महीनों बाद बिहार की यूनविर्सिटयों में कहीं वीसी नहीं, कहीं प्रो-वीसी व रजिस्ट्रार नहीं

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट
पटना। हाल ही में बिहार की यूनिवर्सिटियों में वाइस चांसलर और प्रो-वीसी नियुक्त किये गये हैं, अब भी कई विश्वविद्यालय ऐसे हैं जहां पूर्णकालिक वीसी नहीं हैं। कहीं प्रो-वीसी का पद खाली है तो कहीं रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं हुई है।
बिहार में राज्य सरकार की कुल 17 यूनिवर्सिटी हैं। इनमें से तीन में अब भी पूर्णकालिक वीसी नहीं हैं और उनका काम प्रभारी कुलपति से चलाया जा रहा है।
बिहार में तकनीकी कोर्सेज के लिए संचालित आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में पूर्णकालिक वीसी का पद पिछले साल सितम्बर से खाली है। पिछले वीसी वहां डा. ए.के. अग्रवाल वीसी थे जिन्होंने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर पद छोड़ दिया। उसके बाद से दो बार यहां वीसी की बहाली के लिए विज्ञापन निकालकर आवेदन मांगे गये लेकिन तकनीकी कारणों से नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया। इस कारण लगभग 11 महीने से यहां प्रभारी वीसी से काम चलाया जा रहा है। इतने महीनों से वहां ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के वीसी सुरेेन्द्र प्रताप सिंह प्रभारी वीसी हैं। राज्यपाल सह कुलाधिपति की वेबसाइट में इस विश्वविद्ालय के रजिस्ट्रार का पद खाली दिखाया गया है।
मगध विश्वविद्यालय से कट कर बनी पटना स्थित पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के वीसी का पद इस साल जनवरी से खाली है। इसके पहले वीसी गुलाबचंद राम जायसवाल के इस्तीफे के बाद यह पद खाली है और यहां मिथिला यूनिवर्सिटी के वीसी सुरेन्द्र प्रताप सिंह को प्रभारी वीसी बनाया गया है। यहां भी कुलाधिपति की वेबसाइट पर रजिस्ट्रार का पद खाली दिखाया गया है।
इसी तरह बिहार एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी के वीसी का पद लगभग सात महीनों से खाली है। यहां रवीन्द्र कुमार सोहाने प्रभारी वीसी हैं। राज्यपाल की वेबसाइट पर यहां के प्रो-वीसी और रजिस्ट्रार का पद खाली दिखाया गया है।
दरभंगा स्थित कामेश्वर सिंह संस्कृत यूनिवर्सिटी, पटना स्थित बिहार एनिमल सायंस यूनिवर्सिटी और पटना स्थित एनओयू यानी नालन्दा ओपन यूनिवर्सिटी में प्रो-वीसी का पद भी खाली दिखाया गया है। एनओयू के नये वीसी केसी सिन्हा ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण किया है।

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