छपी-अनछपीः जागरण की नजर में विरोध दर्ज कराना साजिश, राज्य के हिसाब से तय होगा अल्पसंख्यक दर्जा

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। 14 जुलाई से अखबारों में फुलवारी शरीफ में कथित आतंकी गतिविधियों के आरोप में पकड़े गये लोगांे की खबर छायी हुई है। आज भी हिन्दुस्तान और जागरण ने इसे प्रमुखता से छापा है।
राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्राॅस वोटिंग और सुधा के दही और लस्सी की कीमत बढ़ने की खबर भी प्रमुखता से छपी है।
प्रभात खबर की लीड हैः राष्ट्रपति चुनाव में 99 प्रतिशत से अधिक मतदान, कई राज्यों में क्राॅस वोटिंग।
जागरण ने लिखा हैः मुर्मू के पक्ष में क्राॅस वोटिंग। यही खबर टाइम्स आॅफ इंडिया की भी लीड है।
जागरण की दूसरी सबसे अहम खबर हैः प्रधानमंत्री की पटना यात्रा के दौरान विरोध दर्ज कराने का था षड्यंत्र।
हिन्दुस्तान की लीड हैः गजवा-ए-हिन्द माड्यूल की जांच एटीएस करेगी। इस खबर में बताया गया है कि फुलवारी शरीफ थाने में दर्ज मामले को एटीएस दो दिन में अपने हाथों में ले लेगा। फिलहाल केन्द्रीय एजेंसियों को इसकी जांच नहीं सौंपी जाएगी। अखबार का दावा है कि गजवा-ए-हिन्द नाम से दो व्हाट्सऐप ग्रुप चल रहे थे जिसमें से एक का एडमिन मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर था। इसके नंबरों को ट्रेस किया जाएगा। वह बाद में एडमिन बना था। इसमें यह भी बताया गया है कि एनआईए, राॅ और आईबी की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है।
टाइम्स आॅफ इंडिया ने खबर दी है कि नुपूर शर्मा का पता आतंक के संदिग्ध के फोन में मिला।
भास्कर की लीड हैः आजाद भारत में पहली बार अनाज पर टैक्स, दही 7, घी 60रु/किलो महंगा।
टाइम्स आॅफ इंडिया की एक बड़ी सुर्खी हैः अल्पसंख्यक दर्जे का निर्धारण राज्यवारः सुप्रीम कोर्ट। इस खबर में बताया गया है कि कुछ राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए दी गयी अर्जी पर सुनवाई केे दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही है। सुप्रीम कोट ने कहा कि मिजोरम और नगालौंड में ईसाइयों को या पंजाब में सिखों को अल्पसंख्यक का दर्जा देना न्याय का मजाक होगा।
टाइम्स आॅफ इंडिया ने ही खबर दी है कि सुप्रीम कोर्ट ने ’दुष्चक्र’ पर फटकार लगाते हुए फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को यूपी में दर्ज 5 एफआईआर के मामलें में गिरफ्तारी से सुरक्षा दी है। यह खबर हिन्दी अखबारों में दबा दी गयी है।
इस अखबार की दूसरी सबसे अहम खबर सीतामढ़ी से है। इसमें बताया गया है कि वहां नुपूर शर्मा समर्थक को सरे बाजार 6 बार चाकू मारा। एसपी ने नुपूर शर्मा एंगल को खारिज करते हुए कहा है कि दोनों पक्ष नशे में थे।
सीवान में भगदड़ तो रोहतास में दम घुटने से 3 श्रद्धालुओं की मौत की खबर भी प्रमुखत से छपी है।
नीट-यूजी धांधली मामले में सीबीआई ने आठ को दबोचा, यह खबर भी प्रमुखता से छपी है।

अनछपीः फुलवारी शरीफ मामले में आज जागरण की खबर की हेडिंग हास्यास्पद तो है लेकिन यह खतरनाक भी है क्योंकि यह इस बात को समझाने की कोशिश है कि प्रधानमंत्री के दौरे पर विरोध प्रदर्शन करना साजिश है। हिन्दुस्तान अखबार की खबर में एक जगह भी किसी अधिकारी का बयान नहीं है। इस अखबार ने वैसे भी आरोपितों के परिजन के पक्ष को कोई खास जगह नहीं दी है। टाइम्स आॅफ इंडिया का यह दावा कि आतंक के संदिग्ध के फोन में नुपूर शर्मा का पता मिला है। अब यह इन्हें कौन बताए कि यह पता तो भाजपा के उस पत्र से ही सबके पास आ गया था जिसमें नुपूर शर्मा को पार्टी से निलंबित करने की बात कही गयी थी। जिसने भी वह पत्र डाउनलोड किया होगा, उसके पास यह पत्र और उसमें दर्ज पता होगा। पटना पुलिस इस मामले में कहानी गढ़ रही है और स्थानीय विधायक माले के गोपाल रविदास से कहती है कि वह अदालत को साक्ष्य देगी। आखिर ऐसे आरोप गढ़ने और उसे मीडिया में लीक करने से क्या हासिल होने वाला है। अखबारों की हालत यह है कि भाकपा-माले ने कल भी बयान जारी कर पूछा था कि जब पीएफआई प्रतिबंधित नहीं है तो उससे जुड़े लोग आंतकी कैसे हो गये, मगर किसी ने उसे तवज्जो नहीं दी। अब यह बात नीतीश सरकार के लिए भी सोचने की है कि मनगढ़ंत खबरों से जो विद्वेष पैदा हो रहा है, उसपर कैसे लगाम लगे।

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