छ्पी-अनछपी: अडानी पर अमेरिका में गिरफ्तारी वारंट, इसराइली पीएम के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी समझे जाने वाले उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिका में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। पाकिस्तान में तीन गाड़ियों पर आतंकियों ने हमला कर 50 लोगों को मार दिया। विपक्ष ने वक़्फ़ बिल जेपीसी का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की है।
भास्कर के अनुसार दुनिया के 18 वें व देश के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंटी किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने भारत में सोलर एनर्जी का कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए सरकारी अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (करीब 2200 करोड़) रुपए की रिश्वत दी। इस मामले में गौतम अडानी के साथ उनके भतीजे सागर अडानी समेत आठ लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में जिन जिस सौर ऊर्जा के कॉन्ट्रैक्ट के लिए घूस दी गई उससे 20 साल में दो अरब डॉलर (करीब 16895 करोड़ रुपये) का मुनाफा होना था।
अमेरिका में ऐक्शन क्यों?
अडानी पर घूस देने का मामला अडानी ग्रीन एनर्जी व एज्यूर पावर से जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में मामला दर्ज हुआ। अमेरिका में केस इसलिए दर्ज हुआ क्योंकि आरोप है कि घूस की रकम के लिए अमेरिकी निवेशकों से पैसा जुटाया गया।
किसने क्या कहा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हम चाहते हैं कि अडानी गिरफ्तार हों। उन्होंने कहा कि जानते हैं कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी अडानी का समर्थन करते हैं, वह उनके संरक्षक हैं। उधर अडानी ग्रुप का कहना है कि अडानी ग्रीन एनर्जी के डायरेक्टर्स के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग व अमेरिका शेयर बाजार नियामक ने जो आरोप लगाया है वह निराधार है। वह कानूनी कार्रवाई करेंगे। भाजपा सांसद संबित पात्रा का कहना है कि इस मामले में छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश व उड़ीसा का जिक्र आया है। उनके अनुसार तब इन राज्यों में कांग्रेस या कांग्रेस समर्थित सरकार थी। इधर आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने कहा है कि उसने केंद्र सरकार की कंपनी से करार किया था जो कानूनी रूप से स्वीकृत था, इसमें अडानी या कोई निजी कंपनी शामिल नहीं थी।
अडानी के शेयरों में भारी गिरावट
जागरण के अनुसार राज्यों के साथ सौर ऊर्जा समझौता के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगने के बाद गुरुवार को अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में 23% तक की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट से समूह की सभी कंपनियों के संयुक्त पंजीकरण में 2.19 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है। यह जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद हुए नुकसान के मुकाबले में दुगना है।
नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
हिन्दुस्तान के अनुसार अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। हमास के शीर्ष नेता मोहम्मद दियाब इब्राहिम अल-मसरी के खिलाफ भी ऐसे ही आदेश जारी किए गए हैं। आईसीसी ने नेतन्याहू और गैलेंट पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया है। कोर्ट ने कहा कि इन पर अमानवीय कृत्यों का आरोप है। इजरायल ने गाजा में भोजन, पानी और चिकित्सीय सहायता जैसी आवश्यक आपूर्ति को प्रतिबंधित कर दिया, इससे सैकड़ों बच्चों की मौत हुई है।
आतंकी हमलों में पाकिस्तान में 50 की मौत
प्रभात खबर के अनुसार पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में गुरुवार को आतंकियों ने यात्रियों को ले जा रहे तीन वाहनों को निशाना बनाकर हमला किया। इस हमले में 50 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 अन्य लोग घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आतंकवादियों ने अफगानिस्तान की सीमा से लगे प्रांत के कुर्रम जिले में वाहनों पर घात लगाकर हमला किया। यह वहां पाराचिनार से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर आ रहे थे तभी बंदूकधारियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। मृतकों में 8 महिलाएं और पांच बच्चे भी शामिल हैं।
वक़्फ़ बिल की रिपोर्ट पेश करने के समय पर खींचतान
जागरण के अनुसार वक़्फ़ संशोधन बिल को लेकर अब सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समय को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। वक़्फ़ संशोधन बिल 2024 की समीक्षा के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने गुरुवार को फिर कहा है कि इस संबंध में कमेटी की रिपोर्ट तैयार है और उसे समय से संसद के शीत सत्र में पेश किया जाएगा। इधर विपक्षी सदस्यों की मांग है कि वक़्फ़ पर संयुक्त समिति के कार्यकाल को और विस्तार दिया जाए। उनका कहना है कि विधेयक के मसौदे में हुए बदलाव के अध्ययन के लिए उन्हें और समय चाहिए।
बिहार की सड़कों के लिए पांच लाख करोड़
हिन्दुस्तान के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एलान किया कि बिहार में सड़क निर्माण के लिए पांच लाख करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। सड़क निर्माण से बिहार की तस्वीर बदलेगी और विकास की गति तेज होगी। गडकरी ने गुरुवार को बोधगया में करीब 3700 करोड़ रुपये की लागत वाली एनएचएआई की छह सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
कुछ और सुर्खियां
- भागलपुर के पीरपैंती में आग लगने से मां, बेटी और बेटा जिंदा जले
- कोलकाता से पटना रही बस हजारीबाग में पलटी, 6 लोगों की मौत
- रूस ने यूक्रेन पर पहली बार अंतर महाद्वीपीय मिसाइल दागी
- सिपाही भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षा 9 दिसंबर से 10 मार्च तक
- ऑस्ट्रेलिया में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चे इंटरनेट मीडिया से दूर रहेंगे
- दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने 11 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की
अनछपी: बिहार में डॉक्टरों और इलाज की व्यवस्था और सरकारी अस्पतालों में जरूरी मशीनों की कमी के बारे में हम इस कॉलम में बराबर चर्चा करते रहते हैं। आए दिन सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्स-रे मशीन और इको के अलावा दूसरी मशीनों के खराब रहने की शिकायतें मिलती रहती हैं। अस्पतालों में दवा नहीं मिलने की शिकायत भी मिलती रहती है। यह शिकायतें ऐसे समय में मिल रही हैं जबकि सरकार अस्पताल की बिल्डिंग बनाने में अरबों रुपए खर्च कर रही है। कहने का मतलब यह है कि सरकार का जोर अस्पताल की बिल्डिंग बनाने पर तो है लेकिन अस्पताल में मरीजों के लिए जिन चीजों की जरूरत है, जैसे डॉक्टर, दवा और मशीन उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। अभी एक ताजा रिपोर्ट में यह बताया गया है कि बिहार के सरकारी अस्पतालों में 45 फ़ीसद कम डॉक्टर हैं। एक अखबारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार में जिला, अनुमंडल और मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लेकर विभिन्न स्तर के सरकारी अस्पतालों में स्थाई डॉक्टरों के 12895 पद स्वीकृत हैं। फिलहाल केवल 7144 डॉक्टर काम कर रहे हैं यानी स्थाई पद पर 5751 डॉक्टरों की कमी है। इसी तरह ठेके पर काम करने वाले डॉक्टर के 4751 पद स्वीकृत हैं जबकि केवल 2720 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं और 2031 पद खाली हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके समर्थक नेता बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर जहां 1200 की आबादी पर एक डॉक्टर है, वहीं बिहार में 2700 की आबादी पर एक डॉक्टर उपलब्ध है। डॉक्टरों के संगठन का कहना है कि सही संख्या में डॉक्टर तैनात किया जाए तो 1000 की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए। थोड़े दिन के लिए जब तेजस्वी यादव स्वास्थ्य मंत्री बने थे तो अस्पतालों में सुधार के लिए कुछ हलचल देखी गई थी लेकिन उसके बाद मंत्री की गतिविधियां सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नज़र आती है। इस समय भाजपा के मंगल पांडेय बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं जो पहले भी यह महकमा संभाल चुके हैं। उम्मीद की जाने चाहिए कि वह इस स्थिति पर ध्यान देंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह सुनिश्चित करेंगे कि बिहार के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़े। इस मामले में सरकार की यह दिक्कत समझ में आने वाली है कि हर साल 100 से डेढ़ सौ डॉक्टर सरकारी नौकरी छोड़ दे रहे हैं। इसकी वजह ज्यादा पैसा मिलने के अलावा सरकारी व्यवस्था की दिक्कतें भी हैं। फिर भी सरकार अगर इस पर गंभीरता से विचार करे तो इस समस्या को खत्म नहीं तो कम जरूर किया जा सकता है।
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