छपी-अनछपी: शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन 15 जून से, भाजपा सांसद को गिरफ्तार न करने से दुखी पहलवान बोलीं- मेडल गंगा में बहा देंगे

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में पौने दो लाख टीचर्स की बहाली के लिए वैकेंसी जारी कर दी गयी है। आवेदन 15 जून से शुरू होगा। इसकी खबर सभी जगह लीड है। भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण प्रसाद सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पहलवानों ने अपना मेडल गंगा में बहाने की घोषणा की है क्योंकि गंभीर आरोपों के बावजूद बृज भूषण को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह खबर तस्वीर के साथ ली गयी है।

बीपीएससी ने एक लाख 70 हजार 461 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दी है। हिन्दुस्तान के अनुसार अभ्यर्थी 15 जून से 12 जुलाई तक आवेदन कर सकेंगे। शिक्षा विभाग से विचार-विमर्श के बाद आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के सभी बिन्दुओं पर सहमति बन गई है। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि मुख्य परीक्षा का पेपर वन (नौवीं से 10वीं) और पेपर टू (11वीं से 12वीं) में अब 150 की जगह 120 प्रश्न ही पूछे जाएंगे। इनमें 80 प्रश्न विषय से संबंधित होंगे, वहीं 40 प्रश्न सामान्य अध्ययन से रहेंगे। नौवीं से 10वीं और 11वीं-12 वीं का सिलेबस एनसीईआरटी पर अधारित होगा। वहीं कक्षा एक से पांचवीं के लिए एससीईआरटी सिलेबस से प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें भी प्रश्नों की संख्या 120 होगी। वहीं भाषा के पेपर में 100 प्रश्न होंगे। यह क्वालिफाइंग होगा।

मेडल गंगा में बहाने की मजबूरी

हिन्दुस्तान की खबर है: डेढ़ घंटे तक गंगा घाट पर बैठे रहे पहलवान, महापंचायत का ऐलान। कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई की मांग को लेकर पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फौगाट और संगीता फौगाट मंगलवार की शाम हरकी पैड़ी पहुंचे। गंगा किनारे पहुंचने पर खिलाड़ी भावुक भी हुए और रो पड़े। यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा रहे पहलवानों ने अपने मेडल भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत को सौंप दिए। मंगलवार को मेडल गंगा में विसर्जित करने का ऐलान कर हरिद्वार पहुंचे पहलवानों को टिकैत ने ऐसा न करने के लिए मना लिया। टिकैत ने आश्वासन दिया कि वह उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए वार्ता करेंगे और इस मुद्दे पर मुजफ्फरनगर में महापंचायत करेंगे। टिकैत के मनाने पर पहलवान शाम को वापस लौट गए। हरिद्वार की मेयर, कांग्रेस विधायक और नेता, ‘आप’ के प्रतिनिधि और किसान नेता उनके समर्थन में मालवीय घाट पहुंच गए। वहां पहलवान डेढ़ घंटे से अधिक बैठे रहे। शाम सात बजे पहुंचे नरेश टिकैत ने कहा कि उनकी मांगें नहीं मानने पर मुजफ्फरनगर में पांच दिनों के भीतर महापंचायत होगी।

हरिवंश पर सवाल

जागरण की खबर है: संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में अपनी भूमिका से जुड़े प्रश्नों के उत्तर दें हरिवंश: ललन। राज्यसभा के उपसभापति और अपने सांसद हरिवंश की भूमिका को लेकर जनता दल यूनाइटेड में बहुत नाराजगी है। जदयू नेताओं का प्रश्न यह है कि जब जदयू सहित 21 विपक्षी दलों ने उस समारोह का विरोध किया था तो हरिवंश संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में क्यों शामिल हुए। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा है कि हरिवंश को अपना पक्ष बताना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि जहां तक नैतिकता का प्रश्न है तो जदयू सांसद के नाते हरिवंश की भूमिका पूरी तरह अनैतिक है। उन्होंने कहा कि हरिवंश ने नैतिक वेद को कूड़ेदान में डाल दिया है। 2016 में भी एनडीए से जदयू के अलगाव के समय हरिवंश ने नोटबंदी का समर्थन किया था जबकि उनकी पार्टी इसके विरोध में थी।

मणिपुर में जातीय संघर्ष या उग्रवाद?

भास्कर की एक सुर्खी है: सीडीएस बोले- मणिपुर की हिंसा जातीय संघर्ष है, उग्रवाद नहीं; सीएम इसे उग्रवादी हमले बताते रहे। अख़बार लिखता है कि मणिपुर के हिंसा के कारणों को लेकर सीडीएस यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने स्पष्ट किया है कि इसका उग्रवाद से कोई लेना देना नहीं है। उनके अनुसार यह राज्य की ही 2 जातियों के बीच संघर्ष का नतीजा है। चौहान ने पुणे में मंगलवार को कहा कि हिंसा को कानून व्यवस्था का मुद्दा कहा जा सकता है। इसके उलट दो दिन पहले ही मणिपुर के मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह ने कहा था कि मणिपुर में हिंसा में शामिल 40 उग्रवादियों को मार गिराया जा चुका है। वीरेंद्र सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य की जन्म जातियों को हिंसा का जिम्मेदार ठहराया था। बाद में श्री सिंह को सफाई भी देनी पड़ी थी। जिन मृत लोगों को उग्रवादी बताया गया उनके शवों के बारे में प्रशासन कोई जवाब नहीं दे पाया था। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को मणिपुर के कई जिलों का दौरा किया।

मॉस्को पर ड्रोन हमला

भास्कर की खबर है: यूक्रेन ने मॉस्को पर ड्रोन से हमला कर पुतिन को चौंकाया, इमारतें खाली कराईं। यूक्रेन और रूस के बीच चली आ रही जंग अब रूस की राजधानी तक जा पहुंची है। यूक्रेन की राजधानी पर रूस ड्रोन हमले कर रहा है। इस पर मंगलवार तड़के यूक्रेन ने सबसे बड़ा पलटवार करते हुए रूस की राजधानी मॉस्को को निशाना बनाया। उसने 8 से ज्यादा ड्रोन हमले किए। यह पहली बार है कि रूस के रिहायशी इलाकों में यूक्रेन ने हमला किया है। मॉस्को के मेयर ने इस हमले की पुष्टि की है।

₹500 के नकली नोट

हिन्दुस्तान की खबर है: पांच सौ के नकली नोटों का चलन बढ़ा आरबीआई। रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में नए डिजाइन के 20 और 500 रुपये मूल्यवर्ग के नकली नोटों का चलन बढ़ गया है। आरबीआई ने बताया है कि बीस रुपये के नोटों में 8.4 और 500 रुपये के नोटों में 14.4 फीसदी की वृद्धि हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में बैंकिंग सिस्टम में 500 रुपये के 91,110 नकली नोट पकड़े गए।

पटना की बहुमंजिली इमारतें

जागरण की खास खबर है: 72% शहरीकरण का दबाव पटना पर, एक वर्ष में 1112 बहुमंजिला इमारतों को मंजूरी। अखबार लिखता है कि बिहार में शहरीकरण का 72% दबाव अकेले राजधानी पटना पर है। बहुमंजिला इमारतों की 1567 योजनाएं बीते 1 वर्ष में मंजूर हुई है इनमें 1112 सिर्फ पटना में हैं। बहुमंजिला इमारतों में मुजफ्फरपुर की 6.1%, गया की 6, भागलपुर की पांच और दरभंगा की मात्र 2.5% हिस्सेदारी है। अन्य 34 जिलों की सहभागिता लगभग 10% है। मुजफ्फरपुर में 92 और गया वह बोधगया में 90 बहुमंजिला इमारतों को इजाजत दी गई है। यह जानकारी रेरा यानी रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी से मिली है।

कुछ और सुर्खियां

  • वैष्णो देवी जा रही बस खाई में गिरी बिहार के 10 की मौत
  • बिहार में अब एएनएम की बहाली भी लिखित परीक्षा से होगी
  • 12वीं क्लास की किताब से खालिस्तान और सिख राष्ट्र जैसे शब्द हटाए गए
  • सीआरपीएफ के भगोड़े जवान ने तीसरी पत्नी व उसके प्रेमी को फंसाने के लिए पटना जंक्शन को उड़ाने की धमकी, गिरफ्तार
  • रांची में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और उनके सहयोगियों से जुड़े 16 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी
  • नीतीश बोले- हर की पौड़ी की तरह होगा सिमरिया धाम, 2024 तक बनेगा

अनछपी: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह से उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड आजकल नाराज चल रही है। हरिवंश सिंह कभी प्रभात खबर के संपादक हुआ करते थे और वे इस नाते पाठकों को बड़ी-बड़ी नैतिक बातें सुनाया करते थे। लेकिन जनता दल यूनाइटेड के नेताओं का कहना है कि हरिवंश ने नैतिकता को ताक पर रख दिया है क्योंकि पार्टी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार की घोषणा के बावजूद वह उस समारोह में शामिल हुए। हरिवंश को राज्यसभा का सदस्य इसलिए बताया गया था कि उनकी लेखनी नीतीश कुमार के पक्ष में हुआ करती थी और नीतीश कुमार उनसे काफी प्रभावित माने जाते थे। जबसे नीतीश कुमार ने बिहार के सरकार से भारतीय जनता पार्टी को बाहर कर राष्ट्रीय जनता दल से समझौता किया है तब से हरिवंश की भूमिका पर सवाल उठते थे। भारतीय जनता पार्टी एक तरह से उन्हें अपना सांसद मानती है वरना वह चाहती तो उन्हें राज्यसभा के उपसभापति पद से हटा सकती थी। इससे पहले 2016 में भी नोटबंदी के समय हरिवंश ने पार्टी लाइन से अलग हटकर नोटबंदी का समर्थन किया था। हरिवंश के बारे में यह कहना मुश्किल है कि उन्होंने तात्कालिक लाभ के लिए जनता दल यूनाइटेड की घोषित नीति के खिलाफ अमल किया है या उनकी नीति भी भारतीय जनता पार्टी की नीति के करीब है। इतना तो तय है कि उनसे किसी नैतिकता की उम्मीद करना बेकार है हालांकि वह काफी नैतिक बातें करते रहते हैं। ऐसा लगता है कि उन्होंने राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए खुद को नीतीश कुमार के करीब रखा लेकिन असल में उनके दिल में भारतीय जनता पार्टी की नीतियां ही राज करती हैं। हरिवंश को बुद्धिजीवी माना जाता है और नैतिकता के विरुद्ध उनके इस अमल से यह सिद्ध होता है कि यह ज़रूरी नहीं कि जो बुद्धिजीवी हो वह नैतिक रूप से सही रास्ता अपनाता हो। हरिवंश इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं।

 

 1,766 total views

Share Now

Leave a Reply