छ्पी-अनछपी: राहुल बोले- 30 लाख करोड़ का शेयर बाज़ार घोटाला, अग्निवीर योजना का क्या होगा?
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री के शपथ लेने से पहले ही राहुल गांधी ने एक बड़ा धमाका करते हुए आरोप लगाया कि शेयर बाजार में 30 लाख करोड़ का घोटाला हुआ है। सेना में बहाली की अग्निवीर योजना के बारे में जदयू का कहना है कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग में अगले 4 महीनों में 45000 पदों पर बहाली की तैयारी शुरू हो गई है। क्रिकेट के मैदान से सनसनीखेज खबर यह है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को हरा दिया है। आज के अखबारों की यह हैं चर्चित खबरें।
जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: घोटाला है शेयर बाजार में उथल-पुथल। नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शेयर बाजार में हुई भारी उथल-पुथल का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया है कि 4 जून को स्टॉक मार्केट में जिस तरह से उतार -चढ़ाव हुआ वह सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट घोटाला है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सीधे तौर पर इसमें शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को चुनाव नतीजे की असलियत मालूम थी मगर मीडिया चैनलों पर झूठे एग्जिट पोल के सहारे शेयर बाजार घोटाले को अंजाम दिया गया। बाजार के उथल-पुथल में आम निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपए डूब जाने का दावा करते हुए राहुल गांधी ने घोटाले में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व वित्त मंत्री की कथित भूमिका की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की भी मांग की। उधर भाजपा नेता पीयूष गोयल ने कहा कि राहुल गांधी का आरोप पूरी तरह निराधार है। उन्होंने दावा किया कि इस दौरान घरेलू निवेशकों ने बाजार से कमाई की है।
अग्निवीर योजना का क्या होगा?
हिन्दुस्तान के अनुसार केंद्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा की ओर से की जा रही कवायदों के बीच एनडीए के अहम घटक दल जदयू ने सेना में भर्ती की अग्निवीर योजना की समीक्षा किए जाने की मांग उठाई है। जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने संवाददाताओं से कहा कि अग्निवीर योजना को लेकर मतदाताओं के एक हिस्से में नाराजगी रही है। “हमारी पार्टी चाहती है कि विस्तार से उन कमियों और खामियों को दूर किया जाए जिसको लेकर जनता ने सवाल उठाए हैं।” केंद्र ने 2022 में 14 जून को सेना में जवानों की भर्ती के लिए अग्निवीर योजना की घोषणा की थी।
स्वास्थ्य विभाग में होगी 45000 बहाली
प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी खबर के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में चार माह में 45000 विभिन्न पदों पर नियुक्ति की जाएगी। स्वास्थ्य उप केंद्रों से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों तक विभिन्न पदों पर नियुक्ति की पहल शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने गुरुवार को आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया। जिन पदों पर बहाली होनी है उनमें असिस्टेंट प्रोफेसर, विशेष चिकित्सा पदाधिकारी, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी, डेंटिस्ट, सिस्टर ट्यूटर, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, नर्स, एनएम, फार्मासिस्ट, एक्स-रे टेक्निशियन, ओटी असिस्टेंट और ईसीजी टेक्नीशियन व लैब टेक्नीशियन के पद शामिल हैं।
मोदी आज दावा पेश करेंगे
हिन्दुस्तान के अनुसार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए एक बार फिर सरकार बनाने के लिए शुक्रवार को दावा पेश करेगा। राजग संसदीय दल की बैठक में शुक्रवार को मोदी को तीसरी बार संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। मोदी और मंत्रीमंडल के सदस्य सप्ताहांत में शपथ ले सकते हैं।
जेडीयू के हो सकते हैं तीन मंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में शुक्रवार को सुबह साढ़े नौ बजे जदयू संसदीय दल की बैठक बुलायी है। लोकसभा में दल के नेता के चयन पर भी विमर्श होने की उम्मीद है। इसके बाद मुख्यमंत्री एनडीए की बैठक में भाग लेंगे। सूत्रों के अनुसार जदयू भी मोदी सरकार में शामिल होगा। जदयू के कोटे से तीन मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके लिए मुंगेर के सांसद ललन सिंह और राज्यसभा सदस्य संजय झा का नाम काफी चर्चित है।
अमेरिका से हारा पाकिस्तान
प्रभात खबर के अनुसार टी 20 वर्ल्ड कप के रोमांचक मैच में सुपर ओवर में अमेरिका ने पाकिस्तान को हरा दिया। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में सात विकेट के नुकसान पर 159 रन बनाए थे। जवाब में अमेरिका ने भी तीन विकेट के नुकसान पर 159 रन ही बनाए। मैच टाई होने के बाद सुपर ओवर में अमेरिका ने 18 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान की टीम 13 रन ही बना सकी।
उपेंद्र कुशवाहा का दर्द
जागरण के अनुसार काराकाट में त्रिकोणीय लड़ाई में फंसे एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा चुनाव नहीं जीत पाए। यहां पवन सिंह दूसरे स्थान पर और उपेंद्र कुशवाहा तीसरे स्थान पर रहे। उपेंद्र कुशवाहा ने इशारों में भितरघात की बात कही और कहा कि पवन सिंह फैक्टर बने या बनाए गए यह सब को मालूम है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष कुशवाहा ने कहा कि काराकाट में उनकी हार कैसे हुई यह, बात आज किसी से छिपी नहीं है। ध्यान रहे कि पवन सिंह पहले भारतीय जनता पार्टी में थे लेकिन टिकट न मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा जिसका घाटा उपेंद्र कुशवाहा को उठाना पड़ा।
शहरों में बीजेपी, गांव-कस्बों में कांग्रेस
चुनाव आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली संस्था सीएसडीएस के सर्वेक्षण के अनुसार कस्बों की तुलना में शहरी क्षेत्र के मतदाता भाजपा के साथ रहे हैं। शहरों के 38 फीसदी लोगों ने भाजपा को जबकि 23 फीसदी ने कांग्रेस को वोट दिया। इस चुनाव में कांग्रेस को गांवों में 20 फीसद जबकि भाजपा को 36 फीसद वोट मिला है। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार गांवों में कांग्रेस का वोट एक फीसदी बढ़ा जबकि भाजपा का एक फीसदी घटा है।
कुछ और सुर्खियां
- केंद्र की नई सरकार का शपथ ग्रहण 9 जून को संभव
- सम्राट चौधरी का बड़ा बयान- नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे 2025 का विधानसभा चुनाव
- आम आदमी पार्टी दिल्ली में अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव
- सरकारी स्कूलों में सुबह 6:30 से 11:30 तक चलेगी क्लास
- मंडी से नवनिर्वाचित भाजपा की संसद कंगना रनौत को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की महिला सुरक्षाकर्मी ने जड़ा थप्पड़
- आलू, प्याज व टमाटर महंगे होने से शाकाहारी थाली की कीमत 9% बढ़ी
- किऊल स्टेशन पर खड़ी पटना-जसीडीह मेमू ट्रेन के इंजन में गुरुवार की शाम आग लगी, कई ट्रेनें फंसीं
अनछपी: बच्चों के अधिकार के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ ने एक रिपोर्ट में बताया है कि दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के लगभग 27% बच्चे भोजन के संकट का सामना कर रहे हैं। यानी करीब 40 करोड़ बच्चे खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं। इनमें 18 करोड़ 10 लाख बच्चे ऐसे हैं जिन्हें गंभीर संकट का सामना है। इसका मतलब यह है कि ऐसे बच्चों को दिन भर में या तो कुछ खाने को नहीं मिलता या बहुत कम मिलता है। यह रिपोर्ट लगभग 100 निम्न और मध्य आय वाले देशों पर केंद्रित है। यूनिसेफ के मुताबिक बच्चों को जो आठ तरह का भजन मिलना चाहिए उसमें मां का दूध, अनाज, दाल, बादाम, बीज और डेरी में मीट-मछली, अंडे और विटामिन ए से भरपूर फल व सब्जियां आदि हैं। गंभीर खाद्य संकट का सामना करने वाले बच्चों की जब चर्चा होती है तो अफ्रीका के अलावा फलस्तीन की बात भी याद आती है जहां लाखों बच्चे इसका सामना कर रहे हैं। अभी यह नहीं पता चल पाया है कि इसमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के कितने बच्चे शामिल हैं। एक दूसरी रिपोर्ट की चर्चा करते हैं। भारत में 18वीं लोकसभा के लिए जो सांसद चुने गए हैं उनकी संपत्ति देश के आम लोगों से 338 गुना से भी अधिक है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 543 सांसदों में 504 सांसद करोड़पति हैं। इन सांसदों की औसत संपत्ति 40.35 करोड़ रुपए है। इन दो रिपोर्ट का जिक्र करने का मकसद यह है कि लोकतंत्र और तरह-तरह के दावे के इस जमाने में भी कितनी असमानता है और इसकी कितनी कम चर्चा होती है। उदाहरण के लिए बच्चों के भोजन के बारे में जो रिपोर्ट आई है उसकी चर्चा मीडिया में कितनी हुई होगी? अगर एडीआर जैसी संस्था नहीं हो तो भारत के जनप्रतिनिधियों के बारे में बहुत सी अहम जानकारी नहीं मिल सकेगी। एक दूसरा सवाल यह है कि भारत अभी गरीबों का देश माना जाता है लेकिन यहां से चुने गए सांसद इतने अमीर क्यों और कैसे हैं? ऐसी बातों की चर्चा अगर आम लोगों के बीच होगी तभी यह असमानता कम करने में मदद मिलेगी।
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