छ्पी-अनछ्पी: नीतीश के लिए खुले दरवाज़े पर कुछ नहीं बोले शाह, इलेक्शन कमिश्नर गोयल का इस्तीफा
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को बिहार के दौरे पर आए लेकिन उन्होंने नीतीश कुमार के लिए खुले दरवाजे के बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने पिछले दौरे पर कहा था कि नीतीश के लिए भाजपा का दरवाज़ा हमेशा के लिए बंद हो चुका है। उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर हमला बोला। आज के सभी अखबारों की पहली खबर यही है। इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। बालू कारोबारी सुभाष यादव के ठिकानों से दो करोड़ कैश मिला है। इन दोनों खबरों को सभी अखबारों ने जगह दी है।
भास्कर की मेन हेडलाइन है: सोनिया का राहुल को पीएम व लालू का तेजस्वी को लालू सीएम बनाने का लक्ष्य: शाह। प्रभात खबर की पहली सुर्खी है: अपनी संतान को पीएम-सीएम बनाने में लगे लोग पिछड़ों का कितना भला करेंगे: शाह। जागरण की सबसे बड़ी खबर है: बिहार में डबल इंजन की सरकार अब माफिया को उलटा लटका कर करेगी सीधा: शाह। हिन्दुस्तान की पहली खबर है: आरक्षण विरोधी कांग्रेस की गोद में हैं लालू: शाह।
गृहमंत्री व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि लालू प्रसाद आरक्षण के विरोधी कांग्रेस की गोद में हैं। सोनिया गांधी अपने बेटे को पीएम तो लालू प्रसाद अपने बेटे को सीएम बनाने के लिए बेचैन हैं। जिन्हें अपने बेटे-बेटियों की चिंता है, वे कभी भी पिछड़ा-अतिपिछड़ा का उत्थान नहीं कर सकते हैं। दोनों दलों ने पिछड़ों का अपमान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही पिछड़ों का उत्थान कर सकते हैं। पटना के पालीगंज कृषि फॉर्म में आयोजित पिछड़ा-अतिपिछड़ा महासम्मेलन में गृह मंत्री के निशाने पर राजद व कांग्रेस रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व लालू प्रसाद जब सत्ता में रहे, उन्हें पिछड़ों के मसीहा जननायक कर्पूरी ठाकुर की याद नहीं आई।
इलेक्शन कमिश्नर का इस्तीफा
जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: मतदान की तारीखों के ऐलान से पहले चुनाव आयुक्त का इस्तीफा। लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने शनिवार को अचानक अपने पद से त्यागपत्र देकर राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। उनका कार्यकाल 2027 तक था। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाया था। उन्हें वीआरएस लेने के दूसरे दिन ही चुनाव आयुक्त बनाया गया था। उनके त्यागपत्र को राष्ट्रपति ने तुरंत स्वीकार कर लिया है। हालांकि उनके इस्तीफा का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है लेकिन इसके पीछे उनकी नियुक्ति को लेकर उठे विवाद को बड़ी वजह के तौर पर देखा जा रहा है। गोयल के इस्तीफे के साथ ही चुनाव आयोग में अब चुनाव आयुक्त के दोनों पद खाली हो गए हैं। फरवरी में अनूप चंद्र पांडे के रिटायर होने से चुनाव आयुक्त का एक पद खाली हो गया था।
बालू कारोबारी सुभाष के यहां मिले 2 करोड़ कैश
हिन्दुस्तान के अनुसार ईडी ने राज्य के बड़े बालू कारोबारी सुभाष यादव के आठ ठिकानों पर छापेमारी की। दानापुर इलाके में मौजूद उनके दो घरों से अब तक दो करोड़ रुपये कैश मिले हैं। इसके अलावा पटना, रांची समेत अन्य स्थानों पर जमीन-जायदाद से संबंधित बड़ी संख्या में कागजात तथा कई माध्यमों में निवेश से जुड़े काफी संख्या में दस्तावेज बरामद किये गये। फिलहाल सभी दस्तावेजों की सघन जांच चल रही है। वे अवैध बालू खनन को लेकर चर्चित कंपनी ब्रॉडसन्स लिमिटेड के निदेशकों में एक हैं।
सक्षमता परीक्षा में फेल होने पर नहीं जाएगी नौकरी
भास्कर ने अपनी खास खबर में बताया है कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए हो रही सक्षमता परीक्षा में फेल करने वालों की नौकरी नहीं जाएगी। पटना हाईकोर्ट में दायर जवाबी शपथ पत्र में शिक्षा विभाग ने यह जानकारी दी है। शपथ पत्र में साफ कहा गया है कि विभिन्न स्थानीय निकायों द्वारा नियोजित सभी शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक बनने के लिए सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी। जो लोग सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होंगे या पास नहीं होंगे वे स्थानीय निकाय शिक्षक बने रहेंगे।
4500 कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर बहाल होंगे
हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार के हेल्थ सब सेंटर और हेल्थ वेलनेस सेंटर में 4500 कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्ति होगी। इसके लिए बीएससी नर्सिंग पास अभ्यर्थियों से राज्य स्वास्थ्य समिति ने आवेदन मांगा है। एक से 30 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। यह नियुक्ति ठेके पर होगी। प्रतिमाह 32 हजार वेतन व 8 हजार रुपए इंसेंटिव सहित 40 हजार मिलेंगे।
ज़रदारी दूसरी बार राष्ट्रपति बने
भास्कर की खबर है कि पाकिस्तान में आसिफ अली जरदारी दूसरी बार राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सहयोगियों के बीच हुए समझौते के तहत सत्तादारी गठबंधन का समर्थन मिला। इसके चलते शनिवार को हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता ज़रदारी को 411 वोट मिले। प्रतिद्वंद्वी और इमरान की पार्टी के प्रत्याशी महमूद अचकज़ई 181 वोट ही पा सके।
वीसी के साथ होने वाली बैठक अब 15 को
शिक्षा विभाग ने कुलपतियों के साथ शनिवार को होने वाली बैठक रद्द कर दी है। अब यह बैठक 15 मार्च को शिक्षा विभाग के विभागीय सभागार में होगी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी ने शनिवार को इस संबंध में सभी विवि को सूचित कर दिया है। विभाग ने इसके पहले फोन पर बैठक रद्द करने की सूचना भी विश्वविद्यालयों को दे दी थी।
कुछ और सुर्खियां
- मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट नीट यूजी में पहली बार रजिस्ट्रेशन 25 लाख के पार
- भाजपा की ओर से मंगल पांडे, अनामिका सिंह और लालमोहन बनेंगे एमएलसी
- बिहार में 8 दिन में बन गए एक करोड़ आयुष्मान कार्ड
- चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी फिर एनडीए में शामिल
- मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी भाजपा में शामिल
- भारत ने इंग्लैंड से 5 मैचों की टेस्ट शृंखला 4-1 से जीती
अनछपी: अब जबकि लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा के लिए कुछ ही दिन बचे हैं तो इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल के इस्तीफ़े की खबर आ गई है। चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा दो चुनाव आयुक्त होते हैं और गोयल के इस्तीफे के बाद वह दोनों पद खाली हो गए हैं। यानी चुनाव आयोग में अब सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं। ऐसे में चुनाव आयोग के आयुक्तों की नियुक्ति पर उठा विवाद फिर ताजा होने वाला है। विपक्षी दल पहले ही चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते रहे हैं। सवाल यह है कि अगर दो चुनाव आयुक्तों के नाम की अब घोषणा होती है तो चुनाव से ठीक पहले सरकार से निष्पक्षता की कितनी उम्मीद की जा सकती है? ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की वह व्यवस्था याद आती है जिसमें चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए बनी समिति में प्रधानमंत्री के अलावा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और विपक्ष के नेता को शामिल होने की बात थी। मगर मोदी सरकार ने उस व्यवस्था को बदलकर नई व्यवस्था बनाई जिसमें चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया की जगह प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए एक मंत्री को दी गई। ऐसे में विपक्ष के नेता के वोट का कोई मतलब नहीं रह जाता है। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति के समय ही काफी विवाद हुआ था। अब देखना यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में हस्तक्षेप करेगा क्योंकि मोदी सरकार की नई व्यवस्था के खिलाफ वहां एक अर्जी पड़ी हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बयान दिया है कि यह इलेक्शन कमीशन है या इलेक्शन ओमिशन। उन्होंने सवाल किया कि लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा क्यों? उन्होंने कहा कि हमने स्वतंत्र संस्थाओं का खत्म किया जाना नहीं रोका तो लोकतंत्र पर तानाशाही कब्जा कर लेगी। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफा देने के पीछे क्या रहस्य है, इस पर से पर्दा न जाने कब उठे लेकिन विपक्षी दल इस बात को लेकर जरूर चिंतित होंगे कि नए निर्वाचन आयुक्त किस तरह के होंगे। ध्यान रहे कि इससे पहले अशोक लवासा ने 2020 में निर्वाचन आयुक्त के पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने 2019 के आम चुनाव में निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के कई निर्णय पर आपत्ति जताई थी।
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