छ्पी-अनछपी: चुनाव आयोग के फरमान का पटना और दिल्ली में विरोध, आरिफ खान हो सकते हैं उपराष्ट्रपति?

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में विपक्ष ने पटना और दिल्ली में जोरदार विरोध दर्ज किया है। जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद यह चर्चा भी चल रही है कि बिहार के राज्यपाल आरिफ खान एनडीए की पहली पसंद हो सकते हैं। पारस हॉस्पिटल मर्डर केस में दो और शूटर समय तीन लोग गिरफ्तार हुए हैं। आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर लोन के बदले घूस देने के मामले में दोषी करार दी गई हैं।

और, जानिएगा कि बिहार में बैंकों से 101 करोड़ के गबन का क्या मामला है और किसकी गिरफ्तारी हुई है।

पहली खबर

प्रभात खबर के अनुसार बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर मंगलवार को संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी दलों के तीखे विरोध के चलते लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही केवल 18 मिनट ही चल सकी। सुबह की बैठक में आज 2 मिनट बाद स्थगित कर दी गई। दोपहर में दो बार बैठकों के दौरान कार्यवाही 12 और 4 मिनट ही चल सकी। दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने फिर और उपराष्ट्रपति के स्थिति जैसे मुद्दों को लेकर जोरदार नारेबाजी की जिससे प्रश्न काल और शून्य काल नहीं चल सका।

बिहार विधान मंडल में भी भारी हंगामा

बिहार में विधान मंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामा से सदन की कार्यवाही दिनभर बाधित रही। दोनों सदनों में विपक्षी सदस्य मतदाता पुनः आरक्षण मामले में कार्य स्थगन प्रस्ताव पर तत्काल चर्चा चाह रहे थे। आसन से इनकार के बाद विपक्षी सदस्य उग्र हो गए। विधानसभा की कार्यवाही 40 मिनट जबकि विधान परिषद की कार्यवाही 28 मिनट की चली। एसआईआर का विरोध करते हुए पूरे विपक्ष ने मंगलवार को विधानसभा के मुख्य प्रदेश द्वारा को जाम कर दिया। सदन में जाने के लिए दूसरा वैकल्पिक रास्ता खोला गया। मुख्य द्वार बंद होने के कारण सदन के अंदर जाने के लिए उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित सभी सत्ता पक्ष के सदस्यों को दूसरे रास्ते से प्रवेश कराया गया। विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव ने विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह मुद्दा बिहार के मतदाताओं से जुड़ा हुआ है और इस पर तत्काल चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वोटरों के नाम ही सूची से हटा दिए जाएंगे तो इसका लोकतंत्र में क्या अर्थ रह जाएगा।

क्या आरिफ खान हो सकते हैं उपराष्ट्रपति?

जागरण के अनुसार जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद नए राष्ट्रपति को लेकर अटकलें का बाजार गर्म हो गया है। भाजपा नेताओं के बीच चर्चा में कई नाम सामने आ रहे हैं लेकिन बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इसके लिए पहली पसंद के रूप में सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन और मालदीव के दौरे से लौटने के बाद नए उपराष्ट्रपति के चयन को लेकर फैसला हो सकता है। उपराष्ट्रपति के लिए जिन नामों पर चर्चा हो रही है उनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का नाम भी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नाम पर कुछ हलकों में चर्चा हो रही हैं। इसके अलावा बिहार से नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनने की मांग भी सामने आ रही है लेकिन इसकी संभावना नगण्य मानी जा रही है। वहीं आरिफ मोहम्मद खान के लंबे राजनीतिक अनुभव और भाजपा व संघ परिवार के साथ वैचारिक सामान्य को उपराष्ट्रपति पद के लिए सबसे अनुकूल माना जा रहा है।

चंदा कोचर लोन के बदले रिश्वत लेने में मुजरिम करार

हिन्दुस्तान के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को ऋण के बदले घूस लेने के मामले में दोषी पाया गया है। अपीलीय ट्रिब्यूनल ने माना कि चंदा कोचर ने 2009 में वीडियोकॉन समूह को 300 करोड़ का ऋण जारी करने के बदले 64 करोड़ घूस ली। चंदा के खिलाफ धनशोधन का ‘प्राथमिक सबूत’ पाया गया है। ट्रिब्यूनल ने ईडी की कार्रवाई को उचित ठहराया। ईडी का आरोप है कि वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ के ऋण को बैंक की समिति ने मंजूरी दी थी, जिसमें वह सदस्य थीं। वह बैंक की एमडी और सीईओ थीं। ऋण मंजूरी के एक दिन बाद वीडियोकॉन की कंपनी सुप्रीम एनर्जी से 64 करोड़ न्यूपावर रिन्यूएबल्स लि. को भेजे गए। इसका नियंत्रण दीपक कोचर के पास था।

पारस हॉस्पिटल मर्डर केस में दो और शूटर गिरफ्तार

भास्कर के अनुसार पटना के पारस हॉस्पिटल में हुए चर्चित चंदन मिश्रा हत्याकांड में शामिल अपराधियों के साथ मंगलवार की सुबह पुलिस के मुताबिक पुलिस से एनकाउंटर हुई। यह मुठभेड़ बिहिया थाना क्षेत्र में बिहिया-कटेया बांध पर इंग्लिशपुर गांव के पास हुई। पुलिस व एसटीएफ की टीम ने अपराधियों को घेर लिया। पैदल भाग रहे अपराधियों को टीम ने रोकने को कहा तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दो अपराधी बलवंत कुमार सिंह और रवि रंजन कुमार सिंह को गोली लगी। दोनों के साथ अभिषेक कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। एनकाउंटर में एसटीएफ के दो जवान उत्तम कुमार और रोहित कुमार सिंह भी घायल हुए हैं।

बैंकों से 101 करोड़ के गबन में पूर्व ब्रांच मैनेजर गिरफ्तार

हिन्दुस्तान के अनुसार पटना के पीरबहोर स्थित अवामी कॉपरेटिव बैंक व वैशाली सहकारी विकास कॉपरेटिव बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक मो. सैयद शाहनवाज वजी को ईओयू ने गिरफ्तार कर लिया है। इन बैंकों से 101 करोड़ के गबन के बाद से वे चार वर्षों से फरार थे। वजी से पूछताछ के बाद दो सहयोगियों अवामी बैंक के पूर्व कर्मी शौकत अली (अनीसाबाद पटना) और पूर्व एलआईसी एजेंट रजनीकांत उर्फ गोपाल प्रसाद (नंदगोला मालसलामी पटना) को भी गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपिताें पर बैंक के अन्य कर्मियों, भारतीय जीवन बीमा निगम के पदाधिकारी, कर्मियों, एजेंटों और दलालों से मिलीभगत कर फर्जी एलआईसी पॉलिसी तैयार करने और फर्जी ऋण खाता खोलकर कुल 101 करोड़ से अधिक की राशि की धोखाधड़ी और गबन करने का आरोप है। इस संबंध में पटना के पीरबहोर और हाजीपुर नगर थाने में तीन कांड दर्ज है।

कुछ और सुर्खियां:

  • बिहार में बक्सर से कहलगांव तक गंगा में उफान के बाद फरक्का ब्रांच के सभी 108 गेट खोले गए
  • मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मैं सभी 12 आरोपियों को बरी करने के फैसले को महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
  • मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति मोहम्मद आलमगीर के नीतिगत निर्णय पर रोक लगी
  • हंगामे के बीच बिहार विधानसभा में छह विधेयक पारित

(आज अनछपी की जगह हमारे दो प्रबुद्ध पाठकों की राय)

आपकी राय: हमारे इस कॉलम के एक प्रबुद्ध पाठक हैं मुजफ्फरपुर के डॉक्टर निशिन्द्र किंजल्क। यह बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य रह चुके हैं। इनकी राय: मुंबई के ट्रेन ब्लास्ट मामले में हाई कोर्ट द्वारा 12 सजायाफ्ता आरोपितों को बरी किए जाने के फैसले से यह सवाल उठता है कि इन्होंने इतने साल बेकसूर रहते हुए जेल में बिताए, जिस तरह उनके साथ हत्यारों जैसा व्यवहार हुआ और उनके परिवारों को सामाजिक अपमान झेलना पड़ा उसका हर्जाना कौन देगा और कौन तय करेगा? इस केस के फैसले से यह भी पता चलता है कि या तो नीचे की अदालत ने या ऊपर की अदालत ने इस मामले को समझने और कानून की व्याख्या में चूक की है। इस विषय को लेकर मुहिम चलाने की जरूरत है। न्यायपालिका की जवाबदेही तय होनी चाहिए जो हमारे देश में बिल्कुल नहीं है।

गया के वरिष्ठ पत्रकार एसके उल्लाह की राय: अगर मुंबई बम ब्लास्ट कांड के सभी लोग निर्दोष हैं, तो असली मुजरिम कौन है? इस सवाल के साथ बेकसूर लोगों को लंबे समय तक जेल में रखकर उनकी जिंदगी बर्बाद करने के लिए कौन जिम्मेदार है? इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। साथ ही उन्हें मुआवजा भी मिलना चाहिए।

(अगर आप भी इस कॉलम में छपे विषयों पर अपनी राय देना चाहते हैं तो जरूर दें, हम उन्हें जगह देने की कोशिश करेंगे)

 

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