उर्दू पत्रकारिता के पूरे हो रहे हैं 200 साल, धूम-धाम से मनाया जाएगा जश्न

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट पटना

देश में उर्दू का पहला अख़बार जान-ए-जहां नुमा के नाम से 17 मार्च, 1822 को कलकत्ता से प्रकाशित हुआ था। इस तरह से मार्च दो हज़ार बाईस में उर्दू पत्रकारिता के दौ साल पूरे होन जा रहे हैं। इस ऐतिहासिक मौक़े को मनाने के लिए बिहार के उर्दू पत्रकारों ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत मजलिसे उर्दू सहाफ़त के नाम से एक समिति का गठन किया गया है। समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को पटना में दैनिक ‘प्यारी उर्दू’ के दफ़्तर में आयोजित की गई। समिति के महासचिव और वरिष्ठ पत्रकार डाॅ. रेहान ग़नी ने बिहार लोक संवाद डाॅट नेट को बताया कि राजधानी में मनाया जाने वाला जश्न राष्ट्रीय स्तर का होगा।

रेहान ग़नी ने कहा कि आज जिस तरह से देश के मौहौल में ज़हर भरने की कोशिश की जा रही है, उसके मद्देनज़र नई पीढ़ी को यह बताने की ज़रूरत है कि उर्दू पत्रकारिता की बुनियाद राष्ट्रीय एकता को मज़बूत करने के लिए की गई थी।

रेहान ग़नी ने कहा कि यादगारी समारोह के दौरान कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

आज जिस प्रकार की पत्रकारिता की जा रही है, उसको देखते हुए इतिहास के पन्नों को एक बार फिर से पलटना वाक़ई ज़रूरी लगता है क्योंकि देश में पत्रकारिता का इतिहास काफ़ी गौरवपूर्ण रहा है। और, उससे सीख लेने की ज़रूरत है।

कैमरापर्सन शीश अहमद के साथ सैयद जावेद हसन, बिहार लोक संवाद डाॅट नेट।

 

 

 

 

 

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