छ्पी-अनछपी: बक्सर ट्रेन दुर्घटना में आधा दर्जन की मौत, राज्यकर्मी बनने को परीक्षा देंगे नियोजित शिक्षक

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बक्सर के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर सभी जगह लीड बनी है। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए नियमावली बन रही है जिसके तहत उन्हें परीक्षा देनी होगी। इसकी खबर भी सभी जगह पहले पेज पर है।

नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या हिन्दुस्तान और भास्कर के मुताबिक चार है जबकि प्रभात खबर और जागरण ने इसे छह लिखा है। प्रभात खबर की सुर्खी है: नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस रघुनाथपुर के पास बेपटरी, छह की मौत, 300 लोग घायल। दानापुर-बक्सर रेलखंड पर रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास बुधवार रात लगभग 9.35 बजे 12506 डाउन नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस बेपटरी होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में ट्रेन के छह डिब्बे पटरी से उतर गए। एक डिब्बा दूसरे डिब्बे पर चढ़ गया। बक्सर के डीएम अंशुल कुमार ने चार यात्रियों की मौत की पुष्टि की है। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। बड़ी संख्या में यात्री घायल भी हुए हैं। हालांकि, पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि 50 यात्री घायल हुए हैं। दुर्घटना में घायल और मरने वालों की संख्या अभी बढ़ सकती है।

तेज़ गति में पटना आ रही थी ट्रेन

बताया गया कि बक्सर से खुलने के बाद ट्रेन तेज रफ्तार से पटना की ओर जा रही थी। जैसे ही रघुनाथपुर स्टेशन गुमटी के पास पहुंची पॉइंट चेंज करने के दौरान तेज झटका के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज थी कि चार स्लीपर बगियां प्लेटफार्म के अंतिम छोर पर पहुंच गई। क्रॉसिंग के बाद पैंट्री कार और उसके बगल के दो कोच पलट गए थे। इस दुर्घटना में बिजली के कई पाल और तार क्षतिग्रस्त हो गए।

22 ट्रेनों का रूट बदला

हादसे के कारण दो ट्रेनें रद्द कर दी गईं। पटना की ओर आ रही सीमांचल और महानंदा एक्सप्रेस हादसे से पहले बक्सर पहुंच चुकी थी। दोनों ट्रेनों को वापस डीडीयू ले जाया गया। वहां से इन्हें गया होते हुए गंतव्य की ओर रवाना किया। वहीं तेजस राजधानी, संपूर्ण क्रांति समेत 22 का रूट बदला।

परीक्षा देकर राज्यकर्मी बनेंगे शिक्षक

नियोजित शिक्षकों को परीक्षा देकर राज्य कर्मी का अवसर देने की तैयारी चल रही है जिसकी जानकारी हिन्दुस्तान, जागरण और प्रभात खबर में दूसरी सबसे बड़ी खबर है। जागरण ने लिखा है: परीक्षा देकर राज्यकर्मी बनेंगे नियोजित शिक्षक। प्रभात खबर की सुर्खी है: नियोजित शिक्षक बनेंगे विशिष्ट शिक्षक, मिलेंगे तीन मौके, फेल हुए तो बाहर। बिहार के स्कूलों में कार्यरत चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा विभाग ने बुधवार को बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 का प्रारूप जारी कर दिया है। इसमें साफ किया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से बहाल होने वाले शिक्षकों की तरह नियोजित को भी सुविधाएं और वेतनमान दिए जाएंगे। नियोजित शिक्षक अब विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार चयनित एजेंसी के माध्यम से नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा लेगी। परीक्षा पास करने के लिए तीन अवसर दिये जाएंगे। तीसरे प्रयास में भी असफल रहे शिक्षकों को सेवा से हटा दिया जाएगा।

मिल्लिया एजुकेशन ट्रस्ट पर छापे

प्रभात खबर की सुर्खी है मिलिया एजुकेशन ट्रस्ट के 20 ठिकानों पर आयकर की दविश। मिलिया एजुकेशन ट्रस्ट के मुजफ्फरपुर पूर्णिया कटिहार और किशनगंज सहित 20 ठिकानों पर एक साथ आयकर की टीम ने दबिश दी। बुधवार की सुबह 7:00 बजे 15-20 की संख्या में पहुंची आयकर की टीम ने ट्रस्ट के संस्थापक और सदस्यों के साथ शिक्षण संस्थानों पर भी छापेमारी की। ट्रस्ट के निदेशक, सदस्य और कर्मचारियों का मोबाइल आयकर विभाग के अधिकारियों ने अपने कब्जे में ले लिया और उन्हें बाहर जाने से रोक दिया। आयकर की टीम ने ट्रस्ट के संस्थापक व निदेशक असद इमाम के पूर्णिया के खजांची थाना के बाड़ी हाट स्थित आवास के साथ ही ट्रस्ट के सदस्य कैसर इमाम, गुलाम हुसैन और मोहम्मद के आवास के साथ-साथ उनके शिक्षण संस्थानों के परिसरों को भी खंगाला।

पीएफआई के खिलाफ फिर छापेमारी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले वर्ष हुए पटना दौरे के दौरान गड़बड़ी उत्पन्न करने से जुड़े एक मामले में बुधवार को छह राज्यों में कई स्थानों पर छापे मारे। केंद्रीय जांच एजेंसी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली-एनसीआर सहित अन्य राज्यों में छापेमारी कर रही है। इस दौरान आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है। अधिकारियों के अनुसार, एनआईए ने जुलाई 2022 में प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान गड़बड़ी उत्पन्न करने के लिए आपराधिक साजिश रचने को लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।

इसराइल से भारतीयों की वापसी

विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि इसराइल में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए ऑपरेशन अजय चलाया जाएगा। उन्होंने एक्स पर लिखा- भारतीयों की सुरक्षित वापसी ही पहली प्राथमिकता है। इसराइल में करीब 20 हजार भारतीय है। आज पहला जत्था लौटने की उम्मीद है।

ग़ज़ा में तबाही

हमास पर इसराइल के हवाई हमलों से गजा पट्टी में हाहाकार मचा हुआ है। इसी बीच डब्ल्यूएचओ ने बताया कि गजा के सात अस्पतालों में दवाओं और दूसरे संसाधनों की भारी कमी हो गई है। सर्जिकल सामान, एंटीबायोटिक और अन्य चिकित्सकीय उपकरणों के न होने से घायलों का इलाज प्रभावित हो रहा है। स्थिति ये है कि तीन सप्ताह का स्टॉक तीन दिन में खत्म हो गया है। युद्ध के कारण 2.63 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को बताया कि लाखों लोग अपना घर छोड़कर भाग गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के स्कूलों में शरण लेने वाले फलीस्तीनी लोगों की तादाद रोज बढ़ रही है। अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है कि अस्पतालों की फर्श खून से सनी हुई है। एक बार में 50 से अधिक घायल अस्पताल पहुंच रहे हैं। फलीस्तीन के पत्रकार हसन जाबर ने बताया कि इजरायली सेना की जवाबी कार्रवाई में गाजा शहर में हर तरफ मलबा दिख रहा है।

रिज़र्वेशन बढ़ाने पर फैसला कब?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आरक्षण का दायरा बढ़ाने पर निर्णय विधानमंडल में चर्चा के बाद ही होगा। मुख्यमंत्री जेपी जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। आरक्षण का दायरा बढ़ाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हम इस पर कुछ नहीं बोलेंगे। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट को सदन में रखने के बाद सभी की राय हम सुनेंगे, उसके बाद सरकार इस पर निर्णय लेगी।

कुछ और सुर्खियां

  • राजस्थान में 23 नवंबर की जगह 25 नवंबर को होगी
  • न्यूज क्लिक के मामले में अब सीबीआई ने की छापेमारी
  • बिहार के राज्यपाल ने कहा- महामहिम नहीं, माननीय राज्यपाल कहिए
  • कटिहार मेडिकल कॉलेज पर इनकम टैक्स विभाग की टीम ने की छापेमारी
  • पटना हाई कोर्ट ने पहली बार हिंदी में दिया फैसला
  • रिवाल्वर लेकर अस्पताल में घूमने के मामले में विधायक गोपाल मंडल का लाइसेंस निलंबित

अनछपी: चार महीने पहले उड़ीसा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के बाद बुधवार की रात बक्सर के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के बेपटरी होने की खबर कई सवाल खड़े करती है। बालासोर में तीन ट्रेनें आपस में टकरा गई थीं जिसे मरने वालों की संख्या काफी हो गई थी। बक्सर से पटना आते हुए नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस की स्पीड काफी थी और उसके हादसे का शिकार होने की वजह किसी पॉइंट में हुई गड़बड़ी बताई जा रही है। हालांकि ट्रेन की स्पीड को हादसे की वजह नहीं माना जा सकता। बालासोर हादसे के बाद कहा गया था कि रेलवे ऐसी व्यवस्था ला रही है जिससे हादसे को रोकने में कामयाबी मिलेगी लेकिन बक्सर की घटना ने हमें एक बार फिर सतर्क रहने का संदेश दिया है। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि बक्सर की दुर्घटना का कारण मानवीय भूल थी या मशीनों की गड़बड़ी। शुक्र की बात यह रही कि बक्सर में जान गंवाने वालों की संख्या कम है हालांकि घायलों की स्थिति का अभी पता नहीं चल पाया है। खबरों में बताया गया है कि राहत का काम तेजी से चल रहा है और उम्मीद की जानी चाहिए कि घायलों को इलाज की समुचित व्यवस्था मिलेगी। इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार के बीच बेहतर तालमेल होना भी जरूरी है। पिछले कुछ महीनों से ट्रेनों की सुरक्षा के बारे में सरकार के उपायों की खबरें कम आती हैं और नई ट्रेनों के परिचालन के बारे में ज्यादा। रेलवे में नई ट्रेनों को लाना कोई गलत बात नहीं है लेकिन इसके साथ इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि जो ट्रेनें पहले से चल रही हैं, वह सुरक्षित ढंग से चलें। उदाहरण के लिए कुछ महीनों से वंदे भारत एक्सप्रेस को बहुत ही ताम झाम के साथ हरी झंडी दिखाई जा रही है हालांकि इसमें सवारियों की कम संख्या होने की शिकायत भी मिल रही है। राजनेताओं के लिए तामझाम तो उनकी आदत है लेकिन रेलवे के परिचालन में ऐसे तामझाम से आगे बढ़कर सोचा होगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि बक्सर की दुर्घटना से संबंधित विभाग सीखेगा और आइंदा दुर्घटना से बचाव के उपाय करेगा।

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