छ्पी-अनछपी: अमेरिका में हवाई हादसे में 67 मरे, लालू के सेक्रेटरी रहे महाजन पर होगा मुकदमा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। अमेरिका में एक यात्री विमान और हेलीकॉप्टर में टक्कर होने से 67 लोगों की मौत हो गई। रेलवे में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के सचिव रहे आरके महाजन पर भी लैंड फॉर जॉब मामले में मुकदमा होगा। कैमूर में गुस्साए गांव वालों ने स्थानीय सांसद मनोज कुमार को पीटा। कुंभ के मेले में दो जगह मची थी भगदड़।

और जानिएगा की एडमिशन के चार दिनों के बाद बीए की परीक्षा होने पर कैसे और किस जगह किताब खोलकर हुई नकल।

हिन्दुस्तान के अनुसार अमेरिका के रोनाल्ड रीगन हवाई अड्डे पर बुधवार रात भयंकर हादसा हुआ। यहां उतरते समय एक यात्री विमान और सेना का हेलीकॉप्टर आपस में टकरा गए। तेज धमाके के बाद दोनों पोटोमैक नदी में जा गिरे। हादसे में विमान और हेलीकॉप्टर में सवार सभी 67 लोगों की मौत हो गई। खबर लिखे जाने तक 28 शव बरामद हुए थे। यह घटना व्हाइट हाउस और अमेरिकी संसद कैपिटल हिल से महज पांच किलोमीटर दूर घटी। अधिकारियों के अनुसार, अमेरिकन एयरलाइन्स का विमान कंसास से वॉशिंगटन जा रहा था। विमान में चालक दल के चार सदस्यों समेत 64 यात्री सवार थे, जबकि हेलीकॉप्टर में तीन सैनिक सवार थे। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि हादसा किस वजह से हुआ। घटना के बाद हवाई अड्डे पर विमान परिचालन रोक दिया गया। बचाव दल नदी में गिरे मलबे से शवों की तलाश कर रहा है।

लालू के सेक्रेटरी रहे महाजन पर होगा मुकदमा

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार लैंड फॉर जॉब मामले में 1987 बैच के पूर्व आईएएस अफसर और तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के निजी सचिव रहे आरके महाजन पर मुकदमा चलेगा। नई दिल्ली की राउज एवेन्यू की सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए आरके महाजन और एक अन्य आईएएस अधिकारी पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। इससे पहले सीबीआई ने आरोप पत्र में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में रेल मंत्रालय में तैनात रहे बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी आरके महाजन के खिलाफ साक्ष्य सौंपा था। आरके महाजन उस समय रेल मंत्रालय में महत्वपूर्ण पद पर तैनात थे।

सासाराम के सांसद की पिटाई, सिर फटा

जागरण के अनुसार सासाराम लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद मनोज कुमार की उनके ही गांव कुदरा प्रखंड (कैमूर) के सकरी के पास नाथूराम में पिटाई कर दी गई जिससे उनका सिर फट गया। मोहनिया अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टर साहिल राज ने बताया कि संसद के सिर में चोट है उनको दो टांके लगाए गए हैं। यहां से उन्हें भभुआ सदर अस्पताल ले जाया गया वहां उपस्थित सिविल सर्जन चंदेश्वर रजक ने बताया कि सांसद के स्वास्थ्य की जांच कर पटना रेफर किया गया है। मारपीट में संसद के सुरक्षा गार्ड गौतम कुमार वन्य जीव सचिव उपेंद्र कुमार मिश्रा होटल है। उधर दूसरे पद से झारखंड के सेवानिवृत्त डीएसपी अखिलेश्वर चौबे एवं अन्य ग्रामीण घायल हैं। दोनों पक्ष में लाठी डंडे से मारपीट का वीडियो तेजी से इंटरनेट मीडिया पर फैला है। विवाद की शुरुआत गांव में ही सांसद के भाई के स्कूल के सामने खड़ी बसों को रास्ते से हटाने के लिए कहने से हुई।

कुंभ में भगदड़ दो जगह हुई थी

भास्कर के अनुसार प्रयागराज कुंभ में मंगलवार को मौनी अमावस्या की रात एक से डेढ़ बजे के बीच संगत पर भक्तों से 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। इससे करीब 3 घंटे बाद यहां से ढाई किलोमीटर झूंसी इलाके के सेक्टर 21 में एक और भगदड़ मची लेकिन प्रशासन इस घटना को लेकर खामोश है। ना तो भगदड़ की बात स्वीकारी है ना हताहतों की कोई जानकारी दी है जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि यहां भी बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं।

एडमिशन के चार दिन बाद इम्तिहान, नकल खुलेआम

भास्कर के अनुसार सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड स्थित केएन डिग्री कॉलेज में गुरुवार को इनविजीलेटर के सामने ही छात्राओं ने गाइड, गेस पेपर और चिट खोलकर जमकर कदाचार किया। यहां ललित नारायण मिश्र स्मारक कॉलेज, बीरपुर के स्नातक तृतीय सेमेस्टर का परीक्षा केंद्र बनाया गया है। गुरुवार को हिंदी की परीक्षा की दूसरी पाली में परीक्षा दोपहर में 2:30 बजे से थी। परीक्षा शुरू होते ही बेखौफ विद्यार्थी नकल करते नजर आए। उन्हें किसी का भय नहीं था। इस संबंध में जब कॉलेज के प्राचार्य प्रमोद खीरहरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ने का समय ही नहीं मिला। 11 से 18 दिसंबर तक एडमिशन और फॉर्म एक साथ भर गया। 23 दिसंबर से विश्वविद्यालय के निर्देश पर परीक्षा शुरू हुई। विद्यार्थियों को मात्र चार दिन पढ़ने का समय मिला।

कुछ और सुर्खियां

  • मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में जेके सीमेंट के कारखाने में स्लैब ढहने से पूर्णिया के तीन मजदूरों की मौत
  • बीपीएससी सिविल सेवा के उम्मीदवार री-एग्जाम की मांग पर फिर सड़क पर उतरे, दो कोचिंग संचालकों समेत 350 पर केस
  • बिहार के हायर सेकेंडरी स्कूलों में गेस्ट टीचर की सेवा रद्द करने का सरकार का आदेश हाईकोर्ट ने खारिज किया
  • सीटीईटी व दूसरे राज्यों के टीईटी पास उम्मीदवार झारखंड सहायक शिक्षक परीक्षा में भाग नहीं ले सकेंगे
  • बिहार का शिक्षा विभाग बंद करेगा दक्षिण भारतीय भाषा संस्थान
  • स्वीडन में कुरान की बेअदबी करने वाले इराकी की गोली मारकर हत्या

अनछपी: पटना स्थित बिहार का इकलौता तिब्बिया मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल 1926 में बना था लेकिन सौ साल बाद यह इस सवाल से जूझ रहा है कि वह अपनी जगह से कहां जाएगा। इसको लेकर वहां ऊहापोह बरकरार है। फिलहाल यह कॉलेज और अस्पताल कदमकुआं स्थित अपने पुराने परिसर में ही चल रहा है। इसके ठीक सामने बिहार आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल भी है। बिहार सरकार ने यह फैसला किया है कि तिब्बिया कॉलेज की जमीन को आयुर्वेदिक कॉलेज को दे दिया जाएगा और तिब्बिया कॉलेज को यहां से उठाकर कहीं और ले जाया जाएगा। बहुत से लोगों को बिहार सरकार का यह फैसला भेदभावपूर्ण लगता है लेकिन तिब्बिया कॉलेज के लोगों ने यह सोचकर इस पर सहमति दे दी थी कि उन्हें नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास जमीन मिल जाएगी। लगभग ढाई साल पहले तिब्बिया कॉलेज के लिए अलग कैंपस बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था।  राज्य सरकार ने इसके लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एनएमसीएच) के पास अगमकुआं में दस एकड़ की एक जगह दिखाई थी लेकिन अफसोस की बात है कि एक ऐसी जगह थी जहां कोई बिल्डिंग नहीं बन सकती है। यह जल-जमाव वाला इलाक़ा है। हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने भवन निर्माण के लिए 264 करोड़ रुपये खर्च करने की सहमति भी दी थी। लेकिन, दलदल होने के कारण वहां भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू किए जाने को लेकर मामला फंस गया। अफसोस की बात यह भी है कि तिब्बिया कॉलेज के लिए कोई जनप्रतिनिधि आवाज नहीं उठा रहा है। तिब्बिया कॉलेज का भवन एक विरासत भवन था और उसे वहां से हटाने का फैसला बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। उम्मीद की जानी चाहिए कि तिब्बिया कॉलेज के लिए दूसरी जगह भवन निर्माण से पहले इसे यहां से नहीं हटाया जाएगा। एक और अहम बात यह है कि इसके लिए जो जमीन दी जाए वह ऐसी जगह ना हो जहां लोगों के लिए पहुंचना मुश्किल हो। इस समय स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे हैं और उनका संबंध भारतीय जनता पार्टी से है। ऐसे में बहुत से लोग इस बात को लेकर आशंका जता रहे हैं कि मंगल पांडे तिब्बिया कॉलेज के मामले में बहुत गंभीर नहीं दिख रहे हैं। जिन लोगों को भी तिब्बिया कॉलेज के भविष्य की चिंता है उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से और मुख्य सचिव से इस बारे में बात करनी चाहिए।

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