छ्पी-अनछ्पी: नॉर्थ ईस्ट हादसे में ट्रैक की गड़बड़ी ही कारण, ग़ज़ा की नाकेबंदी खत्म करने की शर्त- बंधक रिहाई

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बक्सर के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के हादसे की वजह ट्रैक की गड़बड़ी पाई गई है। यह खबर सभी जगह लीड बनी है। ग़ज़ा की नाकेबंदी खत्म करने के लिए इसराइल ने बंधकों को छोड़ने की शर्त रखी है। इसकी कवरेज भी अच्छी है।

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: ट्रेन जहां डिरेल हुई, वहां ट्रैक पर हुआ था काम पटरी भी क्रैक थी। प्रभात खबर की मेन हेडलाइन है: तीन हिस्सों में बंट गई थी ट्रेन, पटरी में थी खराबी। जागरण की हेडिंग है: रेलवे ट्रैक के रखरखाव में लापरवाही के कारण हुआ हादसा। हिन्दुस्तान ने लिखा है: ट्रैक में गड़बड़ी से नॉर्थ ईस्ट हुई बेपटरी। आनंद विहार से कामाख्या जा रही नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रैक (पटरी) की गड़बड़ी से रघुनाथपुर में दुर्घटनाग्रस्त हुई। रेलवे के अफसरों की संयुक्त प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट मेें इस दुर्घटना के पीछे इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही बताई गई है। जिस जगह हादसा हुआ वहां पटरियां तहस-नहस पाई गईं। डेटा लॉगर और स्पीडोमीटर की जांच में हादसे के वक्त ट्रेन की गति 112 किमी प्रतिघंटे थी। यही वजह रही कि ट्रेन के इंजन समेत सभी बोगियां ताश के पत्तों की तरह छिटक कर पटरी से उतर गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तीन कोच ट्रैक के किनारे आसपास खेतों की ओर लुढ़क गए।

लिया गया बयान

नॉर्थ ईस्ट ट्रेन दुर्घटना के बाद गठित संयुक्त जांच कमेटी ने ट्रेन मैनेजर (गार्ड) विजय कुमार, ऑनड्यूटी स्टेशन मास्टर नित्यांनद कुमार, प्वाइंटमैन विशाल कुमार, गेट मैन नंदकिशोर सिंह, लोको पायलट बिपिन कुमार और असिस्टेंट लोको पायलट राजेश कुमार का बयान लिया। इसके आधार पर पाया कि हादसे की वजह ट्रैक में गड़बड़ी है। हादसे के बाद लंबी दूरी तक ट्रैक टूटा मिला। वहीं, ट्रेन का इंजन लूप लाइन के प्लेटफॉर्म से टकरा गया जिससे लोको पायलट बिपिन कुमार को आंशिक, जबकि असिस्टेंट लोको पायलट राजेश कुमार को भीषण चोट आई है। रिपोर्ट में घटना का समय रात नौ बजकर 51 मिनट बताया गया है।

ग़ज़ा में बिजली के लिए बंधकों की रिहाई की शर्त

जागरण की सुर्खी है: बंधकों की रिहाई तक नहीं हटेगी ग़ज़ा की नाकेबंदी। प्रभात खबर की हेडलाइन है: इसराइल ने रखी शर्त पहले बंधकों को रिहा करे ग़ज़ा, फिर देंगे बिजली-पानी। इसराइल ने गुरुवार को कहा कि जब तक बंधकों को रिहा नहीं कर दिया जाता तब तक ग़ज़ा की नाकेबंदी खत्म नहीं होगी और किसी सामान की आपूर्ति नहीं की जाएगी। इसराइल के ऊर्जा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि जब तक इसराइली बंधक घर नहीं लौट आते तब तक बिजली का एक स्विच भी ऑन नहीं किया जाएगा, एक भी नल नहीं खोला जाएगा और ईंधन का एक भी ट्रक ग़ज़ा में दाखिल नहीं होगा।

230 भारतीय आज लौटेंगे

भारत सरकार ने इसराइल में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन अजय शुरू कर दिया है। इसके तहत पहला चार्टर्ड विमान शुक्रवार को भारत लौटेगा। इसमें 230 यात्रियों के वापस लौटने की संभावना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि भारत का पूरा ध्यान इसराइल से भारतीयों को वापस लाने पर है। वहां मौजूद जो भारतीय वापस लौटना चाहते हैं, उन्हें भारतीय दूतावास में पंजीकरण कराने को कहा गया है। इसराइल में करीब बीस हजार भारतीय फंसे हुए हैं।

“भारत फ़लस्तीन के खिलाफ नहीं लेकिन…”

हिन्दुस्तान के अनुसार भारत ने कहा कि वह फलस्तीन नहीं, आतंकी हमले के खिलाफ हैं। भारत ने इसके साथ ही इसराइल पर हमास के हमले को आतंकवादी कृत्य बताया और इसकी कड़ी निंदा की। यह भी कहा कि भारत की फलस्तीन को लेकर लंबे अरसे से चली आ रही नीति बदली नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को इजरायल-हमास संघर्ष के बारे में भारत के दृष्टिकोण और फलस्तीन को लेकर भारत के रुख बारे में अनेक सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि आपने प्रधानमंत्री के बयान को देखा होगा। वह अपने आप में परिपूर्ण है और इस बारे में अधिक कुछ नहीं कहना है। जहां तक हमास के आतंकवादी संगठन के दर्जे के बारे में सवाल है, यह एक कानूनी मसला है, लेकिन हमारा स्पष्ट मानना है, यह एक आतंकवादी हमला था।

केंद्र से वाजिब हिस्सा नहीं मिल रहा: नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र सरकार पर बिहार की उपेक्षा का आरोप लगाया है और कहा कि हमें हमारा वास्तविक हक भी नहीं मिल रहा। वे गुरुवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं का वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास व उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसके पहले उन्होंने 2000 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। साथ ही 366 नवनियुक्त अंकेक्षकों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया और ई-पंचायत पोर्टल का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार अपने बूते विकास कर रहा है। अपने संसाधनों से विकास कार्यों का संचालन कर रहा है। केन्द्र सरकार कोई मदद नहीं कर रही। यहां तक कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को मिलने वाला उसके हिस्से का 41 फीसदी शेयर नहीं मिल रहा है।

भारत-पाक मैच की दीवानगी

भास्कर की खबर है: अहमदाबाद: चार्टर्ड प्लेन की भीड़, ट्रेनें फुल हॉस्पिटल के रूम बुक। भारत-पाकिस्तान के बीच शनिवार को होने जा रहे हैं हाई वोल्टेज मैच के लिए दुनिया भर के क्रिकेट फैंस अहमदाबाद आने को बेताब हैं। 200 से अधिक वीवीआईपी के जमावड़े से अहमदाबाद एयरपोर्ट में हाउसफुल की स्थिति है। 52 विमान की पार्किंग की जगह है लेकिन अनुरोध 60 से अधिक मिले हैं। कई चार्टर प्लेन राजकोट उदयपुर इंदौर पार्क करवाई जाएगी। ट्रेन भी फ़ुल हैं। गुरुवार को स्पेशल ट्रेन के स्लीपर एसी कोच की 1280 सीटें 5 मिनट में ही बुक हो गई। नया ट्रेंड हॉस्पिटल में रूम बुकिंग का है। स्टेडियम के आसपास के अस्पताल में क्रिकेट फैंस चेकअप पैकेज ले रहे हैं ताकि मैच आसानी से देख सकें।

बच्चे को नहीं मार सकते: कोर्ट

जागरण की खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 सप्ताह का गर्भ नष्ट करने की एक विवाहिता की मांग पर कहा कि गर्भ में पल रहा बच्चा जीवित है। उसमें जान है। हम एक बच्चे को कैसे मार सकते हैं? कोर्ट की अंतरात्मा ऐसा करने को नहीं कहती। इस टिप्पणी के साथ अदालत ने सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी। अदालत ने केंद्र सरकार के वकील और महिला के वकील से कहा कि वह याचिकाकर्ता से बात करके कुछ दिन और गर्भ बनाए रखने के लिए समझाएं। 27 वर्षीय महिला ने गर्भ नष्ट करने की इजाजत मांगी है। 9 अक्टूबर को एक अन्य पीठ ने महिला के अवसाद ग्रसित होने और बच्चे की परवरिश में असमर्थता की दलील स्वीकार करते हुए गर्भपात का आदेश दिया था। केंद्र ने अर्जी दाखिल कर आदेश वापस लेने की मांग की।

कुछ और सुर्खियां

  • बटला हाउस मुठभेड़ में आरिज़ खान की फांसी की सजा उम्र कैद में बदली
  • 15 अक्टूबर को आएगा शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट
  • विदेश मंत्री जयशंकर की सुरक्षा बढ़ी, अब जेड श्रेणी की सिक्योरिटी मिलेगी
  • फोर्ब्स की लिस्ट में देश के 100 सबसे अमीरों में मुकेश अंबानी टॉप पर
  • रिटायर फौजी ने सियालदह- नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में धनबाद के पास फायरिंग कर दी
  • अब जिला अस्पतालों के मरीज भी रेफर किए जाएंगे पटना के मेदांता में

अनछपी: चौदह अक्टूबर यानी कल अहमदाबाद में होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर जो दीवानगी है वह समझ से परे है। कायदे से देखा जाए तो यह विश्व कप क्रिकेट का एक मैच है जो अन्य मैचों की तरह ही है लेकिन इसमें भारत और पाकिस्तान की मौजूदगी माहौल को उन्मादी बना देती है। इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि वर्ल्ड कप के अन्य मैचों में स्टेडियम खाली रह जा रहा है। सवाल यह है कि क्या यह उन्माद स्वाभाविक होता है या इसे बनाने में मीडिया का किरदार भी होता है? याद रखने की बात यह है कि विश्व कप क्रिकेट के उद्घाटन समारोह नहीं हुआ था और इस मैच के मौके पर लगभग उसी तरह का समारोह आयोजित होना है। क्रिकेट मैच के लिए भीड़ का स्वाभाविक रूप से जुड़ना अलग बात है लेकिन इसके लिए अलग-अलग तरह के हथकंडे अपनाना सही नहीं मालूम होता। शायद इसकी एक वजह यह भी हो कि आईसीसी टूर्नामेंट के अलावा इन दोनों में आपस में क्रिकेट नहीं खेली जाती। साफ तौर पर देखा जा सकता है कि यह उन्माद स्वाभाविक नहीं है बल्कि इसे अलग-अलग तरीकों से तैयार किया जा रहा है। कहने को तो अहमदाबाद के जिस नरेंद्र मोदी स्टेडियम में यह मैच होने वाला है वह दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है लेकिन आखिर उसकी भी एक सीमा है और हर व्यक्ति स्टेडियम में मौजूद रहकर मैच नहीं देख सकता। टेलीविजन और अन्य माध्यमों पर इस मैच को इस तरह पेश किया जा रहा है कि जो इसे मैदान में पहुंचकर ना देख पाए वह जीवन से वंचित हो जाएगा। इसके लिए प्लेन चार्टर करना और अस्पताल के रूम बुक करना सुनने में ही अजीब लगता है। यह सब तब है जबकि घर बैठे टीवी पर मैच देखने की सुविधा उपलब्ध है। अहमदाबाद में जमा होने वाली यह भीड़ तब है जबकि पाकिस्तान के प्रशंसकों को वीजा नहीं दिया गया है और वहां से आने वाले क्रिकेट प्रशंसक भी वहां नहीं पहुंच पाएंगे। यहां तक कि पाकिस्तान के पत्रकारों को भी मैच कवर करने के लिए वीजा जारी नहीं किया गया। कुल मिलाकर विश्व कप क्रिकेट के एक मैच को तमाशा बना दिया गया है और इसमें पैसे और उन्माद का जबरदस्त घालमेल है।

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