छपी अनछपी: H1B वीज़ा के लिए एक लाख डॉलर्स, बिहार की जमाबंदियों में 33 लाख गड़बड़ियां
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। अमेरिका ने H1B वीजा के लिए $100000 की नई फीस तय की है जिससे भारत के लोगों के लिए बड़ी परेशानी पैदा हो गई है। बिहार में जमीन के रिकॉर्ड को सुधारने के लिए चले राजस्व महाभियान के दौरान जमाबंदियों में 33 लाख गड़बड़ियों की शिकायत दर्ज कराई गई है। झारखंड में कुड़मी (कुर्मी) आंदोलन की वजह से बिहार की ट्रेनें भी प्रभावित हुई हैं। जमुई में 14 लाख लूट कर भाग रहे 6 बदमाशों को गांव वालों ने 15 किलोमीटर पीछा कर पकड़ा।
और, जानिएगा कि संजय यादव की वजह से कैसे लालू परिवार में ‘महाभारत’ मचने की बात कही जा है।
पहली ख़बर
प्रभात खबर के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को एक ऐसे आदेश पर हस्ताक्षर किया जिससे अमेरिका के H1B वीजा की सालाना फीस एक अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 88 लाख रुपए हो जाएगी। पहले 3 साल के इस वीजा की फीस अलग-अलग कैटेगरी में $2000 से $5000 यानी साधे चार लाख रुपए तक थी। ट्रंप के इस फैसले से सबसे ज्यादा भारतीय प्रोफेशनल प्रभावित होंगे। एक अनुमान के मुताबिक अमेरिका में वर्तमान में तीन लाख से ज्यादा भारतीय इस वीजा पर रह रहे हैं। वहीं हर साल जारी होने वाले वीजा में भी 70% से ज्यादा वीजा भारतीयों को ही जारी होते हैं। ट्रंप ने कहा कि इस फैसले से अमेरिका में बेहतर काम कर आएंगे और देश का विकास होगा। H1B वीजा एक तरह का खास अमेरिका वर्क वीजा है जो उन विदेशी लोगों को दिया जाता है जो अमेरिका में बड़ी विशेषज्ञता वाले काम करने जाते हैं। यह वीजा खास तौर पर उन पेशेवरों के लिए होता है जिनके पास कम से कम ग्रेजुएट की डिग्री या उसके बराबर का काम का अनुभव होता है।
बिहार की जमाबंदियों में 43 लाख गड़बड़ियां
हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार में 36 दिनों तक चले राजस्व महाअभियान के दौरान 44 लाख से अधिक रैयतों (जमीन मालिकों) ने जमीन के दस्तावेजों में सुधार के लिए आवेदन दिए हैं। इनमें से करीब तीन चौथाई (33 लाख से अधिक) आवेदन जमाबंदी में सुधार के ही हैं। विभाग की ओर से चलाए गए महाअभियान का शनिवार को समापन हो गया। अब इन आवेदनों को ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा। इसके बाद सुधार की प्रक्रिया शुरू होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने छह माह के भीतर सभी आवेदनों का निपटारा करने का लक्ष्य रखा है। बीते 16 अगस्त से 20 सितम्बर तक चले इस अभियान में लोगों की जबरदस्त भागीदारी रही।
44 लाख 42 हजार आवेदन मिले
महाअभियान के तहत शिविरों में शनिवार की शाम तक 44 लाख 42 हजार 152 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें 33 लाख 34 हजार 352 आवेदन जमाबंदी पंजी में त्रुटि सुधार से संबंधित हैं। जबकि, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने के लिए 5 लाख 68 हजार 751 आवेदन आए। वहीं, उत्तराधिकार नामांतरण के लिए 2 लाख 92 हजार 20, बंटवारा नामांतरण हेतु 2 लाख 47 हजार 29 आवेदन मिले हैं। राज्य में लगभग दस फीसदी रैयतों की जमाबंदी पंजी सहित अन्य प्रकार के जमीन दस्तावेजों में खामियां हैं। जमाबंदी पंजी की संख्या सवा चार करोड़ से अधिक है।
कुड़मी आंदोलन की वजह से बिहार की ट्रेनें भी प्रभावित
हिन्दुस्तान के अनुसार ‘रेल टेका, डहर छेका’ आंदोलन के तहत कुड़मी/कुरमी को अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) का दर्जा मांग रहे कुड़मी समाज के लोगों ने शनिवार को झारखंड राज्य के कई हिस्सों में रेल चक्का जाम किया। इससे बिहार की कई ट्रेनें भी प्रभावित हुईं। झारखंड आदिवासी कुड़मी मंच की ओर से आहूत रेल चक्का जाम के दौरान झारखंड में कई जगहों पर रेल पटरियों पर उतर कर कुड़मी समाज के लोगों ने सुबह-सुबह ट्रेनों का आवागमन ठप कर दिया। आंदोलन के कारण धनबाद, चक्रधरपुर, रांची और आद्रा के साथ-साथ हावड़ा और आसनसोल रेलमंडल की ट्रेनों पर सबसे ज्यादा असर दिखा। 52 ट्रेनों को रेलवे ने रद्द कर दिया। 33 ट्रेनें रास्ते से लौंटीं या खड़ी रहीं और 50 ट्रेनों को बदले मार्ग से चलाने की घोषणा की गई। आंदोलन को लेकर पटना से रांची जाने वाली पटना रांची वंदे भारत एक्सप्रेस और पटना रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस का परिचालन गया जंक्शन के बाद रद्द कर दिया गया।
15 किलोमीटर पीछा कर लुटेरों को पकड़ा
जागरण के अनुसार जमुई जिले में दो ग्राहक सेवा केंद्र (सीएससी) संचालकों से 14 लाख की डकैती कर कार से भाग रहे अपराधियों का ग्रामीणों ने 15 किलोमीटर तक पीछा किया। अपराधियों ने दहशत फैलाने के लिए फायरिंग की। गाड़ी से एक ग्रामीण को कुचलकर मार डाला लेकिन ग्रामीण पीछे नहीं हटे। अंततः उनके सहयोग से सभी 6 अपराधियों को पुलिस ने दबोच लिया। लूट के 10.38 लाख रुपये बरामद कर लिए गए हैं। एक पिस्तौल, एक कट्टा, चार कारतूस, मोबाइल फोन और बैंक पासबुक भी बरामद हुए हैं। पकड़े गए अपराधियों में एक उत्तर प्रदेश, एक बांका और चार जमुई के रहने वाले हैं। पुलिस अधीक्षक विश्वजीत दयाल ने बताया कि चार अपराधी एक स्थानीय होटल में रह कर 7 दिनों से रेकी कर रहे थे। यह दिन भर कमरे में बंद रहते थे। रात में निकलते थे और कुछ देर में लौट आते थे। बताया गया कि ग्राहक सेवा केंद्र संचालक राजेश और सुभाष 14 लख रुपए लेकर कर से लौट रहे थे। इसी दौरान आधा दर्जन अपराधियों ने ओवरटेक कर रोक लिया और लूटपाट की। जब ग्रामीणों ने इन्हें खदेड़ा तो बदमाशों की कार एक खेत में फस गई तो वह पैदल भागने लगे।
‘संजय’ को लेकर लालू परिवार में ‘महाभारत’
भास्कर के अनुसार राजद नेता तेजस्वी यादव के संजय वाले मुद्दे पर लालू परिवार में टकराव और बढ़ गया है। ध्यान रहे कि संजय यादव तेजस्वी यादव के रणनीतिकार माने जाते हैं और इस समय राजद के कोटे से राज्यसभा के सदस्य हैं। रोहिणी ने संजय यादव का खुलकर विरोध किया। मतभेद इतना गहराया कि रोहिणी ने अपने पिता लालू प्रसाद को किडनी डोनेट करते समय की फोटो पोस्ट की और लिखा, “हम जान हथेली पर रख कर बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं। मुझे ना पद की लालसा है ना राजनीतिक महत्वाकांक्षा।” शनिवार को उनका गुस्सा इतना बढ़ा कि दिनभर सोशल मीडिया अकाउंट को प्राइवेट कर दिया। पार्टी और परिवार से दूरी बना ली। हालांकि शाम तक उन्होंने अकाउंट फिर खोल दिया। सूत्रों का कहना है कि विवाद बढ़ने पर खुद लालू प्रसाद को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस विवाद में तेज प्रताप यादव बहन रोहिणी के पक्ष में आ गए। उन्होंने संजय यादव को चेतावनी दी। कहा, “बहनों का अपमान करने वालों पर सुदर्शन चक्र चलाऊंगा।” तेज प्रताप के बयान के बाद तेजस्वी यादव ने साफ कहा कि तेज प्रताप राजद के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ सकते। तेजस्वी की बिहार अधिकार यात्रा में बस की फ्रंट सीट पर संजय के बैठने की तस्वीर सामने आई थी जिस पर रोहिणी आचार्य नाराज हुई थीं।
कुछ और सुर्खियां:
- सुधा दूध और मिल्क प्रोडक्ट की कीमत में कल से ₹1 से ₹10 तक की कमी
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गया जी में किया पिंडदान
- पटना के मशहूर कुल्हड़िया कॉम्प्लेक्स के मालिक की फ्रेजर रोड के ग्रैंड प्लाजा अपार्टमेंट से गिरकर मौत
- बिहार के नगर एवं आवास मंत्री जीवेश कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को मानहानि का लीगल नोटिस भेजा
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के 49 लाख छात्रों को भेज 2920 करोड़ रुपये
अनछपी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दौर में घूसखोरी और भ्रष्टाचार इतने चरम पर है कि उनके एक मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी के बारे में जब जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने यह आरोप लगाया कि अशोक चौधरी के पास 200 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति है तो शायद ही किसी को बिहार में हैरत हुई हो। अलबत्ता इस बात पर जरूर ताज्जुब होता है की घूसखोरी के इतने बड़े मामले को बिहार में वह तवज्जो नहीं मिल रही है जितनी मिलनी चाहिए। अब तक कायदे से अशोक चौधरी के इस्तीफा की मांग शुरू हो जानी चाहिए और अशोक चौधरी को इस्तीफा दे भी देना चाहिए लेकिन अशोक चौधरी से इसकी उम्मीद नहीं की जा रही है कि वह ऐसा करेंगे। अशोक चौधरी खुद को नीतीश कुमार का मानस पुत्र बताते हैं और जब भी संकट में होते हैं तो नीतीश कुमार को अपने घर बुलाने में कामयाब हो जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है लेकिन लोग यह नहीं जान पा रहे हैं कि आखिर नीतीश कुमार के कान में अशोक चौधरी ऐसी क्या बात डालते हैं कि उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। अब जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि प्रशांत किशोर की ओर से लगाए गए आरोपों पर ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी को पूरी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। नीरज कुमार ने यह भी कहा कि उन्हें तमाम आरोपों पर अपना जवाब देना चाहिए और पार्टी को उनका जवाब चाहिए। सवाल यह है कि नीरज कुमार की बात का पार्टी में कितना असर होगा और यह भी देखना होगा कि क्या नीतीश कुमार इस पर कोई कार्रवाई करेंगे या उनकी पार्टी के कोई दूसरे अधिकारी इस बारे में कोई एक्शन ले सकते हैं। हालांकि नीरज यह भी कह रहे हैं कि कार्यकर्ताओं ने काफी मेहनत और कुर्बानी देकर पार्टी को बनाया है और इसे इसी तरह से लुटने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी अग्नि परीक्षा से गुजर रही है क्योंकि इस तरह के गंभीर आरोप पहली बार पार्टी के किसी मंत्री पर लगे हैं जो यह सामान्य बात नहीं है। नीरज कुमार की यह बात भी ध्यान देने वाली है कि जब तेजस्वी यादव पर इसी तरह के आरोप लगे थे, तब पार्टी ने उनसे भी जवाब मांगा था। कायदे से इस सवाल का जवाब तो नीतीश कुमार से मांगा जाना चाहिए लेकिन अक्सर लोग यह कहते हैं कि नीतीश कुमार अपनी सही मानसिक अवस्था में नहीं है और उनसे अब यह उम्मीद नहीं की जा सकती। इस तरह अब यह फैसला सीधे जनता की अदालत में होगा जहां नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने के लिए वोट मांगने जाने वाले हैं।
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