छ्पी-अनछपी: अशोक चौधरी के बयान पर भूमिहार नेता नाराज़, 400 प्रोजेक्ट के फ्लैट लेने में खतरा
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। जदयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी के बयान का भूमिहार नेताओं ने भारी विरोध किया है। रेरा ने कहा है कि बिहार के 400 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें फ्लैट लेने के बाद कब्जा लेने में दिक्कत हो सकती है। झारखंड में दस दिनों में सिपाही भर्ती की दौड़ में शामिल होने वाले आठ उम्मीदवारों की मौत हो गई। अमृतलाल मीणा ने बिहार के मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया है।
जागरण के अनुसार ग्रामीण कार्य मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी की ओर से भूमिहार जाति के बारे में की गई एक टिप्पणी से जदयू में घमासान मचा है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने इसके लिए चौधरी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की मांग की है। चौधरी ने तीन दिन पहले जहानाबाद में आयोजित पार्टी की एक बैठक में कहा था कि लोकसभा चुनाव में भूमिहारों के बड़े हिस्से में जदयू उम्मीदवार चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को वोट नहीं दिया। इसके कारण चंद्रवंशी की हार हो गई। कहा कि भूमिहार समाज वोट देते समय दल के बदले अपनी जाति को प्राथमिकता देता है। जदयू विधायक संजीव कुमार सिंह ने कहा कि अशोक चौधरी भूमिहार समाज के सबसे कट्टर विरोधी हैं। “वह चाहते हैं की पार्टी में सब कोई उनकी जी हजूरी करें। ऐसे लोगों का खुलकर विरोध होना चाहिए।” उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी इशारों में अशोक चौधरी को हिदायत दी। उन्होंने कहा भूमिहार जाति नहीं एक कल्चर है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की मानसिकता कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति नहीं रख सकता है। पूर्व सांसद जगदीश शर्मा ने कहा कि जहानाबाद बेहद संवेदनशील जगह है। “वहां काफी कोशिशें के बाद जातीय तनाव खत्म हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक चौधरी अब फिर से जातीय हिंसा फैलाना चाह रहे हैं। इधर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग सकारात्मक चर्चा क्यों नहीं करते। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अगर कोई किसी को वोट नहीं देता तो क्या सरकार में बैठे नेता उन जातियों का तिरस्कार करेंगे?
मेरी बेटी की शादी भूमिहार में हुई: चौधरी
अपनी तीखी आलोचना के बाद अशोक चौधरी ने कहा है कि वह भूमिहार विरोधी नहीं है। उन्होंने कहा, “खुद भूमिहार की गोद में पला बढ़ा हूं। भूमिहार को इसलिए अच्छे से जानता हूं क्योंकि पिताजी को श्री बाबू और महेश बाबू ने पढ़ाया है। बेटी की शादी भूमिहार में हुई है।” पूछा, किशोर कुणाल से कोई बड़ा भूमिहार है क्या? अशोक चौधरी की बेटी सांसद शांभवी चौधरी की शादी किशोर कुणाल के बेटे से हुई है।
400 प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदने से हो सकती है परेशानी
प्रभात खबर के अनुसार बिहार में रियल स्टेट क्षेत्र में निवेश की योजना बना रहे ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है। बिहार रेरा ने अपने यहां रजिस्टर्ड करीब 400 परियोजनाओं और उससे जुड़े बिल्डरों को डिफ़ॉल्टर घोषित कर दिया है। अनदेखी में इन परियोजनाओं में निवेश करने वाले ग्राहकों को आर्थिक व मानसिक परेशानी उठानी पड़ सकती है। ग्राहकों की सुविधा के लिए बिहार रेरा ने डिफ़ॉल्टर बिल्डरों व उनकी परियोजनाओं की सूची अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। बिहार रेरा ने अलग-अलग कारणों से इन परियोजनाओं और उनसे जुड़े बिल्डरों को डिफ़ॉल्टर घोषित किया है। इनमें सबसे अधिक 273 परियोजनाएं तय समय पर पूरी नहीं होने के चलते डिफ़ॉल्टर घोषित की गई हैं।
सिपाही भर्ती दौड़ में 8 की जान गई
हिन्दुस्तान के अनुसार झारखंड में उत्पाद सिपाही की भर्ती के लिए आयोजित दौड़ में पिछले 10 दिनों में अलग-अलग केंद्रों पर अब तक आठ अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है। साथ ही सैकड़ों अभ्यर्थी बेहोश हो चुके हैं। 22 अगस्त से जारी इस दौड़ में लगातार हो रही मौत का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। नियुक्ति प्रक्रिया के समय और अभ्यर्थियों की मौत पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। जानकारों की मानें, तो झारखंड में किसी भी शारीरिक परीक्षा में इस तरह का मामला पहले नहीं आया है। युवाओं की लगातार हो रही मौत को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि जो युवक दौड़ की नियमित प्रैक्टिस नहीं कर रहे हैं, उनको अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। युवा अगर पहले से प्रैक्टिस में नहीं हैं, तो अचानक से इतनी लंबी 10 किमी की दौड़ में हिस्सा ना लें।
अमृतलाल मीणा बने बिहार के नए गृह सचिव
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अमृतलाल मीणा को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। शनिवार की देर शाम इसकी अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव ने जारी कर दी। साथ ही नवनियुक्त मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की। मीणा को निवर्तमान मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सचिवालय में पदभार भी सौंप दिया। बतौर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा का कार्यकाल 31 अगस्त को ही समाप्त हो रहा था।
महिलाओं को तुरंत न्याय मिले: मोदी
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले आएंगे, देश की आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही बड़ा भरोसा मिलेगा। दिल्ली के भारत मंडपम में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित जिला न्यायपालिका के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्धाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ये बातेंकहीं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद रहे। मोदी ने कहा, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
कुछ और सुर्खियां
- पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जन संवाद यात्रा 10 सितंबर से
- हरियाणा में अब 1 अक्टूबर की जगह 5 अक्टूबर को चुनाव, रिजल्ट 8 को
- झारखंड मुक्ति मोर्चा से निलंबित विधायक लोबिन हेंब्रम भाजपा में शामिल
- बीपीएससी मेंस की परीक्षा में 1295 छात्र सफल
- रोहतास में नक्सलियों के ठिकानों पर एनआईए की छापेमारी
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर वार्ड पार्षद शहजादुज्जमां उर्फ सैफी ने चलाया मुक्का, पुलिस ने लिया हिरासत में
अनछपी: अशोक चौधरी जनता दल यूनाइटेड के दूसरे ऐसे नेता बने हैं जिन्होंने जाति या धर्म के आधार पर वोटरों के बारे में ऐसा बयान दिया जिससे उनके लोकतांत्रिक अधिकार का हनन होता है। जाति की राजनीति न करने का दावा करने वाले नेता भी वोटरों को जाति और उनके धर्म के आधार पर ऐसी बातें कहते हैं जो बेहद आपत्तिजनक होती हैं। अशोक चौधरी ने भूमिहारों पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने जहानाबाद में जदयू के उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। किसी पूरी जाति के बारे में दिया गया ऐसा बयान किसी भी स्थिति में मंजूर नहीं हो सकता। जब जदयू और भारतीय जनता पार्टी के भूमिहार नेताओं ने इसका विरोध किया तो अशोक चौधरी ने रफू करने की कोशिश में यह कहा कि वह भूमिहारों की गोद में पले बढ़े हैं। यह सही है कि अशोक चौधरी ने अपनी बेटी की शादी भूमिहार समाज के किशोर कुणाल के बेटे से की है लेकिन इससे उन्हें यह अधिकार प्राप्त नहीं हो जाता कि वह किसी जाति विशेष के बारे में किसी भी तरह की टिप्पणी करें जो उसके लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनने वाला हो। वोट देना या ना देना किसी व्यक्ति या समूह का अपना अधिकार होता है। अगर किसी व्यक्ति या समूह ने किसी खास उम्मीदवार को वोट नहीं दिया तो उसका मतलब क्या यह होता है कि उसका नाम लेकर उसे खरी खोटी सुनाई जाए? इससे पहले सीतामढ़ी से जदयू के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने मुसलमान और यादवों के बारे में भी इसी तरह की बात की थी। जैसे अशोक चौधरी ने अभी सफाई दी है वैसे ही देवेश चंद्र ठाकुर ने भी सफाई दी थी। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने यह सवाल सही किया है कि अगर कोई जाति या व्यक्ति किसी को वोट नहीं देता तो क्या सरकार में बैठे नेता उसका तिरस्कार करेंगे? लोकतंत्र के बारे में आम राय यह है कि एक बार चुन लिए जाने के बाद कोई नेता सिर्फ अपनी पार्टी का नेता नहीं रह जाता बल्कि उसे क्षेत्र की सभी जनता का प्रतिनिधि माना जाता है। पूर्व सांसद जगदीश शर्मा ने यह बात सही कही है कि अशोक चौधरी के बयान से जहानाबाद में जातीय तनाव पैदा हो सकता है। नेताओं को इस बात की ट्रेनिंग देना जरूरी है और उन्हें इस बात पर मजबूर करना भी जरूरी है कि वह ऐसे बयान ना दें जिससे समाज में तनाव पैदा हो। नेताओं को यह भी सीखना होगा कि चाहे उन्हें कोई वोट दे या ना दे उनका सम्मान करना उनकी जिम्मेदारी है।
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