होली के बाद तीन जिलों में दर्जनभर मौतें; घरवालों ने कहा- शराब से मरे, पुलिस का इनकार

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट
बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से नहीं होने के आरोपों से घिरी राज्य सरकार के लिए बुधवार का दिन फिर कई सवाल लेकर आया। इस दिन राज्य के तीन जिलों में संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने से दर्जन भर लोगांे की मौत हो गयी। मरने वालों में अधिकतर दलित समुदाय के हैं। प्रशासन का कहना है कि होली में अधिक खानपान के कारण डायरिया से मौत हुई है। दूसरी ओर परिजन आरोप लगा रहे हैं कि मौत का कारण शराब पीना है।
प्रशासन के मुताबिक नवादा जिले में छह, बेगूसराय में दो और रोहतास जिले में पांच लोगों की मौत हो गयी। नवादा के स्थानीय स्रोत कुल नौ लोगों की मौत बता रहे हैं।
नवादा की एसपी धूरत सायली सावलराम का बयान है कि उन्हें छह मौतों की पुष्टि मिली है। उनके मुताबिक एक की मौत हार्ट अटैक से और एक की डायरिया से बतायी गयी है। बाकी के बारे में पता नहीं लेकिन शराब पीने से मौत की पुष्टि नहीं हुई है।
जिन जगहों पर संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने से मौत हुई है उनमें से सिर्फ एक जगह बेगूसराय में पुलिस दो लोगों की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी है। बाकी जगह परिजनों ने पोस्टमार्टम कराये बिना लाशों का अंतिम संस्कार कर दिया।
नवादा नगर थाना में पाॅलिथीन में बिकने वाली शराब पीने से मौत होने की बात सामने आ रही है। समझा जाता है कि वह शराब जहरीली थी। इस थाना क्षेत्र के गोंदापुर गांव के सात लोगों का इलाज पटना के निजी अस्पतालों में चल रहा है।
उधर बेगूसराय के डीएम अरविंद कुमार वर्मा का कहना है कि जिले में दो मौतों का कारण शराब नहीं है।
इसी तरह रोहतास के एसपी आशीष भारती कहते हैं कि उनके जिले में जो पांच मौतें हुई हैं उनकी लाशों को पोस्टमार्टम से पहले जला दिया गया है, इसलिए अभी यह नहीं कहा जा सकता कि मौत का कारण जहरीली शराब थी।

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