जमीअत-ए-उलेमा हिन्द को ज़िन्दगीभर सींचने वाले अलहाज क़ादरी नहीं रहे

सैयद जावेद हसन, बिहार लोक संवाद डाॅट नेट पटना
जमीअत-ए-उलेमा हिन्द बिहार-झारखंड के महासचिव अलहाज हुस्न अहमद क़ादरी का गुरुवार की सुबह 10 बजे पटना में इंतक़ाल हो गया। वे 78 साल के थे। वे पिछले एक साल से सांस की बीमारी से परेशान थे।

अलहाज क़ादरी का संबंध ख़ानक़ाह मुजीबिया फुलवारीशरीफ़ से था। वे 40 वर्ष से जमीयत उलमा हिन्द से जुड़े थे। इस दौरान उन्होंने कई ओहदों की जिम्मेदारी संभाली। वे जीवन भी जमीयत उलमा को सींचते रहे और इसे एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया।

बिहार के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक वर्ग में अलहाज हुस्न अहमद क़ादरी की अलग पहचान थी। देश के गंभीर मुद्दों विशेषकर मुसलमानों से संबंधित सुझावों पर प्रदेश सरकार गंभीरता से विचार करती थी।
उनकी एक खास बात यह थी कि सत्ताधारी और विपक्षी दलोें वे समान रूप से सम्मान से देखे जाते थे।

मंुस्लिम धार्मिक संस्थानों के बीच भी वे इज्जत की निगाह से देखे जाते थे। उन्होंने मौलाना मिन्नतुल्लाह रहमानी, मौलाना वली रहमानी, मौलाना नेज़ामुद्दीन साहब जैसी शख़्सीयतों के साथ काम किया था।

अलहाज कादरी के बेहद करीबी माने जाने वाले और वरिष्ठ उर्दू पत्रकार अनवारुलहोदा ने बिहार लोक संवाद डाॅट नेट से बातचीत करते हुए कहा कि अलहाज कादरी का सबसे बड़ा योगदान पटना जंक्शन पर स्थित मदनी मुसाफिरखाना को एक नया रूप देना है। यह मुसाफिरखाना सिर्फ आम यात्रियों के लिए एक सस्ती पनाहगनाह के तौर पर ही मशहूर नहीं है, बल्कि विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र बिन्दु भी है।

अनवारुलहोदा ने बताया कि अलहाज कादरी को अपनी मौत के करीब होने का अंदाजा लग गया था। इसीलिए वे अपनी मौत का बार-बार जिक्र करते थे और जरूरी कामों को जल्द से जल्द निपटाने की हिदायत करते थे।

नीतीश कुमार ने जताया गहरा शोक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अलहाज हुस्न अहमद कादरी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि वह हुस्न अहमद कादरी साहब के इन्तकाल की खबर से बहुत दुखी हैं। उन्होंने कहा कि हुस्न अहमद साहब जमीयत-ए-उलमा बिहार-झारखंड के महासचिव एवं मशहूर समाजसेवी थे। उनके निधन से सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि वे उन्हें जन्नत में आला मकाम अता करें और उनके परिवार वालों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की ताकत दें।

जमाअते इस्लामी हिन्द बिहार ने किया शोक व्यक्त
जमाअते इस्लामी हिन्द बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही ने अलहाज हुस्न अहमद क़ादरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मौलाना रिजवान अहमद ने कहा कि ‘‘कादरी साहब राष्ट्रीय एकता के बड़े अलमबरदार थे। देश और समाज की समस्याओं को हल करने के लिए विभिन्न वर्गों के बीच समन्वय स्थापित करना उनके जीवन का एक अहम उद्देश्य था।
मौलाना रिजवान अहमद ने कहा कि ‘‘कादरी साहब किसी भी प्रकार की संकीर्णता से परे होकर समुदाय विशेष की समस्याओं में दिलचस्पी लेते थे। वे सामुदायिक एकता के प्रतीक थे। उनके देहांत से संगठित सामुदायिक मोर्चे का एक अहम स्तंभ गिर गया है।

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फोटो-ब्लैक एंड व्हाइट में हुस्न अहमद कादरी

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