छपी-अनछपी: अब मई तक पूरी होगी जाति आधारित गिनती, दुनिया की आठ अरब उम्मीदें

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। दुनिया की आबादी आठ अरब होने की खबर आज के अखबारों में छाई हुई है। इधर बिहार में हो रही जाति आधारित गणना अब फरवरी में पूरी होने की खबर है जिसे पहले पेज पर जगह मिली है। वक़्फ़ संपत्ति को बिहार सरकार क़ब्ज़े से मुक्त कराएगी, जागरण ने यह खास खबर दी है।

हिन्दुस्तान की पहली खबर है: दुनिया@8, 00, 00, 00, 000। अखबार ने लिखा है: पृथ्वी पर आठ अरबवें बच्चे का जन्म, भारत की जनसंख्या दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है। चीन की आबादी 1.426 अरब और भारत की 1.412 अरब है। संयुक्त राष्ट्र ने जनसंख्या के 8 अरब तक पहुंचने को उल्लेखनीय मील का पत्थर करार दिया। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने ट्वीट किया: आठ अरब उम्मीदें। आठ अरब सपने। आठ अरब संभावनाएं।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: प्रदेश में फरवरी के बजाय अब मई में पूरी होगी जाति आधारित गणना। हिंदुस्तान ने लिखा है: फैसला: बिहार में जाति आधारित गणना की समय सीमा मई तक बढ़ी। बिहार कैबिनेट में यह फैसला मंगलवार को हुआ। बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि जाति आधारित गणना की तैयारी पूरी कर ली गई है पर नए साल में राष्ट्रीय स्तर पर मतदाता सूची के पुनरीक्षण तथा बिहार में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को देखते हुए इसकी तिथि बढ़ाई गई है।
प्रभात खबर की लीड बिहार के स्कूलों में हेड मास्टरों की बहाली पर है। इसकी सुर्खी है: अब पद भरने को निकाला फार्मूला, माइनस मार्किंग हटाओ और परीक्षा का समय बढ़ाओ। पिछली बार जब इस पद के लिए परीक्षा हुई थी तो अधिकतर उम्मीदवार फेल हो गए थे।

इंडोनेशिया के शहर बाली में चल रहे जी-20 के सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संबंधित किया है। हिन्दुस्तान में यह दूसरी सबसे बड़ी खबर है: भारत का सामर्थ्य दुनिया के लिए सुरक्षा कवच। जागरण ने लिखा है हमारे कंधों पर नई वैश्विक व्यवस्था बनाने की है जिम्मेदारी: प्रधानमंत्री। इसी खबर की सुर्खी प्रभात खबर में है; यूक्रेन मुद्दे का हल युद्ध नहीं, वार्ता व कूटनीति से बनेगी बात: प्रधानमंत्री।

मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी विधानसभा सीट के लिए होने वाला उपचुनाव दिलचस्प हो गया है। भास्कर की सबसे बड़ी खबर यही है: भाजपा से केदार, एआईएमआईएम और वीआईपी प्रत्याशी भी देंगे वोट की चोट। इस सीट से ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस के सदस्य व पूर्व जिला पार्षद गुलाम मुर्तजा अंसारी को एआईएमआईएम ने अपना उम्मीदवार बनाया है। दूसरी और विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी ने भी नीलाभ कुमार को यहां से उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले गोपालगंज में हुए उपचुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार को 2000 से कम मतों से हार का सामना करना पड़ा था जबकि वहां एआईएमआईएम के उम्मीदवार ने 12000 से अधिक वोट लाए थे।

भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: पत्नी के इलाज में सब बिका, तंगी ने सताया तो बेटियों के साथ जान दी। सीवान का यह परिवार कई सालों से गोरखपुर में रह रहा था। आर्थिक तंगी के कारण पांच 6 दिन पहले नवादा से एक ही परिवार के 6 लोगों द्वारा आत्महत्या करने की खबर आई थी। ताजा घटना में पिता ने फांसी लगाकर अपनी दो बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली।

बिहार में सरकारी अस्पतालों में सही से इलाज नहीं मिलने के कई कारण हैं। इसमें एक कारण का पता हाई कोर्ट की टिप्पणी से भी लगता है। हिन्दुस्तान में इसकी खबर है: डायलिसिस मशीन दूसरी अस्पताल भेज देंगे। पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि वहां खरीदी गई 31 डायलिसिस मशीन है डॉक्टर और टेक्नीशियन की कमी की वजह से बंद पड़ी हैं। अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच के नेफ्रोलॉजी विभाग में 25 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई लेकिन वे बाद में दूसरे जगह भेज दिए गए। कोर्ट ने इस मामले में पीएमसीएच के अधीक्षक से जवाब तलब किया है।

पटना एयरपोर्ट से सोना तस्करी में पकड़े गए तीन लोगों के बारे में भास्कर ने एक खास खबर दी है: पटना एयरपोर्ट से गिरफ्तार तस्कर फर्जी दस्तावेज से हिंदू बने, भाषा पाक के पंजाब की, आका ने पहले ही प्लेन में रखवा दिए थे गोल्ड बिस्कुट। अखबार ने यह आशंका जताई है कि यह टेरर फंडिंग का मामला हो सकता है।

जागरण की खास खबर है: वक़्फ़ की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराएगी सरकार। इसमें बताया गया है कि प्रदेश सरकार वक़्फ़ की जमीन पर हुए अनधिकृत कब्जे को चिन्हित कर उसे हटाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सभी जिलों में वक्त में दर्द सरकारी भूमि का परीक्षण करने का आदेश दिया गया है। ऐसी भूमि अतिक्रमण मुक्त करा कर उस पर मल्टीपरपस भवन आदि बनाए जाएंगे। इसके लिए 254 करोड़ 44 लाख की डीपीआर बनाई जानी है।

अनछपी: दुनिया की आबादी आठ अरब होने पर आज के अखबारों में छपे आलेखों से दो अलग विचारधारों का पता चलता है। जागरण के संपादकीय का शीर्षक है: जनसंख्या की चुनौती। हिन्दुस्तान के अग्रलेख की हेडिंग है: जनसंख्या बढ़े तो वरदान हो जाए। इसके लेखक अरुण कुमार कहते हैं जापान और कोरिया जैसे देशों में जनसंख्या घनत्व हमसे ज्यादा है मगर वह हमसे कहीं अधिक समृध्दि है। भारत में जनसंख्या के मुद्दे पर एक खास वर्ग को टारगेट किए जाने के कारण भी इस विषय पर सही तरीके से बहस नहीं हो पाती है। हालांकि जनसंख्या विशेषज्ञ कई बार इस मिथक को तोड़ चुके हैं कि भारत में सिर्फ मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है या सबसे तेजी से बढ़ रही है फिर भी इसे सांप्रदायिक तत्व उसी तरह पेश करते हैं। संयुक्त राष्ट्र 8 अरब आबादी को 8 अरब सपने बता रहा है, सही सोच यही मालूम पड़ती है। जनसंख्या को अभिशाप मानकर रोया जाए या वरदान मानकर इसका लाभ उठाया जाए, यह अपनी सोच पर निर्भर है। यह जरूर है कि दुनिया में संसाधनों का बंटवारा सही तरीके से हो ताकि जनसंख्या का एक हिस्सा अत्यधिक संपत्ति का मालिक न बना रहे और दूसरा हिस्सा गरीबी और फाकाकशी में गुजारने को मजबूर न बना रहे।

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