छ्पी-अनछपी: तमिलनाडु में भगदड़- 39 मरे, बरेली में मौलाना तौकीर गिरफ्तार
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। तमिलनाडु के करूर में शनिवार को अभिनेता से नेता बने थलापति विजय की रैली में भगदड़ मचने से 39 लोगों की मौत हो गई। ‘आई लव मोहम्मद’ रैली को लेकर बरेली पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया है। इसराइली हमलों और आमने-सामने की लड़ाई में शनिवार को 44 फलस्तीनियों की मौत हो गयी। नवादा में एक प्रसिद्ध डॉक्टर के नाती की गला रेतकर हत्या कर दी गई है।
पहली ख़बर
हिन्दुस्तान के अनुसार तमिलनाडु के करूर में शनिवार को अभिनेता से नेता बने थलापति विजय की रैली में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थीरू सुब्रमण्यम ने बताया कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं और मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। हादसे की वजह अनुमान से दो गुना भीड़ का एकत्रित होना बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली ‘वेलिचम वेलीयरु’ करूर-एरोड हाईवे पर वेलुसम्यपुरम में आयोजित की गई थी। इस दौरान हजारों लोग विजय को देखने के लिए जुटे थे। शाम को 7:45 बजे भीड़ अचानक से मंच की ओर दौड़ी। कुछ लोगों के गिर जाने से स्थिति अनियंत्रित हो गई। एक-दूसरे के ऊपर गिरने से कई लोग बेहोश हो गए और कई लोग कुचले गए। घायलों को तत्काल करूर जिला अस्पताल, एरोड और त्रिची मेडिकल कॉलेज भेजा गया। हादसे में 36 लोगों की जान चली गई, जबकि 50 से अधिक घायल हैं।
बरेली में मौलाना तौकीर रजा खान हिरासत में
भास्कर के अनुसार उत्तर प्रदेश के बरेली में हिंसा के बाद इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख और स्थानीय मौलाना तौकीर रजा खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। शनिवार सुबह पांच बजे पुलिस ने उनका मेडिकल कराया और इसके बाद सुबह छह बजे ही कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।पुलिस के अनुसार हालात अब शांत और नियंत्रण में हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोम्मद’ जुलूस को रोकने के बाद हिंसा फैल थी। पुलिस ने 24 से ज्यादा जोगों को हिरासत में लिया है। जिले में बीएनएसएस की धारा 163 लागू है, जिसके तहत बिना अनुमति कोई भा नहीं की जा सकती। जिले में 2 दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के जरिए 500 से ज्यादा लोगों की पहचान की जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “बरेली में मौलाना भूल गया कि किसका शासन है। वह मानता था की धमकी देंगे और हम जबरदस्ती जाम कर देंगे।”
अधिक भीड़ के कारण हादसा : पुलिस के अनुसार, रैली में भीड़ अनुमान से दोगुनी थी। अनुमति सिर्फ 30 हजार लोगों के लिए थी, लेकिन 60 हजार लोग रैली में जुटे थे। इस कारण हादसा हुआ। सीएम एमके स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री जनकल्याण निधि से 10 -10 लाख और गंभीर रूप से घायलों को एक लाख देने का आदेश दिया है।
ग़ज़ा में 44 फलस्तीनी मारे गए
भास्कर के अनुसार गज़ा में इसराइली हमलों और आमने-सामने की लड़ाई में शनिवार को 44 फलस्तीनी मारे गए। ये हमले ऐसे समय में हो रहे हैं जब इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं और व्हां पर उनसे विभिन्न माध्यमों से गज़ा में युद्धविराम की मांग हो रही है। लेकिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र के मंच से एलान कर दिया है कि गज़ा में हमास को खत्म करके ही उनका अभियान रुकेगा। शनिवार तड़के गज़ा के मध्य और उत्तरी इलाकों में हवाई हमलों में घरों में सौ रहे लोग मारे गए। इनमें से एक ही परिवार के नौ लोग नुसीरत शरणार्थी क्षेत्र के एक घर में मारे गए। गज़ा सिटी के तुफाह इलाके में इसराइली हमले में एक घर ध्वस्त हो गया है। इस हमले में पड़ोस का घर भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है और कुल 11 लोग मारे गए हैं।
नवादा में डॉक्टर के नाती की गला रेतकर हत्या
नवादा में बेखौफ बदमाशों ने शहर की प्रसिद्ध महिला चिकित्सक डॉ. अरुंधति के नाती की गला रेत कर हत्या कर दी। घटना शनिवार की दोपहर बाद करीब 3:00 बजे की बतायी जाती है। उसका शव नवादा-हिसुआ मार्ग पर बियाडा परिसर में स्थित एक निर्माणाधीन प्लाई फैक्ट्री से बरामद किया गया। मृतक 21 वर्षीय पुष्पांशु शंकर उर्फ अंकुश कोशला गांव के रविशंकर उर्फ बबलू कुमार का एकलौता बेटा था। वह स्नातक का छात्र था और अपने ननिहाल नवादा के प्रसाद बिगहा में नानी डॉ. अरूंधति के साथ रहता था। उसकेे मामा अजनीश कुमार राजदूत हैं व विदेश में पदस्थापित हैं।
एनडीए में सीटों का बंटवारा दुर्गा पूजा के बाद: शाह
हिन्दुस्तान के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बिहार में एनडीए पूरी तरह एकजुट और मजबूत है। दुर्गापूजा के बाद सीटों के बंटवारे का ऐलान हो जाएगा। चुनाव की घोषणा से पहले बिहार के दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री ने कहा कि एनडीए के सभी प्रत्याशियों को भाजपा का प्रत्याशी मानकर काम करें। गृह मंत्री शनिवार को समस्तीपुर के सरायरंजन में उत्तर बिहार और फारबिसगंज में पूर्णिया, कोसी, भागलपुर प्रमंडल के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए हर बूथ को जीतने का मंत्र दिया।
कुछ और सुर्खियां:
- लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ब्राजील और कोलंबिया समेत चार दक्षिण अमेरिकी देशों की यात्रा पर रवाना
- आरएसएस ने सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस बीआर गवई की मां डॉक्टर कमलताई गवई को शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में चीफ गेस्ट बनाया
- उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन आज बिहार के दौरे पर पटना पहुंचेंगे, मुजफ्फरपुर भी जाएंगे
- पटना जिले के जट डुमरी से शेखपुरा के बीच 29 सितंबर से चलेगी ट्रेन
- पीके अग्रवाल बने बिहार चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष
अनछपी: तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर 2025 को अभिनेता से नेता बने विजय की राजनीतिक रैली के दौरान हुई भगदड़ ने हमें एक बार फिर यह सोचने को मजबूर किया है कि हम ऐसी दुखद घटनाओं से कब सबक लेंगे। ऐसी दुर्घटनाओं में दो बार आसानी से समझ में आती है। एक तो लोगों का भीड़ का हिस्सा बनने का जानलेवा जुनून। और दूसरे भीड़ की आशंका के बावजूद उसके प्रबंधन की सही व्यवस्था न होना। ऐसी घटनाएं हमें कहीं ना कहीं यह सोचने को मजबूर करती हैं कि नेता, अभिनेता और क्रिकेट टीम की एक झलक पाने के लिए उन्माद कैसे पैदा होती हैं? आखिर कौन से ऐसे कारक हैं जो इस तरह के जानलेवा उन्माद पैदा करते हैं? ऐसी घटनाओं के इवेंट मैनेजर उन्मादी माहौल बना देते हैं और उत्साह की लहर में उमड़ी भीड़ सुरक्षा की अनदेखी कीमत अपनी जान से चुकाती है। इसमें कोई शक नहीं कि यह केवल दुर्घटना नहीं, बल्कि व्यवस्थागत विफलता है। इस संदर्भ में बेंगलुरु की जून 2025 की घटना याद आती है, जहां आरसीबी की आईपीएल विजय परेड के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 11 लोगों की जान गई और 30 से अधिक घायल हुए। दोनों मामलों में साझा समस्या रही—अनियोजित भीड़, अपर्याप्त सुरक्षा बल और निकास मार्गों की कमी। क्रिकेट उत्सव हो या राजनीतिक सभा, लोकप्रियता की चकाचौंध में सुरक्षा को हाशिए पर धकेल दिया जाता है। ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए ठोस उपाय अपनाने होंगे। सबसे पहले, आयोजकों को पूर्व-अनुमोदित भीड़ अनुमान और सीसीटीवी निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए। स्थानीय प्रशासन को ड्रोन और एआई-आधारित भीड़ नियंत्रण प्रणाली लागू करनी होगी। जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को अनुशासित व्यवहार सिखाना जरूरी है। साथ ही, आपातकालीन चिकित्सा इकाइयों की तैनाती अनिवार्य हो। ये घटनाएं इस बात की चेतावनी हैं कि उत्सव की खुशी कभी भी जीवन से ऊपर नहीं होनी चाहिए।
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