छपी-अनछपी: तेजस्वी सीएम बनने की हड़बड़ी में नहीं, यूपी में का बा गाने वाली नेहा को नोटिस
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि वे अभी मुख्यमंत्री बनने के लिए हड़बड़ी में नहीं हैं। इसकी खबर सभी अखबारों ने प्रमुखता से दी है। उधर उत्तर प्रदेश में मशहूर गायिका नेहा सिंह राठौर को कानपुर पुलिस ने नोटिस भेजा है। पटना में उसना चावल में अधिक केमिकल मिलाने की खबर आई है जिसे अखबारों ने अच्छी जगह दी है।
तेजस्वी कब बनेंगे सीएम?
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: सीएम पद को लेकर हड़बड़ी में नहीं: तेजस्वी। हिन्दुस्तान में भी यह पहले पेज की सुर्खी है: मुझे मुख्यमंत्री बनने की कोई जल्दबाजी नहीं: तेजस्वी। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की कोई जल्दबाजी नहीं है। “हमारी पहली प्राथमिकता भाजपा को रोकना है। बिहार में महागठबंधन अटूट है। सरकार सही दिशा में काम कर रही है। हमारी कोशिश है कि 2024 के चुनाव में भाजपा एक भी सीट नहीं जीते। वे जहानाबाद के बराबर पर्यटन स्थल पर धर्मशाला (यात्री निवास केंद्र) का उद्घाटन करने के बाद उप मुख्यमंत्री पत्रकारों से बात कर रहे थे।
यूपी में का बा?
हिन्दुस्तान की खबर है: गायिका नेहा सिंह राठौर को नोटिस। कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में कब्जा हटाते समय लगी आग से मां-बेटी की मौत के मामले में लोकगीत यूपी में का बा सेशन – 2 को आपत्तिजनक बताकर पुलिस ने गायिका नेहा सिंह राठौर को नोटिस भेजा है। अकबरपुर कोतवाल की ओर से जारी नोटिस में सात बिंदुओं पर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। जवाब नहीं आने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
प्रोफेसर में प्रमोशन
राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के प्रमोशन पर रोक हटी, अब पांच के साथ 3 साल में भी बनेंगे प्रोफेसर। राजभवन ने राज्यभर में विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के प्रमोशन पर 2021 में लगी रोक हटा ली है। अब विश्वविद्यालय में शिक्षकों को करिअर एडवांसमेंट स्कीम के नए प्रमोशन रेग्युलेशन के तहत प्रमोशन मिलेगा। इसमें असिस्टेंट प्रोफेसर से प्रोफेसर बनने के लिए 5 साल पर मिलने वाले प्रमोशन के साथ ऐकैडेमिक परफॉर्मेंस इंडिकेटर (एपीआई) के तहत 3 साल पर भी प्रमोशन पाने का विकल्प मिलेगा। तीन साल पर प्रमोशन लेने के लिए शिक्षकों को एपीआइ की शर्तें पूरी करनी होंगी। राजभवन के प्रधान सचिव आरएल चोंग्थू ने इसकी अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि नई प्रमोशन स्कीम के अप्रूवल और सरकार कैसे लागू करने को लेकर मिले पत्र को देखते हुए पूर्व में लगाई गई रोक वापस ली जाती है।
39 लाख जॉब कार्ड रद्द
हिन्दुस्तान की मेन हेडलाइन है: सख्ती: सूबे में 39 लाख मनरेगा जॉब कार्ड रद्द। बिहार में अब तक 2 करोड़ 35 लाख मनरेगा के लिए रजिस्टर्ड मजदूर थे। जो जॉब कार्ड रद्द हुए हैं उनमें ज्यादातर फर्जी या दोहरे थे। कुछ ऐसे मजदूरों का भी जॉब कार्ड रद्द किया गया है जो प्रदेश से लंबे समय से बाहर हैं और पिछले तीन सालों में मनरेगा के तहत एक दिन भी काम नहीं किया है। मनरेगा के तहत बने जॉब कार्ड को आधार से लिंक करने के दौरान यह खुलासा हुआ। राज्य के छह जिले ऐसे हैं जहां सबसे अधिक जॉब कार्ड को रद्द किया गया है। इसमें पटना, वैशाली, समस्तीपुर, भागलपुर, भोजपुर और दरभंगा शामिल हैं। इसमें केवल 91 लाख 79 हजार मजदूर ही सक्रिय पाए गए। इनमें 88 लाख 31 हजार मजदूरों के जॉब कार्ड आधार से लिंक कर दिए गए हैं।
उसना चावल में केमिकल
जागरण सहित दूसरे अखबारों की खबर है: चावल की चमक बढ़ाने के लिए इस्तेमाल हो रहे ज्यादा रसायन। अखबार लिखता है कि धान मिल उसना चावल में चमक लाने के लिए निर्धारित मात्रा से ज्यादा रसायनों का प्रयोग कर रही हैं जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसा चावल की चमक बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इस बात की जानकारी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य खाद्य निगम की जांच में सामने आई है। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने निर्देश दिया है कि जिले में कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) लेने में जरूरी स्टैंडर्ड का ध्यान रखें।
हिजाब में एग्जाम के लिए अर्ज़ी
हिन्दुस्तान में एक छोटी सी खबर है: हिजाब में परीक्षा देने की अनुमति मांगी। अखबार के अनुसार कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की अनुमति को लेकर लड़कियां उच्चतम न्यायालय पहुंचीं। अदालत ने बुधवार को कहा कि वह उनकी याचिका पर विचार करेगा। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ को बताया गया कि हिजाब पर प्रतिबंध के मुद्दे पर शीर्ष अदालत के खंडित फैसले के बाद लड़कियों को हिजाब में नौ मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
पेट से निकला मोबाइल फोन
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यानी आईजीआईएमएस में पेट से मोबाइल फोन निकाले जाने की खबर सभी अखबारों में है। गोपालगंज जेल में छापा पड़ा तो पकड़े जाने के डर से कैदी ने मोबाइल ही निगल लिया। लेकिन यह चलाकी भी उसे बचा नहीं पाई, क्योंकि अधिकारियों ने ऐसा करते देख लिया। उल्टे दो दिनों तक अस्पताल में दर्द से वह छटपटाता रहा। मोबाइल निगलने वाले कैदी को तत्काल गोपालगंज सदर अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे पटना रेफर कर दिया गया। एक दिन निगरानी में रखने के बाद मंगलवार को आईजीआईएमएस में चिकित्सकों ने काफी जद्दोजहद के बाद बैगर चीर-फाड़ के भोजन की नली में फंसा मोबाइल इंडोस्कोपी से सफलतापूवर्क निकाल लिया।
कुछ और सुर्खियां
- सूबे के 500 थानों में 26 से काम करने लगेगा महिला हेल्प डेस्क
- बोले रविशंकर- विपक्षी एकता की जगह जदयू के बिखराव रोकें
- निर्देश: पहली कक्षा में दाखिले के लिए 6 वर्ष की उम्र जरूरी
- बिहार बोर्ड: इंटर परीक्षा का रिजल्ट मार्च में आयेगा, मैट्रिक का उसके बाद
- शिक्षा विभाग में डिप्टी डायरेक्टर अब्दुस्सलाम बने मदरसा बोर्ड के कार्यकारी चेयरमैन
- सरकारीकर्मियों की सर्विस बुक ऑनलाइन होगी
- जमीन की दस्तावेज अब 10 रुपये में ऑनलाइन
- सहायक के 44 पद, उम्मीदवार 86200, बीपीएससी अप्रैल में लेगी इम्तिहान
- साइबर फ्रॉड का नया तरीक़ा: ज़मीन के कबाला से डुप्लीकेट फिंगर प्रिंट बना खाते से कर रहे निकासी
अनछपी: भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अक्सर यह सवाल करते हैं कि भारत में मीडिया कहां स्वतंत्र नहीं है जबकि उन्हें मालूम है कि मीडिया स्वतंत्रता के सूचकांक पर भारत का स्थान काफी नीचे चला गया है। बीबीसी के दफ्तरों पर छापे की बात वैसे तो टैक्स से संबंधित बताई जाती है लेकिन यह बात सबको पता है कि इसका कारण दरअसल उसकी वह डॉक्यूमेंट्री है जो भारत में नहीं दिखाई गई फिर भी जिस पर हंगामा मचा है जिसमें गुजरात में मुस्लिम विरोधी दंगों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। अब लोकप्रिय भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर के गीत ‘यूपी में का बा’ पार्ट 2 पर उन्हें पुलिस का नोटिस मिला है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता इस बारे में भी कुछ न कुछ दलील जरूर देंगे और यूपी सरकार भी इसे छोटा मामला बताने की कोशिश करेगी लेकिन वास्तविकता यह है कि ऐसी ही छोटी-बड़ी कार्रवाइयों के साथ मुख्यमंत्री महंत आदित्यनाथ उर्फ योगी यह संदेश देते हैं कि किसी भी हाल में अपने खिलाफ कही गई कोई भी बात बर्दाश्त नहीं करने वाले। यूपी की सरकार ने कोरोना के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों की मौत की तस्वीर छापे जाने पर भाजपा के प्रवक्ताओं ने सरकार का बचाव किया था। भारत के लोगों को अब यह मान लेना चाहिए कि अघोषित तरीके से ही लेकिन संचार के विभिन्न माध्यमों पर सरकार का हथौड़ा ऐसे ही चलता रहेगा। ऐसे में नेहा सिंह राठौर जैसी गायिकाओं का समर्थन करना ही नागरिकों का कर्तव्य बनता है।
1,413 total views