छपी-अनछपी: नए संसद भवन के उद्घाटन पर नहीं हुआ समझौता, शिक्षक भर्ती का इम्तिहान 19 अगस्त से
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नए संसद भवन का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन कराए जाने का विरोध करने वाली पार्टियों और सरकार में कोई समझौता नहीं हो पाया है। इसकी खबर प्रमुखता से ली गई है। बिहार में शिक्षकों की बहाली 19 अगस्त से शुरू होने वाली है जिसकी खबर सभी जगह पहले पेज पर है। सूरत से यह रोचक खबर है कि वहां 2000 के इतने नोट बदले गए हैं कि ₹500 के नोटों की कमी हो गई है। अंतरराष्ट्रीय खबरों में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम नो फ्लाई लिस्ट में शामिल कर दिया गया है।
हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: लोकतंत्र के मंदिर पर देश में मनमुटाव। अखबार लिखता है: लोकतंत्र के मंदिर नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर पक्ष-विपक्ष में मनमुटाव बढ़ गया है। तीन देशों की यात्रा से लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इशारों में विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि सिडनी में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में पक्ष-विपक्ष दोनों एकसाथ मौजूद थे। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, विपक्ष के बहिष्कार से कुछ नहीं होगा। जनता का आशीर्वाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ है। नए संसद भवन के उद्घाटन में सत्तारूढ़ एनडीए के 18 दलों के साथ विपक्षी खेमे के भी सात दल आ गए हैं। समारोह के लिए विपक्ष के सात दलों बीजद, बसपा, तेलुगुदेशम, वाईएसआरसीपी, अकाली दल, लोजपा (पासवान) और जद (एस) ने भाग लेने की पुष्टि की है।
संसदीय प्रणाली ध्वस्त: खड़गे
इधर, कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर पीएम पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति को उद्घाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया गया है। संसद जनता द्वारा स्थापित लोकतंत्र का मंदिर है। राष्ट्रपति का पद संसद का प्रथम अंग है। लेकिन, सरकार ने संसदीय प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है। खड़गे ने गुरुवार को ट्वीट में कहा कि 140 करोड़ भारतीय जानना चाहते हैं कि राष्ट्रपति से संसद भवन के उद्घाटन का हक छीनकर सरकार क्या जताना चाहती है।
शिक्षक भर्ती परीक्षा 19 अगस्त से
पहली से 12वीं क्लास तक के 1, 70, 461 शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा 19, 20, 26 और 27 अगस्त को होगी। बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन यानी बीपीएससी ने गुरुवार को परीक्षा की संभावित तिथि जारी कर दी। इसके लिए वैकेंसी भी इसी माह आएगी। बीपीएससी ने वैकेंसी का फॉर्मेट शिक्षा विभाग को भेजा है। विभाग जांच कर दो दिन में आयोग को लौटा देगा। 2 घंटे की इस परीक्षा में डेढ़ सौ अंक होंगे और नेगेटिव मार्किंग भी होगी। जो शिक्षक वर्तमान में नियोजित हैं उनके लिए उम्र की सीमा नहीं रखी गई है।
2000 के नोट की बदली से 500 की किल्लत
भास्कर ने चित्र के साथ एक खबर दी है: दो हज़ार के इतने नोट पहुंचे कि 500 के नोटों का संकट। अखबार लिखता है कि हीरा नगरी सूरत में 3 दिनों के भीतर 800 करोड़ मूल्य के 2000 के नोट बैंकों में पहुंच चुके हैं। इस बदलाव या जमा की वजह से बाजार में 500 के नोट लगभग नदारद हो गए हैं। बैंकिंग सेक्टर से जुड़े जानकार सूत्रों का कहना है कि 500 के नोट का फ्लो कम है।
ऑस्ट्रेलिया में छात्रों पर बैन
हिन्दुस्तान ने इस खबर को अहमियत दी है: यूपी-पंजाब समेत 6 राज्यों के छात्र ऑस्ट्रेलिया में बैन। ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया स्थित फेडरेशन यूनिवर्सिटी और न्यू साउथ वेल्स में पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय ने छह भारतीय राज्यों के छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। शिक्षा एजेंटों को हिदायत दी गई कि वे पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के छात्रों पर विचार न करें। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बैन करने का कारण इन राज्यों से पाया जाने वाला जोखिम बताया गया है।
इमरान पर पाबंदी
हिन्दुस्तान की खबर है: इमरान और उनकी पत्नी के पाकिस्तान छोड़ने पर रोक। पाकिस्तान की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी समेत 600 लोगों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। मीडिया में आई खबर में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई। इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में नौ मई को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान समेत पार्टी के कई शीर्ष नेता आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। ‘समा’ समाचार चैनल ने खबर दी है, संघीय सरकार ने पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी सहित 600 लोगों के नाम उड़ान निषेध सूची में शामिल करने का फैसला किया है।
नेपाली नगर में बुलडोजर चलाना गलत क़रार
पटना की खबर होने की वजह से यह जानकारी सभी अखबारों में लीड है: नेपाली नगर में मकानों को तोड़ना गैरकानूनी: कोर्ट। पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपने फैसले में राजधानी पटना के राजीव नगर स्थित नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर बिहार राज्य आवास बोर्ड और जिला प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई को गैरकानूनी करार दिया। साथ ही तोड़े गये मकानों के लिए तत्काल पांच लाख मुआवजा देने का आदेश दिया। इसके अलावा जिनके मकान तोड़े गए हैं, उन्हें सिविल कोर्ट में अर्जी दायर कर क्षतिपूर्ति का दावा करने का भी आदेश सुनाया। पटना के डीएम ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की बात की है।
कुछ और सुर्खियां
- सरकारी जमीन रयत के नाम हुई तो सीईओ पर की जाएगी कार्रवाई
- अब वकालत के एडमिशन टेस्ट क्लास का पेपर हिंदी में भी आएगा
- सीबीएसई ने 10वीं में बेसिक मैथ लेने वाले को 11वीं में भी मैथ पढ़ने की छूट दी
- नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
- बिहार कांग्रेस ने बनाये 28 जिलाध्यक्ष, इनमें 17 सवर्ण
- त्रिपुरा की भाजपा सरकार में टूरिज़्म एंबेसडर बने सौरव गांगुली ने कहा, हर चीज में राजनीति घसीटना ठीक नहीं
अनछपी: राज्यों का ब्रांड एंबेसडर बनना भी एक दिलचस्प बात है जिसके बारे में बहुत जानकारी सामने नहीं आती है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली त्रिपुरा की भाजपा सरकार के ब्रांड एंबेसडर बने हैं तो इसमें राजनीति की चर्चा होना अस्वाभाविक बात नहीं है। हालांकि सौरव गांगुली चाहते हैं कि इसे राजनीतिक तौर पर ना देखा जाए लेकिन यह बात भी अहम है कि उनकी भारतीय जनता पार्टी से नजदीकी की चर्चा की जाती रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह उस समय से बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल इन इंडिया यानी बीसीसीआई के सचिव हैं जब सौरव गांगुली उसके अध्यक्ष थे। बीच-बीच में सौरव गांगुली ममता बनर्जी से भी मिल लेते हैं ताकि भाजपा से उनकी नजदीकी को ज्यादा चर्चा का विषय ना बनाया जाए। सौरव गांगुली ने कहा कि अमिताभ बच्चन गुजरात शाहरुख खान बंगाल सचिन तेंदुलकर केरल ऋषभ पंत उत्तराखंड और महेंद्र सिंह धोनी झारखंड के ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम कर रहे हैं तो उनके मामले में राजनीति क्यों हो रही है। राजनीति के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि राजनीति होते हुए भी कहा जाता है कि राजनीति नहीं हो रही है। वैसे सोचने की बात यह है कि आम इंसानों के अधिकार की बात हो या खिलाड़ियों के अधिकार की बात हमारे बड़े खिलाड़ी राज्यों के ब्रांड एंबेसडर तो बन जाते हैं लेकिन इंसाफ के ब्रांड एंबेसडर नहीं बन पाते। हम बहुत कम पाते हैं कि ऐसे बड़े खिलाड़ी समाज में पाए जाने वाले भेदभाव के खिलाफ अपनी बात रखते हों। इसलिए सौरव गांगुली अगर त्रिपुरा के ब्रांड एंबेसडर बने हैं तो उनके राजनीतिक महत्वाकांक्षा की चर्चा पर नाराजगी सही नहीं है।
1,016 total views