांग्रेस की यात्रा के बाद विपक्षी दलों से बातचीत होगी: मुख्यमंत्री। जागरण ने लिखा है: प्रधानमंत्री पद का लोभ नहीं, विपक्षी एकता का कर रहे हैं प्रयास: नीतीश। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हों। नीतीश ने कहा: विपक्षी एकता को लेकर हमलोगों ने एक बार सभी दलों के नेताओं के साथ बातचीत की है। कांग्रेस की अभी भारत जोड़ो यात्रा चल रही है। यात्रा समाप्त होने के बाद सभी दलों के नेताओं के साथ बातचीत होगी। रविवार को समाधान यात्रा पर कैमूर में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। भास्कर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब पूछा गया था कि भाजपा ने अब आपसे व आपकी पार्टी से चुनावी गठबंधन नहीं करने की बात कही है तो उन्होंने जवाब दिया: हमें भाजपा से क्या मतलब, उससे क्या लेना है, ये सब कोई सवाल है जो पूछा जा रहा है।
परेब में पीतल हब
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: मुरादाबाद की तर्ज पर पीतल हब बनेगा परेब। पीतल के बर्तनों के लिए जाने जाना वाला पटना जिले के बिहटा प्रखंड का परेब यूपी के मुरादाबाद की तर्ज पर विकसित होगा। राज्य सरकार परेब को पीतल का हब बनाएगी। मुरादाबाद की तरह सब्सिडी भी लागू की जाएगी। रविवार को समाधान यात्रा के दौरान बिहटा प्रखंड में विकास की योजनाओं का जायजा लेने के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की।
दुबई में भारतीयों की प्रॉपर्टी
इस विशेष रिपोर्ट में भास्कर ने लिखा है कि दुनियाभर के अमीरों में दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। भारतीय भी पीछे नहीं है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार दुबई में अप्रैल 2015 से मार्च 2022 के बीच 1.86 लाख करोड़ रुपये की अचल संपत्ति सिर्फ भारतीय नागरिक को ने खरीदी है।रेकोर्ड में ये बात भी सामने आयी है की दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने का शौक भारतीयों में 2004 के बाद तेजी से बढ़ा है। यहाँ प्रॉपर्टी खरीदने वाले बाहरी देशों के नागरिक की संख्या मेँ भारत के लोग ब्रिटेन और रूस के बाद तीसरे स्थान पर है। इसकी बजाय एक खास नियम भी है जिसके तहत यहाँ प्रॉपर्टी खरीदने वाला 10 साल तक बिना वीजा भी रह सकता है। यहाँ रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमत ₹30,000 प्रति वर्गफीट तक है।
कुछ और सुर्खियां
- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट भारत की स्वतंत्रता और अखंडता पर सुनियोजित हमलाः अदाणी समूह
- हाॅकी विश्वकपः पेनल्टी शूट आउट में बेल्जियम को हरा जर्मनी चैम्पियन
- बिहार एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन ’बासा’ का रजिस्ट्रेशन रद्द, गतिविधियों पर रोक
- फास्ट टैग नहीं लगा तो भी गाड़ी के नंबर से कटेगा टोल टैक्स
- 70 से ज्यादा भारतीय स्टार्टअप से अब तक 21000 कर्मियों की छंटनी
- मेलबर्न: हाथ में तिरंगा लिए भारतीयों पर खालिस्तानी समर्थकों ने किया हमला
- देश में हायर एजुकेशन के विद्यार्थियों का नामांकन पहली बार चार करोड़ के पार
अनछपी: भारतीय जनता पार्टी बिहार में सत्ता से बाहर होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार तरीके से हमलावर है। दरभंगा में आयोजित कार्यसमिति की बैठक में इस बात का ऐलान कि अब भाजपा जदयू से कोई गठबंधन नहीं करेगा वास्तव में यह दर्शाता है कि उन अफवाहों से भाजपा परेशान है कि दोबारा व जदयू के साथ जा सकती है। हाल के दिनों में जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और नाराज चल रहे नेता उपेंद्र कुशवाहा भारतीय जनता पार्टी के कुछ लोगों से दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान मिले थे। कई लोगों का मानना है कि उस दौरान भाजपा ने यह जानने की कोशिश की कि क्या नीतीश कुमार द्वारा भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला सकते हैं। ऐसा लगता है कि इसकी संभावना नहीं देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अब इस बात को जोरदार तरीके से कहने की कोशिश की है कि उनका जदयू से कोई गठबंधन आगे नहीं होगा। यह बात भी अपनी जगह सही है कि भाजपा और जदयू दोनों के बीच साथ आने और दूर होने की घटना पहली बार नहीं हुई है। राजनीति को संभावनाओं का खेल कहा जाता है लेकिन इसकी संभावना बहुत ही कम दिखती है कि दोनों में अब दोबारा मेल हो जाए। इसलिए संभव है कि भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार पर हमले और तेज करे।
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