छ्पी-अनछपी: बंगाल में टीएमसी सभी सीटों पर लड़ेगी, भाजपा सांसद बोले- 400 सीट चाहिए ताकि संविधान बदलें
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सभी 42 सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। टीएमसी ने क्रिकेटर यूसुफ पठान को भी टिकट दिया है। भाजपा के एक सांसद ने कहा है कि 400 सीट इसलिए चाहिए ताकि संविधान बदल सकें। बिहार कैबिनेट का विस्तार 15 मार्च को हो सकता है। ईडी ने बालू कारोबारी सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया है। यह हैं आज के अखबारों की प्रमुख खबरें।
हिन्दुस्तान के अनुसार पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने अकेले चलने का फैसला किया है। पार्टी ने रविवार को लोकसभा की सभी 42 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया। हालांकि, कांग्रेस ने कहा है कि नामांकन वापस लेने तक गठबंधन के लिए उसके द्वार खुले हैं। पार्टी ने सात मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए, जबकि पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान तथा कीर्ति आजाद जैसे नए चेहरे मैदान में उतारकर चौंकाया। पठान बहरामपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। यहां से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी पांच बार से सांसद हैं। आजाद को बर्धमान-दुर्गापुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है।
महुआ मोइत्रा फिर उम्मीदवार
मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने लोकसभा उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। बशीरहाट सीट से सांसद नुसरत जहां की जगह पूर्व सांसद हाजी नुरुल इस्लाम को उतारा है। संदेशखाली इसी लोकसभा क्षेत्र में आता है। वहीं, लोकसभा से निष्कासित महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर से दोबारा प्रत्याशी बनाया है। अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल से चुनाव लड़ेंगे।
400 सीट चाहिए ताकि संविधान बदलें
भास्कर की खबर है: भाजपा सांसद ने कहा 400 सीट चाहिए ताकि संविधान बदल सकें। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने कहा है कि संविधान बदलने के लिए भाजपा को दो तिहाई बहुमत देना होगा। हेगड़े ने कहा, “अबकी बार 400 पार। 400 पार क्यों? राज्यसभा में हमारा दो तिहाई बहुमत नहीं है। राज्य सरकारों में पर्याप्त बहुमत नहीं है। संविधान संशोधन करने और कांग्रेस द्वारा इसमें की गई विकृतियों हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए। साथ ही 20 से अधिक राज्यों में सत्ता में आना होगा।” हेगड़े के इस बयान पर कांग्रेस सहित विपक्ष ने भाजपा पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए हमला बोला है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मोदी और भाजपा का अंतिम लक्ष्य बाबा साहेब के संविधान को खत्म करना है।
बिहार कैबिनेट का विस्तार 15 मार्च को
बिहार कैबिनेट का विस्तार 15 मार्च को हो सकता है। यहां विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से मुख्यमंत्री सहित कुल 36 मंत्री बन सकते हैं। अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कुल 9 मंत्री हैं। इनमें दो उपमुख्यमंत्री हैं। दोनों भाजपा के हैं। 14 मार्च तक विधान परिषद की 11 सीटों के चुनाव की औपचारिकता पूरी हो जाएगी। इसके बाद कैबिनेट विस्तार होगा। फिलहाल 27 मंत्रियों की वैकेंसी है।
बालू कारोबारी सुभाष यादव गिरफ्तार
हिन्दुस्तान, जागरण, प्रभात खबर व भास्कर की लीड ईडी ने बालू कारोबारी सुभाष यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजने की खबर है। उनकी गिरफ्तारी शनिवार की आधी रात के बाद दानापुर स्थित नारियल घाट के पास मौजूद उनके आवास से की गई। गिरफ्तार कर पहले उन्हें ईडी के पटना की बैंकमैन कॉलोनी रोड स्थित जोनल कार्यालय लाया गया। फिर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद रविवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे बेऊर जेल भेज दिया गया। सुभाष यादव को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जा सकता है ताकि उनके करीबियों की मिलीभगत को लेकर सघन पूछताछ की जा सके। गौरतलब है कि बालू के अवैध खनन से अकूत संपत्ति जमा करने आरोप में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी सुभाष यादव के पटना, दानापुर और मनेर में उनके छठ ठिकानों पर शनिवार की सुबह से ही छापेमारी शुरू की गई, जो देर रात तक चली।
चुनाव आयुक्त के खाली पद 15 मार्च को भरे जाएंगे
जागरण की खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति 15 मार्च को बैठक करेगी जिसमें नए चुनाव आयुक्तों के नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा। यह दोनों पद अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफा की वजह से खाली हुए हैं। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति में एक केंद्रीय मंत्री व लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं। 15 मार्च को बैठक में समिति चुनाव आयुक्तों के रूप में नियुक्ति के लिए दो व्यक्तियों को नामित करेगी।
यूरोप के चार देश 100 अरब डॉलर निवेश करेंगे
जागरण की खबर है कि पिछले 16 साल की मशक्कत के बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (ईएफ़टीए) के साथ ट्रेड एंड इकोनामिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (टेपा) करने में सफलता हासिल कर ली। समझौते के तहत ईएफटीए अगले 15 साल में भारत में अनिवार्य रूप से 100 अरब डॉलर का निवेश करेगी जिसमें 10 लाख सीधी नौकरियां मिलेंगी।
कुछ और सुर्खियां
- आजमगढ़-जौनपुर हाईवे पर शनिवार की रात ट्रक से टक्कर में कार में सवार सीतामढ़ी के सात लोगों की मौत
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंग्लैंड से दिल्ली लौटे, आज आएंगे पटना
- बिहार में हर माह औसतन 35700 ड्राइविंग लाइसेंस बन रहे
- सऊदी अरब में दिखा रमजान का चांद
- पंजाब और हरियाणा में रेल पटरियों पर बैठे किसान, चार घंटे तक रोकीं ट्रेनें
अनछ्पी: तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिस तरह पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है उससे भारत की जनता पार्टी को यह कहने का मौक़ा मिल गया है कि इंडिया गठबंधन में सब कुछ सही नहीं है। हालांकि कांग्रेस अब भी यह कह रही है कि नाम वापस लेने की तारीख तक गठबंधन की उम्मीद है। इसमें कोई शक नहीं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और कांग्रेस नेतृत्व दोनों इंडिया गठबंधन को बरकरार रखने में फिलहाल नाकाम रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस के बहरामपुर सांसद अधीर रंजन चौधरी की बयानबाजी को भी एक प्रमुख कारण माना जाता है। एक ओर कांग्रेस गठबंधन की बात करती है तो दूसरी ओर अधीर रंजन चौधरी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ आग उगलते रहते हैं। कई राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के अलग-अलग लड़ने से भारतीय जनता पार्टी को नुकसान होगा। उनका मानना है कि तृणमूल कांग्रेस विरोधी वैसे वोटर जो भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं देना चाहते वह कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट देंगे। अगर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस एक साथ लड़ती हैं तो तृणमूल कांग्रेस विरोधी वोटर भाजपा की ओर रुख कर सकते हैं। इसकी वजह यह बताई जाती है कि बहुत से लोग ऐसे हैं जो ना तो भारतीय जनता पार्टी को पसंद करते हैं और ना ही तृणमूल कांग्रेस को। तो क्या कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस रणनीति के तहत वहां गठबंधन नहीं कर रही हैं? फिलहाल दोनों दलों का दावा है कि वह भारतीय जनता पार्टी को हराना चाहते हैं और इसका अंदाजा लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद ही लगेगा कि किसकी रणनीति कितनी कामयाब हुई है। फिलहाल तृणमूल कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी को निशाना बनाने के लिए क्रिकेटर यूसुफ पठान को वहां से अपना उम्मीदवार बनाया है जहां से अधीर रंजन चौधरी लगातार जीत हासिल करते रहे हैं। अधीर रंजन चौधरी का चुनाव क्षेत्र मुस्लिम बहुल है और तृणमूल कांग्रेस शायद यह समझती है कि वह यूसुफ पठान को खड़ा कर मुस्लिम वोटों में अच्छी सेंधमारी करेगी। कांग्रेस और बीजेपी यूसुफ पठान को बाहरी बताएंगी तो मुस्लिम वोटरों को यह फैसला करना होगा कि यूसुफ पठान और अधीर रंजन चौधरी में बेहतर उम्मीदवार कौन हैं। इस बीच भाजपा यह चाहेगी कि यूसुफ पठान और अधीर रंजन चौधरी के बीच मुस्लिम वोटो के बंटवारे का फायदा उठाकर जीत हासिल की जाए।
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