छ्पी-अनछपी: लेबनान पर इसराइल के हमले में 492 की मौत, बिहार के कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। लेबनान पर इसराइल के ताबड़तोड़ हमले में 492 लोगों की मौत हो गई है। बिहार में नदियों का उफान कम हुआ है लेकिन बाढ़ नए इलाकों में फैल गई है। शराबबंदी कानून के तहत 2016 से अब तक 5 लाख 20 हजार लोगों को सजा मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चाइल्ड पोर्न देखना और डाउनलोड करना अपराध है।
आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।
जागरण की खबर है कि इसराइल ने सोमवार को लेबनान पर हवाई हमले की झड़ी लगा दी। इससे कुछ ही घंटे के भीतर 492 हिजबुल्लाह लड़ाके और लेबनानी नागरिक मारे गए जबकि 1645 घायल हुए हैं। मारे गए लोगों में 39 महिलाएं और 24 बच्चे शामिल हैं। बेरूत के दक्षिण उपनगर में हिजबुल्लाह के सीनियर कमांडर अली कराकी को भी निशाना बनाए जाने की सूचना है। इसराइल ने कहा है कि उसने हिजबुल्लाह के 800 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया है। वहां से इसराइल पर हमले किए जाते थे या फिर वहां हमले की तैयारी की जाती थी। इसराइल के प्रधानमंत्री ने कहा है कि ताजा कार्रवाई हिजबुल्लाह के हजारों रॉकेटों और मिसाइलों को नष्ट करने के लिए की गई थी।
बिहार के नए इलाकों में बाढ़
भास्कर के अनुसार बिहार में गंगा और सहायक नदियों में उफान तो थम गया है लेकिन बाढ़ का कहर जारी है। कई नए इलाकों में पानी से लोगों की परेशानी बढ़ी है। सोमवार को आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार रविवार की तुलना में और 56000 लोग इसकी चपेट में आए हैं। सोमवार को बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 13 लाख 56000 हो गई। उधर जमालपुर-भागलपुर रेल खंड पर दूसरे दिन भी ट्रेनें नहीं चलीं। 20 ट्रेनें रद्द रहीं लेकिन नजदीकी स्टेशनों से 11 ट्रेन खुलीं। 24 ट्रेनों का रूट बदल गया।
शराबबंदी कानून में 5 लाख 20 हज़ार को सज़ा
हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार में 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक 8 लाख 43 हजार 907 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसमें 3 लाख 70 हजार 814 मद्यनिषेध विभाग और 4 लाख 73 हजार 93 मामले पुलिस महकमा के स्तर से दर्ज हुए हैं। अब तक 12 लाख 79 हजार 387 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें मद्य निषेध विभाग के स्तर से 5 लाख 43 हजार 326 और पुलिस महकमा के स्तर से 7 लाख 36 हजार 61 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 5 लाख 20 हजार आरोपियों को सजा हो चुकी है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने पटना के सूचना भवन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में सोमवार को यह जानकारी दी। शराब से जुड़े मामलों में 1 लाख 24 हजार 658 वाहन जब्त किए गए हैं। 71 हजार 727 वाहनों की नीलामी हो चुकी है, जिससे 327 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुकी है।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना अपराध: सुप्रीम कोर्ट
प्रभात खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और देखना पोक्सो कानून तथा आईटी कानून के तहत अपराध है। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। मद्रास हाई कोर्ट ने 11 जनवरी को 28 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई रद्द कर दी थी जिस पर अपने मोबाइल फोन पर बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री डाउनलोड करने का आरोप था। हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि अगर कोई ऐसा कंटेंट डाउनलोड करता और देखता है तो यह अपराध नहीं है जब तक कि उसकी नीयत इसे प्रसारित करने की ना हो। हाई कोर्ट के इस फैसले को कई एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
दो माह बाद से पटना से डोभी दो घंटे में
जागरण की खबर है कि अगले दो महीने में यानी नवंबर से पटना से डोभी की यात्रा केवल 2 घंटे में पूरी होगी। झारखंड पहुंचने में भी कम समय लगेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना-गया- डोभी फ़ोरलेन सड़क का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि नवंबर में निर्माण पूरी तरह से कर लिया जाएगा। इससे पटना से डोभी की दूरी 2 घंटे की हो जाएगी।
संजीव हंस पर एक और केस
हिन्दुस्तान के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने प्रधान सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस व पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत 13 लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) मामले में केस दर्ज किया है। सोमवार को ईसीआईआर (इंफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज होने के साथ ही इस मामले में कार्रवाई तेज हो गई है। ईडी अब संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव, उनकी पत्नी एमएलसी अंबिका यादव समेत अन्य सभी नामजद अभियुक्तों को समन जारी कर जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाएगी।
मोटे कागज वाले स्टांप पेपर बंद होंगे
भास्कर के अनुसार बिहार में मोटे कागज़ वाले स्टांप पेपर की बिक्री बंद होगी। इसकी जगह अब ई-स्टांप ही मिलेगा। इसके लिए निबंधन विभाग राज्य के सभी निबंधन कार्यालयों में स्टांप वेंडिंग मशीन लगाएगा। यह एटीएम की तरह होगा। इसके माध्यम से पैसा भुगतान कर लोग स्टांप ले सकेंगे। इसके लिए नया सॉफ्टवेयर बनाया गया है। इसका ट्रायल जल्द शुरू होगा।
तीर लगने से महिला दारोगा घायल
हिन्दुस्तान की खबर है कि अररिया जिले के जोकीहाट प्रखंड के महलगांव थाना अन्तर्गत पोखरिया गांव में सोमवार की सुबह एक भूखंड पर कब्जा जमाने के दौरान असामाजिक तत्वों ने पुलिस टीम पर तीर-धनुष और लाठी से हमला कर दिया। इस दौरान अचानक तीर लगने से जोकीहाट थाना की एक महिला दारोगा नुसरत परवीन गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनके चेहरे पर तीर जा धंसा। प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उनको पूर्णिया के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उनका तीर निकाल दिया गया है।
कुछ और सुर्खियां
- बीपीएससी की 70वीं सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन 28 सितंबर से
- हादसे में वैशाली की सांसद वीणा देवी के पुत्र की मौत, जताई हत्या की आशंका
- दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने पद संभाला मगर अरविंद केजरीवाल की कुर्सी खाली छोड़ी
- ऑस्कर पुरस्कार 2025 की दौड़ में भारत से हिंदी फिल्म ‘लापता लेडीज़’ शामिल
- तिरुपति के तिरुमला मंदिर का 4 घंटे शुद्धिकरण किया गया
- झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआई जांच होगी
अनछपी: रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर छा जाने का भूत ऐसा सवार हुआ है कि बड़े तो बड़े, कम उम्र के बच्चों की भी मौत हो रही है और समाज बेबस नजर आ रहा है। आये दिन रेल की पटरी या नदी में रील्स बनाने के दौरान हादसे की खबर आते रहती है, इसके बावजूद यह किसी न किसी रूप में जारी है। तेज रफ्तार बाइक चलाकर स्टंट करने वाले भी रील्स बनाने के दौरान हादसे का शिकार हुए हैं। ताजा मामले में मधुबनी के हरलाखी थाना क्षेत्र के एक गांव में एक किशोर की उस समय जान चली गई जब दूसरे दो किशोर पिस्टल के साथ रील्स बना रहे थे। रील्स का वीडियो शूट करने वाले की उम्र 18 वर्ष थी और जो पिस्टल चल रहा था वह भी 18 साल का ही था। इनमें तीसरे दोस्त की उम्र 12 साल की थी और उसे ही पेट में गोली लगी जिसकी अस्पताल जाने के दौरान रास्ते में मौत हो गई। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतने कम उम्र के बच्चों के पास पिस्तौल कैसे आया? जिस लड़के ने गोली चलाई है उसके मां-बाप से पुलिस पूछताछ कर रही है और अभी यह पता नहीं चला कि यह हथियार लाइसेंसी था या बिना लाइसेंस वाला। दूसरा सवाल यह है कि रील्स बनाने के लिए जो पागलपन है, वह क्यों है? यह केवल शहरों का मामला नहीं बल्कि हरलाखी जैसे देहात से यह खबर आई है। स्मार्टफोन और सस्ते इंटरनेट ने रील्स बनाने का पागलपन लाया है। जाहिर है रील्स बनाना अपने आप में कोई गुनाह नहीं है लेकिन इसके लिए जान जोखिम में डालना और हथियार चलाना तो जरूर गुनाह है। सोशल मीडिया के इस जमाने में किसी को रील्स बनाने से रोकना तो संभव नहीं लेकिन रील्स बनाने में जरूरी सावधानी बरतने के लिए तो कहा ही जा सकता है। समय बदलने के साथ पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी भी बदलती है और उनके ज़िम्मे एक नया काम यह है कि लोगों को, विशेष कर बच्चों को यह समझाए कि रील्स बनाने के दौरान किसी तरह का जोखिम न लें। फोन बनाने वाली और इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों की भी जिम्मेदारी हैं कि इस सिलसिले में जागरूकता फैलाएं। अगर बच्चों के लिहाज से देखा जाए तो सबसे बड़ी जिम्मेदारी मां-बाप की बनती है कि वह इसका ध्यान रखें कि उनके बच्चे रील्स बनाने के चक्कर में क्या कुछ कर रहे हैं। रील्स बनाने के दौरान जान को जोखिम में डालने से तभी रोका जा सकता है जब समाज और परिवार एक साथ मिलकर इसके लिए काम करें।
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