छपी-अनछपी: बिहार में तीन लाख टीचर्स की बहाली की तैयारी, ‘मोदी के अपमान’ पर कांग्रेस नेता जहाज़ से गिरफ्तार

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में 300000 टीचरों की बहाली के लिए नियमावली तैयार हो गई है जिसकी खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से ली गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कथित अपमानजनक बयान पर माफी मांगने के बावजूद कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा को दिल्ली में हवाई जहाज से उतारकर असम पुलिस ने गिरफ्तार किया जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिली। खबर के साथ लगी तस्वीर कांग्रेस के धरने का है। इस खबर को भी अच्छी जगह मिली है। मंत्री सुरेंद्र यादव का अग्निवीरों के लिए दिया गया बयान भी विवादों के घेरे में आ गया है जिसे अखबारों ने पहले पेज पर जगह दी है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: सुखद: तीन लाख शिक्षक होंगे बहाल। भास्कर की पहली खबर भी यही है: 7वें चरण में 3 लाख शिक्षकों की भर्ती नियमावाली पर मंत्री ने किया हस्ताक्षर। राज्य में शिक्षक नियुक्ति के सातवें चरण के तहत इस वर्ष विभाग 3 लाख शिक्षकों की नियुक्ति होगी। शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर ने शिक्षक नियोजन नई नियमावली पर अपनी सहमति दे दी है। अब नियमावली को अंतिम मुहर के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा। गुरुवार को मंत्री ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार 10 लाख नौकरी देने का अपना वायदा पूरी करेगी। प्रस्तावित नियमावली में शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों व नगर निकायों से वापस लेकर एक एकीकृत आयोग को सौंपा जा रहा है। मौजूदा शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाइयां थीं, जबकि प्रस्तावित नियमावली में नियोजन इकाइयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर अर्थात 38 रह जाएगी।

उर्दू, फारसी व अरबी के 26500 पद

राज्य सरकार विशेष टीईटी और एसटीईटी आयोजित कर उर्दू, फारसी तथा अरबी विषयों के शिक्षकों की भर्ती करेगी। चरणबद्ध तरीके से 26500 ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर ने 15 दिनों में विशेष टीईटी व एसटीइटी आयोजित करने संबंधी नियमावली के साथ पूरी कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है। उसके बाद शिक्षा विभाग इसकी योजना बनाने में जुट गया है।

पवन खेड़ा के बयान पर बखेड़ा

जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: प्रधानमंत्री के अपमान पर पवन खेड़ा गिरफ्तार। हिन्दुस्तान की हेडलाइन है: खेड़ा के गिरफ्तारी से सियासी बखेड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की दिल्ली हवाईअड्डे से गिरफ्तारी पर गुरुवार को दिनभर सियासी बखेड़ा हुआ। इसे लेकर पार्टी नेता हवाईअड्डे पर ही धरने पर बैठ गए। असम पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ खेड़ा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई। दिलचस्प बात यह है कि उस समय श्री खेड़ा इंडिगो की फ्लाइट में सवार हो चुके थे और उन्हें यह कहकर नीचे उतारा गया कि उन्हें कुछ अपना सामान देखना है। कांग्रेस ने कार्रवाई को सरकार का मनमाना रवैया बताते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर करने का आरोप लगाया। वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा, कानून अपना काम कर रहा है। पुलिस ने खेड़ा को उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वह कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में हिस्सा लेने रायपुर जा रहे थे।

बयान क्या था

जागरण के अनुसार कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कुछ दिन पहले पत्रकार वार्ता में कहा था कि हिंडनबर्ग-(गौतम) अदानी मसले पर जेपीसी का गठन करने में नरेंद्र गौतम दास मोदी को समस्या क्या है? बाद में कहा कि क्षमा करें… नरेंद्र दामोदर दास मोदी। एक वीडियो में खेड़ा पूछ रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम में गौतम दास है या दामोदरदास और फिर वैसे ही नाम ले रहे हैं। बाद में पवन खेड़ा ने ट्वीट कर कहा कि वे भ्रमित हो गए थे साथ ही कहा नाम दामोदर दास है लेकिन कर्म गौतम दास के हैं।

गया में मॉब लिंचिंग

गया के बेलागंज थाना के तहत डीहा गांव में बुधवार की रात चोरी के आरोप में तीन युवकों की भीड़ ने चोरी का आरोप लगाते हुए पिटाई कर दी जिसमें से एक युवक बाबर की गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई है, जबकि दो युवकों का मगध मेडिकल कॉलेज में इलाज जारी है। मृतक की पहचान कुरीसराय निवासी मो. बाबर (28 वर्ष), पिता स्वर्गीय औरंगजेब आलम के रूप में हुई है। इसके अलावा दो अन्य घायलों में रुकमुद्दीन आलम (32 वर्ष) पिता मो. जाहिद एवं मो. साजिद (28 वर्ष) पिता मो. साबिर शामिल हैं। मॉब लिंचिंग के शिकार हुए मो. बाबर के आक्रोशित परिजनों ने गया-पटना एनएच पर बेलागंज के रामपुर मोड़ के पास जाम कर दिया। पुलिस ने बताया कि बुधवार की देर रात एक स्कार्पियो से आधा दर्जन से अधिक की संख्या में रहे लोग डीहा गांव पहुंचे थे। ये सभी गाड़ी को गांव के शिव मंदिर के समीप खड़ा कर सड़क पर हथियार लेकर घूम रहे थे। इस दौरान गांव के कुछ लोगों ने गाड़ी में आए युवकों से पूछताछ करने की कोशिश की तो सभी गांव से बधार में भागने लगे। इस बीच युवकों ने तीन राउंड फायर भी की। फायरिंग सुनकर पास के ही पिपरा और नंदूबिगहा ग्रामीण भी जुट गए और तीन युवकों को दबोच लिया।

सुरेंद्र यादव और अग्निवीर

सुरेंद्र यादव बेलागंज से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक हैं और इस समय बिहार के सहकारिता मंत्री हैं। जागरण की सुर्खी है: मंत्री सुरेंद्र यादव का सेना पर शर्मनाक बयान। भास्कर में भी यह दूसरी सबसे बड़ी खबर है: राजद कोटे के मंत्री सुरेंद्र यादव ने अग्निवीरों के लिए की अभद्र टिप्पणी, जदयू ने बयान को अपमानजनक बताया। करण के अनुसार अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया और सैनिकों की वीरता पर सवाल खड़े करते हुए राजद नेता ने कहा कि जिन्होंने भी अग्निवीर भर्ती करने का फैसला किया उन्हें फांसी पर चढ़ा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज से साढ़े आठ साल बाद देश का नाम हिजड़ों की फौज में शामिल होगा जब सेना के पुराने सैनिक और अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। भाजपा ने मंत्री को बर्खास्त और गिरफ्तार करने की मांग की है जबकि कांग्रेस ने कहा है कि सवाल तो उठेंगे हालांकि भाषा सम्मानजनक होनी चाहिए।

पंजाब में बवाल

अमृतसर के अजनाला थाने में गुरुवार को जमकर बवाल हुआ जिसकी चर्चा हर तरफ है। हिन्दुस्तान के अनुसार खालिस्तान से सहानुभूति रखने वाले कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने बैरिकेडिंग हटाकर पुलिस को खदेड़ दिया। हथियारों के साथ भीड़ अपने साथी को छुड़ाने थाने जा धमकी। पंजाब के अमृतसर में अजनाला थाने के बाहर गुरुवार को ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने साथी की रिहाई के लिए तलवारों और बंदूकों से पुलिस बेरिकेड्स तोड़ पुलिसकर्मियों से भिड़ गए। अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों से थाने पर धावा बोल दिया। हजारों लोग अमृतपाल के करीबी सहयोगी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी को लेकर आक्रोश में थे। आईजी (बार्डर रेज) जसकरण सिंह और वरष्ठि पुलिस अधीक्षक अमृतसर देहाती सतिंदर सिंह द्वारा जांच एसआईटी से करवाने के आश्वासन के बाद अमृतपाल सिंह और उसके हथियारबंद समर्थकों ने पुलिस थाने का घेराव खत्म किया।

कुछ और सुर्खियां

  • भारत में केएफसी और पिज़्ज़ा हट खोलने वाले अमेरिकी अजय बंगा बन सकते हैं वर्ल्ड बैंक के नए अध्यक्ष
  • कनाडा की नागरिकता छोड़ेंगे फिल्म कलाकार अक्षय कुमार
  • सीबीआई ने पूर्व मध्य रेलवे के चीफ कंट्रोलर अभय कुमार को उठाया
  • साइबर क्राइम होने पर 1930 नंबर पर 26 फरवरी से कर सकेंगे शिकायत
  • दिल्ली नगर निगम में टूटीं मर्यादाएं ‘आप’ और भाजपा पार्षदों के बीच जूतम पैजार
  • बिहटा में हथियार के बल पर पीतल व्यवसाय से 11 लाख की लूट

अनछपी: आज से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का महाधिवेशन शुरू हो रहा है और इससे ठीक एक दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा जब दिल्ली हवाई अड्डे से रवाना होने वाले थे तो असम पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंच गई। प्रधानमंत्री मोदी के बारे में दी गई अपनी टिप्पणी पर पवन खेड़ा माफी मांग चुके हैं उसके बावजूद उनके खिलाफ तीन राज्यों की पुलिस ने केस दर्ज किया है और 22 साल तक कांग्रेस में रहे भाजपा के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की पुलिस ने गुवाहाटी से आकर उन्हें गिरफ्तार किया। इस तरह की नाटकीय गिरफ्तारी वास्तव में सत्ता के अहंकार की पराकाष्ठा मानी जाएगी। श्री सरमा बदले की भावना से कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर संघ और भाजपा के बड़े नेताओं को खुश करना चाहते हैं। वे अपने राज्य में अल्पसंख्यक के खिलाफ जो अनाप-शनाप कार्रवाई करते रहे हैं, वह जगजाहिर है। यह बात अपनी जगह सही है कि नेताओं को बयान देने में पूरी सावधानी बरतनी चाहिए लेकिन यह भारतीय जनता पार्टी के लिए भी सोचने की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विपक्षी नेताओं के लिए कैसे-कैसे शब्द का इस्तेमाल किया। किसी के लिए जर्सी गाय तो किसी के लिए 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड और ममता बनर्जी के लिए दीदी ओ दीदी जैसे संबोधन को सभ्य समाज कभी सम्मानजनक नहीं मान सकता। अगर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ किसी कांग्रेस शासित राज्य में ऐसे ही केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जाए तो स्थिति कितनी असहज होगी, यह सोचा जा सकता है। इसलिए एक तरफ इस बात की जरूरत है कि नेता अपने बयान में संयमित रहें तो दूसरी ओर सरकार भी बदले की कार्रवाई में ऐसी अंधी न हो जाए कि तिल का ताड़ बना दे।

 

 

 

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