छ्पी-अनछपी: रूस पर 9/11 जैसा हमला, अब सेकंड हैंड ईवी खरीदने पर जीएसटी 18%
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। रूस का कजान शहर शनिवार सुबह 9/11 जैसे हमलों से दहल उठा। जीएसटी काउंसिल ने पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मार्जिन मूल्य पर 18% जीएसटी लगाने का फैसला किया है। बांग्लादेश ने आरोप लगाया है कि उसके यहां जबरन गायब होने के मामलों के पीछे भारत का हाथ है। जर्मनी के एक शहर में भीड़भाड़ भरे बाजार में एक कार चालक ने 200 लोगों को कुचल डाला जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की यात्रा पर कुवैत सिटी पहुंचे हैं।
यह हैं आज के अखबारों की प्रमुख खबरें।
हिन्दुस्तान के अनुसार रूस का कजान शहर शनिवार सुबह 9/11 जैसे हमलों से दहल उठा। एक के बाद एक आठ ड्रोन हमले किए गए। कजन में 2 दिन के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है और सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। हमलों में किसी के मारे जाने की जानकारी नहीं है। छह ड्रोन हमलों से ऊंची आवासीय इमारतों को निशाना बनाया गया। एक हमला औद्योगिक केंद्र पर हुआ, जबकि एक को मार गिराया गया। यह हमले यूक्रेन की ओर से किए गए हैं। हमले होते ही सायरन गूंजते लगे। बताया जा रहा है कि ड्रोन विस्फोटकों से लदे थे। हमलों के बाद सोवेत्स्की, किरोव्स्की और प्रिवोलज़्स्की के कई घरों में आग लग गई, जिसे बुझा लिया गया। रूस-यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच शनिवार को कजान की आवासीय इमारतों पर जिस तरह के ड्रोन हमले हुए ये चार महीने में दूसरी बार है, जब रूसी इमारतों को ड्रोन से निशाना बनाया गया है। इससे पहले अगस्त में सारातोव में एक 38 मंजिला आवासीय इमारत पर हमला हुआ था। सारातोव वो शहर है, जहां रूस का मिलिट्री बेस भी है।
पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद पर 18% जीएसटी
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार जीएसटी परिषद ने शनिवार को कारोबार में इस्तेमाल के लिए खरीदी गई पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ी के मार्जिन मूल्य पर 18% जीएसटी लगाने का फैसला किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। अब ऑटो कंपनी और डीलर से सेकंड हैंड ईवी कार खरीदने पर 18% जीएसटी लगेगा जो कि पहले 12% था। बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी कम करने के प्रस्ताव को अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया। ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप से खाना मंगवाने पर कितना जीएसटी लगाया जाएगा इसे लेकर कोई फैसला नहीं हुआ।
बांग्लादेश का आरोप: जबरन गायब होने के मामलों के पीछे भारत
जागरण के अनुसार बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार की ओर से गठित एक जांच आयोग ने आरोप लगाया है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन के दौरान लोगों को जबरन गायब करने की घटनाओं के पीछे भारत का हाथ है। सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संग्बाद संस्था ने जबरन गायब किए जाने पर जांच आयोग के हवाले से कहा कि लोगों को गायब किए जाने में भारत की संलिप्तता सार्वजनिक रिकॉर्ड का मामला है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश मैनुल इस्लाम चौधरी की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय आयोग का कहना है कि सरकारी एजेंसियों में यह धारणा बनी हुई है कि कुछ कैदी अब भी भारतीय जेलों में बंद हो सकते हैं।
जर्मनी में 200 लोगों को कार ने कुचला
भास्कर के अनुसार जर्मनी के मागदेबुर्ग शहर में शुक्रवार को एक सिरफिरे डॉक्टर ने क्रिसमस मार्केट में भीड़ पर तेज रफ्तार कार चढ़ा दी। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल है। इनमें 41 की हालत गंभीर है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार देर रात बताया कि घायल भारतीयों से दूतावास संपर्क में है। सात भारतीय जख्मी हुए हैं जिनमें से तीन को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भीड़ को कुचलने के लगभग 350 मीटर बाद कार पलट गई। पेशे से डॉक्टर कार के ड्राइवर तालिब अब्दुल मोहसिन को गिरफ्तार कर लिया गया है। ‘एक्स’ के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि डॉक्टर सऊदी में वांटेड था।
पीएम मोदी कुवैत में
हिन्दुस्तान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे। प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध सभ्यता, सागर, स्नेह, व्यापार और वाणिज्य के हैं। आने वाले दशकों में भारत और कुवैत समृद्धि में भी साझेदार बनेंगे। उधर, एक साक्षात्कार में उन्होंने गाजा और यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर फिर चिंता जताई। उन्होंने कहा, ऐसे संघर्षों का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं खोजा जा सकता।
केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंज़ूरी
दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी। इस मामले आम आदमी पार्टी नेताओं ने जांच के आदेश की कॉपी सार्वजनिक करने की मांग की। समाचार एजेंसी एनआईए के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पांच दिसंबर को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। यह कदम दिल्ली सरकार की आबकारी नीति की महीनों की जांच के बाद उठाया गया। केजरीवाल और सिसोदिया वर्तमान में ईडी और सीबीआई से जुड़े दोनों मामलों में जमानत पर बाहर हैं।
कुछ और सुर्खियां
- बीएससी परीक्षार्थियों के धरने को समर्थन देने के लिए अपनी यात्रा छोड़कर गर्दनीबाग पहुंचे तेजस्वी यादव
- गजट जारी होने के साथ बेतिया राज की जमीन पर अब बिहार सरकार का मालिकाना हक
- बैंक की किस्त पर लगे जुर्माने पर जीएसटी नहीं देनी होगी
- कोटा में इंजीनियरिंग की तैयारी करने गए वैशाली के छात्र ने हॉस्टल में की आत्महत्या
- इस्कॉन की कोलकाता इकाई का आरोप: बांग्लादेश में एक और पुजारी की हत्या हुई
अनछपी: बिहार में सरकार की एक परिभाषा यह भी हो सकती है कि यह घोषणाओं का केंद्र है। और बात जब शिक्षा विभाग की हो तो उससे ज्यादा घोषणाएं शायद किसी और विभाग में हो रही होगी। शिक्षा विभाग एक तो तरह-तरह के शिक्षकों की बहाली करता है। उनके पदस्थापन की घोषणा करता है, उनके ट्रांसफर नीति की घोषणा करता है, उनके प्रमोशन की घोषणा करता है, उनके वेतनमान की घोषणा करता है, उनकी छुट्टियों की घोषणा करता है। इसके अलावा भी कई घोषणाएं की जाती होंगी। शिक्षा विभाग में पढ़ाई को लेकर भी कई घोषणाएं की जाती हैं लेकिन इसका किसी को पता नहीं की उन घोषणाओं का क्या होता है। अब एक ताजा घोषणा यह की गई है कि बिहार के सभी प्रखंडों में मॉडल स्कूल बनेंगे ताकि दूसरे स्कूल उसे देखकर खुद को बेहतर बना सकें। सरकार और विभाग की यह कोशिश नजर नहीं आती कि जो व्यवस्था है उसे ठीक से चलाया जाए लेकिन नई व्यवस्था की सूचना जरूर आ जाती है। जिलों में पहले से नवोदय विद्यालय हैं, कई जिलों में केंद्रीय विद्यालय हैं। इसके अलावा आंबेडकर स्कूल और कस्तूरबा स्कूल भी चल रहे हैं। पहले एक जिला स्कूल भी हुआ करता था जिसका काफी नाम हुआ करता था। उन जिला स्कूलों का हाल बुरा हो चुका है और अब उनकी कोई चर्चा भी नहीं करता। शिक्षा विभाग की ताजा घोषणा में कहा गया है कि मॉडल स्कूल बनाने की शुरुआत ज़िला मुख्यालयों से होगी। पहले वहां के एक विद्यालय को चुना जाएगा, इसके बाद इसे अनुमंडल में लागू किया जाएगा। अनुमंडल के बाद इसे ब्लॉक लेवल तक ले जाया जाएगा। दरअसल ऐसी घोषणाओं के पीछे जो नाकामी होती है उसे छिपा लिया जाता है। यह पूछा जाना चाहिए कि स्कूलों में क्या कमी है जिसे पूरा करने की बजाय एक स्कूल को मॉडल स्कूल बनाने की बात हो रही है। कहीं ऐसा ना कि यह घोषणा भी पुरानी घोषणाओं की तरह रह जाए और जैसे जिला स्कूलों की बदहाली हुई है वैसा ही हाल इसका भी हो जाए। यह भी पूछा जा सकता है कि सरकार नए मॉडल स्कूल बनाने के बदले पुराने जिला स्कूलों को ही क्यों नहीं फिर से सही स्थिति में लाती है? यह तो आम आदमी के लिए सोचने की बात है कि इन घोषणाओं से कितना फायदा होता है लेकिन यह जरूर है कि इनकी मदद से अफसर-मंत्री सुर्खियों में बने रहते हैं और मूल समस्याओं पर ध्यान नहीं जाता है।
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