छपी-अनछपी: बिहार में एच3 एन2 को लेकर चौकसी, समलैंगिक विवाह आदर्श नहीं: केंद्र
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। एच3 एन2 इन्फ्लूएंजा या हांगकांग फ्लू को लेकर बिहार में चौकसी बढ़ाई जा रही है। इससे संबंधित खबर अखबारों ने प्रमुखता से ली है। समलैंगिक विवाह के बारे में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यह आदर्श नहीं और यह भारतीय परंपरा के खिलाफ है। इससे जुड़ी खबर भी पहले पेज पर है। हरियाणा के पानीपत में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक में चुनाव से पहले एक लाख जगह पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है जिसे अहमियत के साथ छापा गया है।
हिन्दुस्तान की पहली खबर है: अलर्ट: सूबे के अस्पतालों को तैयार करने का निर्देश। जागरण ने लिखा है: जिन क्षेत्रों में फ्लू के लक्षण के ज्यादा मरीज वहां होगी एच3 एन2 की जांच। देश में तेजी से पांव पसार रहे एच3एन2 वायरस (हांगकांग फ्लू) को देखते हुए बिहार सरकार ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है। इसके लिए कोरोना जांच और टीकाकरण अभियान में तेजी लाने का निर्णय लिया गया है। चूंकि हाल में होली का त्योहार था और उस दौरान बड़ी संख्या में बाहर से लोग बिहार आए थे, इसलिए स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच पर अधिक ध्यान देगा। स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने कहा कि एच3एन2 वायरस के लक्षण कोरोना की तरह ही हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि संजय कुमार सिंह ने कहा कि एच3एन2 वायरस के लक्षण कोरोना की तरह ही हैं।
समलैंगिक विवाह आदर्श नहीं
भास्कर की पहली खबर है: समलैंगिक विवाह आदर्श नहीं, यह हमारी परंपरा नहीं: केंद्र। हिन्दुस्तान और जागरण ने लिखा है: समलैंगिक विवाह को परिवार का दर्जा नहीं: केंद्र। केंद्र सरकार ने समलैंगिकों के विवाह को मान्यता देने के लिए दायर की गई याचिकाओं का विरोध किया है। सरकार ने कहा कि ऐसे विवाह को परिवार का दर्जा नहीं दिया जा सकता। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में दायर शपथपत्र में कहा कि सामाजिक, सांस्कृतिक और कानूनी रूप से विपरीत लिंग वाले दो व्यक्तियों की शादी ही विवाह की परिकल्पना में सोची गई है। इसे न्यायिक हस्तक्षेपों से हल्का नहीं किया जाना चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के जरिये पेश शपथपत्र में कानून मंत्रालय में संयुक्त सचिव केआर साजी कुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को अमेरिका समेत विदेशी फैसलों को देश में लागू नहीं करना चाहिए। भास्कर के अनुसार सरकार ने कहा कि समलैंगिक विवाह आदर्श नहीं हो सकता और यह भारतीय परंपरा के विरुद्ध है। इसे मान्यता देने से दहेज, घरेलू हिंसा, तलाक और गुजारा भत्ता जैसे तमाम कानूनी प्रावधानों को अमल में लाना कठिन हो जाएगा।
राहुल गांधी के बयान पर गर्मा गर्मी संभव
जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: राहुल गांधी के बयान और छापों पर गर्म रहेगी संसद। अखबार लिखता है कि संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो रहा है और उसके फिर से कुछ दिन हंगामेदार रहने की उम्मीद है। बजट सत्र का यह चरण 6 अप्रैल तक चलेगा और कुल 17 बैठकें होंगी। सरकार के वित्त विधेयक सहित लंबित विधेयकों को पारित कराने की तैयारी है। वर्तमान में राज्यसभा में 26 और लोकसभा में 9 विधेयक पारित होने के लिए लंबित हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयानों सहित विपक्षी दलों के नेताओं के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस तरह सीबीआई और ईडी सक्रिय रही है उससे सियासी पारा चढ़ा हुआ है।
लंदन और लोकतंत्र
हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खबर दी है: लंदन से देश के लोकतंत्र का अपमान किया: मोदी। जागरण ने लिखा है भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाना देश की महान परंपरा और जनता का अपमान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लंदन में भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाए गए। भारत की लोकतंत्र की जड़ें हमारे सदियों के इतिहास से सींची गई हैं। दुनिया की कोई ताकत परंपराओं को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। इसके बावजूद कुछ लोग लोकतंत्र को लगातार कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। मोदी आईआईटी धारवाड़ (कर्नाटक) के स्थायी परिसर का शुभारंभ करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। ध्यान रहे कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। कर्नाटक में मई तक विधानसभा चुनाव होना है।
आरएसएस 42% शाखाएं बढ़ाएगा
हरियाणा के पानीपत के समालखा में रविवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा शुरू हुई। देशभर में 34 संगठनों के 1474 प्रतिनिधि इसमें भाग ले रहे हैं। प्रतिनिधि सभा ने अगले साल लोकसभा चुनाव के पहले देश में 1,00,000 स्थानों तक पहुंचाने का संकल्प लिया। 42% शाखाएं बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी देश में 71355 स्थानों पर संघ किसी न किसी रूप से कार्य कर रहा है। पहले दिन सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले का संबोधन हुआ। जागरण ने लिखा है: मजहबी कट्टरता और मतांतरण का करना होगा प्रबल विरोध: संघ। अखबार लिखता है कि आर एस एस ने देश में बढ़ रही मजहबी कट्टरता अवैध मत अंतरण और इंग्लैंड कनाडा व ऑस्ट्रेलिया में हिंदू परिवारों और हिंदू मंदिरों पर हुए हमले को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है।
टायर फटना ईश्वरीय घटना नहीं
बॉम्बे हाइकोर्ट ने कहा टायर फटने को दैवीय घटना मानने से इनकार करते हुए इस मामले में मुआवजा देने का आदेश दिया है जिसकी खबर सभी जगह है। हाईकोर्ट ने मुआवजे के खिलाफ एक बीमा कंपनी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि टायर फटना दैवीय घटना नहीं, बल्कि मानवीय लापरवाही है। न्यायमूर्ति एसजी डिगे की पीठ ने अपने आदेश में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के 2016 के फैसले के खिलाफ न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की अपील खारिज कर दी। न्यायाधिकरण ने इस बीमा कंपनी को मकरंद पटवर्धन के परिवार को 1.25 करोड़ का भुगतान करने का निर्देश दिया था। पटवर्धन 25 अक्टूबर 2010 को दो सहयोगियों संग पुणे से मुंबई जा रहे थे। इसी दौरान कार का पिछला पहिया फट गया और कार गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में मकरंद पटवर्धन की मौके पर ही मौत हो गई थी।
कुछ और सुर्खियां
- 10वीं 12वीं के नंबर के साथ ग्रेड भी मिलेंगे
- स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की रासही 4 लाख से बढ़ेगी शोध को राज्यस्तरीय फेलोशिप भी
- मेडिकल छात्रों को एक ही बार में चुनना होगा कॉलेज
- सीवान में 28 लाख से भरी एटीएम उखाड़ ले गए चोर
- यूपी में डंपर से भिड़ी कार, सासाराम के एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत
- जमशेदपुर के चक्रधरपुर में सीट के विवाद में चलती ट्रेन से यात्री को फेंका, मौत
- बिहार में 1 साल में 25% तक पढ़ा पूजन सामग्री का कारोबार 200 करोड़ की हो रही बिक्री
- मोहन भागवत 17 मार्च को करेंगे सामवेद के उर्दू अनुवाद का विमोचन
अनछपी: भारत में लोकतंत्र के ऊपर मंडरा रहे खतरे के बारे में लंदन में दिए गए राहुल गांधी के बयान पर बेचैनी समझ में आने वाली है। आज से संसद का सत्र शुरू हो रहा है और इस पर पक्ष विपक्ष दोनों ओर से जोरदार बहस की उम्मीद की जा रही है। हैरत की बात यह है कि जिस राहुल गांधी को भारतीय जनता पार्टी और उनके समर्थक पप्पू बताते हैं उनके ही बयान पर सबसे ज्यादा बेचैनी नजर आती है। राहुल गांधी ने इसके अलावा आरएसएस को भी लगातार अपने निशाने पर ले रखा है और उसे भारत के जनतंत्र के लिए खतरा बताते हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी की चुनावी जीत में आर एस एस का सबसे बड़ा हाथ रहता है। आरएसएस के पानीपत में चल रहे कार्यक्रम के दौरान भी चुनावी नीति के तहत शाखाएं फैलाने की बात गई है। वैसे कांग्रेस ने इसके जवाब में यह भी कहा है कि खुद प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश जाकर यह कहा था कि भारत में विकास का काम नहीं हुआ है। यही नहीं, श्री मोदी ने ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा लगाकर भी विदेशी राजनीति में दखल देने की कोशिश की थी। संसद में इसके अलावा विपक्षी दलों के नेताओं पर लगातार सीबीआई और ईडी की कार्रवाई के अलावा अडानी का मुद्दा भी छाया रहेगा। राज्यसभा में उपराष्ट्रपति और सभापति जगदीप धनकड़ के रोल को लेकर भी विपक्षी दलों की काफी आपत्तियां हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि पक्ष विपक्ष की इस बहस में आखिर जनता का कुछ लाभ हो पाता है या नहीं।
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