‘दिव्यांग’ पीएम की जुमलेबाज़ी है, ‘विक्लांग’ को उसका हक दिलाएं

बिहार लोक संवाद डॉट नेट

2011 की जणगनणा के अनुसार, देश में लगभग 2 करोड़ 19 लाख लोग विक्लांगता के शिकार हैं। इनमें से 19 लाख लोग केवल बिहार में रह रहे हैं। इतनी बड़ी आबादी समाज में उपेक्षित है। विक्लांगों को समान अवसर दिलाने और अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से हर साल 3 दिसंबर को ‘अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस’ मनाया जाता है। इस अवसर पर राजधानी पटना में बिहार एसोसिएशन ऑफ पर्सन विद डिसऐबिलिटी की ओर से दिव्यांग अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में दूर-दराज से आए दिव्यांगों ने शिरकत की।

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण कुमार मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विक्लांग’ को ‘दिव्यांग’ बना दिया है। इस जुमलेबाज़ी की बजाय विक्लांगों को उनका अधिकार दिए जाने की जरूरत है।

पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि सरकार को दिव्यांगों की 46 सूत्री मांगों पर जल्द विचार करना चाहिए।

दिव्यांगों ने सरकार से जो मांगें की हैं, उनमें पेंशन की राशि में इजाफा करना और उनकी आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक हालत में सुधार लाना शामिल है।

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