छ्पी-अनछपी: कश्मीर में 28 पर्यटकों की हत्या, ओवैसी बोले- वक़्फ़ कानून पर झूठ बोल रही सरकार
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की सामूहिक हत्या कर दी गई। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि नए वक़्फ़ कानून के बारे में सरकार लोगों से झूठ बोल रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने ‘शरबत जिहाद’ वाली टिप्पणी पर रामदेव को फटकार लगाई है। यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा के पहले 20 टॉपर में तीन बिहार से हैं।
और, जानिएगा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा कि मैच फिक्सिंग का देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ता है।
हिन्दुस्तान के अनुसार जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मंगलवार को 28 लोगों की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी। इसमें दो विदेशी, दो स्थानीय लोग और अन्य पर्यटक हैं। कई पर्यटक घायल हैं। यह वारदात मंगलवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई। आधुनिक हथियारों से लैस आतंकी पहलगाम से छह किलोमीटर बैसरन पहुंचे। यह काफी ऊंचाई पर स्थित एक बड़ा घास का मैदान है, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। हमले की जिम्मेदारी लश्कर से जुड़े संगठन टीआरएफ ने ली है। हमले की शिकार एक महिला ने बताया कि आतंकियों ने नाम पूछ-पूछकर गोली मारी। बेबस और लाचार लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
प्रत्यक्षदशिर्यों ने बताया
प्रत्यक्षदशिर्यों ने बताया कि मैदान में पहुंचे आतंकियों ने लोगों को चुन-चुन कर करीब से गोली मारी। लोग भागने लगे तो आतंकियों ने दौड़ा-दौड़ा कर मारना शुरू कर दिया। आतंकी गोली मारने के बाद ये भी देख रहे थे कि लोग मरे हैं या नहीं। उनकी संख्या चार-पांच बताई जा रही है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट और पीड़ितों के अनुसार आतंकी सेना और पुलिस की वर्दी में आए थे।
आपबीती
मेरे पति को मार दिया, मुझे भी मार दो। उनमें से एक आतंकी ने कहा- मैं तुम्हें नहीं मारूंगा। जाओ, जाकर मोदी को बता दो। यह आपबीती है आतंकी हमले में मारे गए कर्नाटक के व्यवसायी 47 वर्षीय मंजूनाथ राव की पत्नी पल्लवी की।
वक़्फ़ कानून पर झूठ बोल रही सरकार: ओवैसी
जागरण के अनुसार एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वक़्फ़ संशोधन कानून के मामले में मोदी सरकार देशवासियों से झूठ बोल रही है। यह कानून वक़्फ़ संपत्तियों को बचाने के लिए नहीं बल्कि अवैध कब्जाधारियों को उसका मालिक बनने के लिए लाया गया है। इसी तरह वक़्फ़ बोर्ड में महिलाओं को शामिल करने व मुस्लिम देशों में वक़्फ़ नहीं होने जैसी उनकी कई बातें झूठी हैं। ओवैसी मंगलवार को तालकटोरा स्टेडियम में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा आयोजित वक़्फ़ बचाव सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वक़्फ़ संशोधन कानून को लेकर भाजपा की ओर से जारी बुकलेट में कहा गया है कि देश में 31% मुसलमान गरीब हैं।
‘शरबत जिहाद’ वाली टिप्पणी पर रामदेव को हाईकोर्ट की फटकार
भास्कर के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट ने हमदर्द के रूह अफज़ा को लेकर योग गुरु रामदेव की शरबत जिहाद संबंधी बयान को अनुचित ठहराते हुए सख्त टिप्पणी की है। रामदेव की पतंजलि फूड्स के खिलाफ हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अमित बंसल ने कहा इस टिप्पणी ने हमारी अंतरात्मा को झकझोर दिया है। “आप अपने मुवक्किल से निर्देश लें अन्यथा सख्त आदेश दिया जाएगा।” पीठ ने कहा कि बाबा रामदेव की टिप्पणी न सिर्फ आपत्तिजनक है, बल्कि सम्प्रदायों में द्वेष बढ़ाने वाली है। इस पर रामदेव के वकील ने पीठ को आश्वासन दिया कि सोशल मीडिया से इस बयान को हटा देंगे। इससे पहले हमदर्द के वकील ने कोर्ट को बताया कि रामदेव ने पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन मदरसे एवं मस्जिद बनाने में उपयोग होता है। रामदेव के वकील ने कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया। इस पर हमदर्द की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा, मामला सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने का है।
यूपीएससी सिविल सेवा 20 टॉपर में तीन बिहार के
हिन्दुस्तान के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा-2024 का परिणाम मंगलवार को जारी हो गया। प्रयागराज, यूपी की शक्ति दुबे को पहला स्थान मिला है। गुजरात की हर्षिता गोयल ने दूसरी तो पुणे महाराष्ट्र के डोंगरे अर्चित पराग ने तीसरी रैंक हासिल की है। बिहार के तीन मेधावियों ने टॉप 20 में जगह बनाई है। सीतामढ़ी के राजकृष्ण झा को 8वां, बक्सर के हेमंत मिश्राा को 13वां और जमुई की संस्कृति त्रिवेदी को 17वां स्थान मिला है। आयोग की परीक्षा में कुल 1009 अभ्यर्थी सफल रहे। इनमें 725 पुरुष और 284 महिलाएं हैं। बिहार बोर्ड से 12वीं पास करनेवाले राज कृष्ण झा मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद हिन्दुस्तान पेट्रोलियम में कार्यरत हैं। वहीं, बक्सर जिले के धोबी घटवा निवासी ओम प्रकाश मिश्रा के पुत्र हेमंत पहले से मिर्जापुर, यूपी में एसडीएम है।
मैच फिक्सिंग का देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर: सुप्रीम कोर्ट
जागरण की खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2019 के कर्नाटक प्रीमियर लीग टी 20 टूर्नामेंट कांड की गहराई तक जाने की इच्छा जताते हुए कहा कि क्रिकेट मैच फिक्सिंग का देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर वित्तीय असर पड़ता है। जस्टिस सूर्यकांत ने इस मामले के 3 साल तक अदालत में सामने नहीं आने पर भी नाराजगी जताते हुए रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह ने 10 जनवरी 2022 को जारी हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कर्नाटक पुलिस की याचिका में सहायता करने के लिए अधिकवक्ता शिवम सिंह की इस मामले में न्याय मित्र बनाया। पीठ ने कहा हम इस मामले की गहराई तक जाने के इच्छुक हैं। “आज हम इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहते जिससे ऐसा लगे कि हम इस मामले पर पहले ही राय बना रहे हैं लेकिन इस तरह के सट्टे का अर्थव्यवस्था पर बहुत गंभीर असर पड़ता है।”
कुछ और सुर्खियां:
- भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में अगले सप्ताह सुनवाई
- बिहार में पोप फ्रांसिस के सम्मान में तीन दिनों का राजकीय शोक
- बिहार में 25 अप्रैल तक चलेगी लू, 14 शहरों का पारा 40 डिग्री के पार
- ईडी ने बोकारो में 103 एकड़ वन भूमि फर्जी दस्तावेजों पर हथियाने के मामले में झारखंड और बिहार में की छापेमारी
अनछपी: एक ऐसे समय में जब मोदी सरकार यह दावा कर रही थी कि कश्मीर में सब कुछ ठीक चल रहा है और आम भारतीयों को भी लगभग यकीन हो गया था कि वहां आतंकवाद खत्म हो रहा है तो पहलगाम से आतंकवादी हमले की खबर मिली जिसमें कुछ लोगों से उनका धर्म पूछ कर उन्हें गोलियों से भून डाला गया। 28 लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हैं। इस तरह की किसी भी हत्या की जितनी कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम ही पड़ेगी। इस हत्याकांड का सबसे खराब असर फिलहाल कश्मीरियों पर ही पड़ेगा। इसीलिए इस घटना के तुरंत बाद स्थानीय कश्मीरियों की प्रतिक्रिया भी सामने आई जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मेहमानों के साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी तरह से कबूल नहीं है। कश्मीर के लोगों के लिए टूरिस्ट खास मेहमान होते हैं और उनसे उनकी रोजी रोटी चलती है। जाहिर है इस तरह की आतंकी घटना के बाद कश्मीर में एक बार फिर पर्यटकों की संख्या में कमी आएगी और स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक समस्या पैदा होगी। कश्मीर से बाहर भी यह समस्या पैदा होगी कि जो लोग आतंकवाद को एक धर्म और समुदाय से जोड़ते हैं उन्हें अपने दुष्प्रचार को फैलाने में मदद मिलेगी। जब किसी को यह पूछ कर गोली मारी जाएगी कि उसका धर्म क्या है तो उस धर्म के लोगों के बीच यह सवाल तो पैदा होगा कि आखिर ऐसा क्यों है। इसलिए धर्म के नाम पर हिंसा करने वालों के साथ सख्ती जरूरी है और समाज को भी इसमें अपना रोल अदा करना होगा। याद रखने की बात यह है कि भारत के दूसरे हिस्सों में भी धर्म पूछ कर लोगों के साथ अत्याचार किया जाता है। इस मामले में यह सावधानी बरतनी पड़ेगी कि कुछ लोगों की हरकतों की वजह से समाज के दो वर्गों में नफरत न फैले। अगर सोशल मीडिया पर नजर दौड़ाई जाए तो कई लोग ऐसे मिल जाएंगे जिन्होंने इस वीभत्स घटना का इस्तेमाल समाज के दो समुदायों में नफरत भड़काने के लिए किया है। हो सकता है कि ऐसी नफरत से किसी एक राजनीतिक दल को फायदा पहुंचे लेकिन यह भारतीय समाज के लिए बेहद दुखद स्थिति है। इस घटना को लेकर मोदी सरकार समीक्षा करेगी और विपक्ष ने सर्व दलीय बैठक बुलाने की मांग की है। लोगों का ग़म और गुस्सा थोड़ा काम हो जाए तो यह सवाल भी किया जाना चाहिए कि सरकार अपनी जिम्मेदारी में क्यों नाकाम हुई है। नोटबंदी जैसे उपायों से सरकार ने आतंकवाद को खत्म करने का जो दावा किया था वह एक बार फिर गलत साबित हुआ है। इस समय भारतीय समाज में नफरत फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है और आपसी भाईचारा के लिए मेहनत भी जरूरी है।
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