छपी-अनछपीः नयी भर्ती कीम के विरोध में आगजनी जारी, मधुबनी के शम्स ने बनाया राष्ट्रीय रेकाॅर्ड

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। मिलीट्री में भर्ती की नयी स्कीम ’अग्निपथ’ के विरोध में गुरुवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। गोपालगंज, छपरा और भभुआ में ट्रेनों में आग लगा दी गयी। इस आन्दोलन के कारण 30 ट्रेनें रद्द रहीं। 120 लोग गिरफ्तार किये गये। नवादा और छपरा सदर से भाजपा विधायक को भी प्रदर्शनकारियों का गुस्सा झेलना पड़ा। इस खबर के साथ लगी तस्वीर आज यानी शुक्रवार सुबह समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर की है।
इससे जुड़ी खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। भास्कर की सुर्खी है- 22 जिलों मंे ’अग्नि’ उपद्रव। टाइम्स आॅफ इंडिया ने खबर दी है कि छह राज्यों में आन्दोलन हो रहा है।
इस आन्दोलन का असर यह हुआ है कि सरकार ने बहाली के लिए अधिकतम उम्र सीमा को 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दिया है। ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा कि सरकार इस स्कीम में और तब्दीली ला सकती है।
टाइम्स आॅॅफ इंडिया मंे यूपी में अवैध तरीके से चुन चुन कर मुसलमानों के मकान ढाये जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की खबर लीड है। इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से सही प्रक्रिया अपनाने के बाद ही गैरकानूूनी मकानों को ढाने की बात कही है। हालांकि कोर्ट ने यूपी सरकार की कार्रवाई पर अबतक रोक नहीं लगायी है।
मधुबनी के रतौल निवासी मोहम्मद शम्स आलम शैख ने बुधवार को पुर्तगाल के शहर मदायरा में आयोजित विश्व पारा तैराकी चैम्पियनशिप की 200 मीटर व्यक्तिगत मेडली स्पर्धा में नया राष्ट्रीय रेकाॅर्ड बनाया है। इसके बारे में टाइम्स आॅफ इंडिया ने पहले पेज के अलावा अपने खेल पेज पर विस्तार से जानकारी दी है। शम्स फिलहाल मुंबई में रहते हैं।
बिहार के नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के ट्रेनिंग प्रोग्राम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार में 3200 पंचायत सरकार भवन बनना है। इनमें से 1484 का काम पूरा हुआ है। बाकी का काम अगले साल पूरा होगा। इस कार्यक्रम में नीतीश ने शराबबंदी की भी चर्चा की। जागरण में यही खबर सबसे बड़ी है जिसका शीर्षक है- पंचायत प्रतिनिधियों को भी देखना है शराबबंदी ठीक से लागू होः सीएम।
भारतीय शेयर बाजार 52 सप्ताह के सबसे निचले स्तर पर है लेकिन यह खबर अखबारों में कोई खास जगह नहीं पा सकी है हालांकि ’हिन्दुस्तान’ ने इसपर संपादकीय में वैश्विक बाजार की कमजोरी और रूस-यूक्रेन युद्ध को कारण बताया है।
एक और खबर में बताया गया है भारत में कोरोना से बीमार लोगों की संख्या 12 हजार से अधिक हो गयी है।
अनछपीः बात-बात में बुलडोजर और पोस्टरबाजी की बात करने वाले अखबार और कुछ सरकारें दो दिन से हो रही आगजनी पर भीगी बिल्ली बने हुए हैं। उनका वह तेवर गायब है जो रांची में प्रदर्शनकारियों पर हुई फायरिंग के दौरान देखने को मिला था। जागरण अखबार ने अपने रांची संस्करण में आधे पन्ने पर लगातार मुस्लिम युवाओं की तस्वीर छापी थी यह कहकर कि इन उपद्रवियों पर कार्रवाई कब होगी। मगर क्या उस अखबार की नैतिकता का तकाजा यह नहीं था कि अभी हो रही हिंसा की तस्वीरों में से उपद्रवियों की तस्वीर छापे और सरकार से पूछे कि इन पर कार्रवाई कब होगी। क्या अब यह सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए कि रांची में राज्यपाल के कहने पर तस्वीरों का पोस्टर लग सकता है तो इस आन्दोलन के उपद्रवियों का क्यों नहीं।
उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन आयोजित करने के आरोप में घर ढाया जा सकता है तो अभी ट्रेनों में आग लगाने वालों के आगे बुलडोजर का दम क्यों निकल गया। समझाने की बात यह है कि सकरार के हर गैर कानूनी काम और उसके दमन का विरोध जरूरी है। इसमें धर्म देखकर कार्रवाई किसी भी तरह देशहित में नहीं है।

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