छपी-अनछपी: पटना में बीच बाज़ार में फायरिंग- मारा गया बेक़सूर, बिहार में खाद की किल्लत- ज़िम्मेदार कौन?
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पटना के एक बाज़ार में दिन के उजाले में हुई फायरिंग की खबर आज के अखबारों की प्रमुख खबर है। बिहार में खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं लेकिन इसका हल निकालने की जगह इस बात पर बहस हो रही कि इसके लिए ज़िम्मेदार कौन है। आतंकवाद को समर्थन देने के विरोध में प्रधानमंत्री मोदी के बयान को भी अच्छी जगह मिली है। अन्य खबरों में बीपीएससी में नेगेटिव मार्किंग, स्कूलों में शिक्षकों के खाली पद और विश्व शौचालय दिवस पर जानकारी शामिल है।
प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: कम दाम में सामान बेचने पर एक कारोबारी ने दूसरे पर चलाई गोली भीड़ में खड़े तीसरे को जाकर लगी, मौत।
भास्कर ने लिखा है: सीएनएफ एजेंट और होलसेलर में मारपीट, फायरिंग की चपेट में आया निर्दोष युवक, मौत। जागरण: करबिगहिया में सूत्रों की फायरिंग में सड़क से गुजर रहे व्यवसायी की मौत। हिन्दुस्तान: दो व्यवसायियों के झगड़े में चली गोली से राहगीर की मौत। किसी और जगह से बिस्कुट लेने को लेकर एजेंसी मालिक, कंपनी के कर्मियों और दुकानदार के बीच झगड़ा हो गया। घटना जक्कनपुर थानांतर्गत करबिगहिया इलाके में शुक्रवार की दोपहर 12 बजे हुई। दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई, जिसके बाद एजेंसी मालिक और बिस्कुट कंपनी के कर्मियों ने शूटर बुलवा लिए। शूटरों ने ताबड़तोड़ कई राउंड फायरिंग की, जिसमें उसी रास्ते से गुजर रहे एक राहगीर राहुल कुमार को गोली लगी। 24 वर्षीय राहुल कुमार की भी उसी गली में दुकान है।
खाद पर केन्द्र और राज्य आमने-सामने
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: खाद पर केन्द्र और राज्य आमने-सामने। इसमें बताया गया है कि बिहार में खाद की किल्लत पर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के मंत्री आमने-सामने आ गये हैं। बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने जहां केन्द्र सरकार पर बिहार में खाद का आवंटन न देकर भेदभाव बरतने तथा किसानों और गरीबों के बीच राज्य सरकार की छवि खराब करने का आरोप लगाया है, वहीं केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर खाद की कमी से जुड़ी खबरों को गलत तथा भ्रामक करार देते हुए कहा कि देश में कहीं भी खाद की किल्लत नहीं है। प्रभात खबर की सुर्खी है: किसानों को 2.5 लाख टन यूरिया की जरूरत, केंद्र ने दिया 89 हज़ार टन।
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को दंडित करने की जरूरत। हिन्दुस्तान ने लिखा है: आतंकवाद को वैचारिक समर्थन खतरनाक: मोदी। पीएम शुक्रवार को ‘आतंक के लिए कोई धन नहीं’ विषय पर दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। श्री मोदी ने आतंकवाद को मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता के लिए बड़ा खतरा बताते हुए दुनिया को चेताया। पाकिस्तान-चीन का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, कुछ देश अपनी विदेश नीति के हिस्से के रूप में आतंकवाद का समर्थन करते हैं। उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय मदद मुहैया कराते हैं। प्रभात खबर ने लिखा है: आतंकवाद समर्थक देशों को कीमत चुकाने के लिए मजबूर करें: पीएम। ‘ नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन की एक अन्य सुर्खी है: अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन ने बढ़ाई आतंकी खतरे की आशंका: अमित शाह।
अंतरिक्ष में भारतीय निजी क्षेत्र की उड़ान
अंतरिक्ष में भारतीय निजी क्षेत्र की उड़ान की खबर सभी जगह प्रमुखता से छपी है। शुक्रवार को पहली बार देश में निजी क्षेत्र के रॉकेट ने अंतरिक्ष में उपग्रहों को सफलतापूर्वक स्थापित किया। इस रॉकेट का नाम विक्रम-एस रखा गया है जिसका वजन 545 किलोग्राम है। इससे कार्बन फाइबर और 3D प्रिंटेड इंजन के साथ बनाया गया है। अब तक इसरो ही यह काम करता रहा है। केंद्र द्वारा अंतरिक्ष उद्योग को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद स्टार्टअप स्काईरूट पहली कंपनी है, जिसने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में कदम रखा है।
जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: बिना स्वीकृति डाटा के प्रयोग पर 500 करोड़ तक जुर्माना। शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने डिजिटल निजी डेटा सुरक्षा कानून के प्रस्तावित मसौदे को सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया। इस पर आगामी 17 दिसंबर तक राय दी जा सकेगी।
भास्कर ने अपने खास खबर में लिखा है: प्रदेश के 100 कांग्रेसी को करनी है 75 किलोमीटर यात्रा… लेकिन आधे से ज्यादा की उम्र 60 साल से ऊपर।
निजी आईटीआई में 87 हज़ार सीटें खाली
हिन्दुस्तान ने अपनी खास खबर में बताया है: बिहार के निजी आईटीआई में 87 हज़ार सीटें खाली। निजी आईटीआई में सीटों के खाली रहने का एक बड़ा कारण रेलवे की वैकेंसी खत्म होना बताया जा रहा है। प्रभात खबर की एक महत्वपूर्ण खबर है: प्रदेश में शिक्षकों के अभी 3.38 लख पद खाली, पर उतनी संख्या में सीटीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थी नहीं हैं।
भास्कर में इस खबर को प्रमुखता दी है 68वीं बीपीएससी में तुक्का लगाना पड़ेगा महंगा, होगी नेगेटिव मार्किंग।
शौचालय दिवस
विश्व शौचालय दिवस पर हिन्दुस्तान ने खबर दी है: सूबे के 50% स्कूलों के शौचालय ‘बेकार’। इन्हें बेकार कहने की वजह है कि वहां पानी, नल, दरवाजा और सफाई की भारी कमी है। ‘वर्ल्ड टॉयलेट डे’ पर प्रभात खबर ने अपनी रिपोर्ट टॉयलेट: एक ‘दर्द’ कथा में लिखा है कि पटना में आबादी के हिसाब से सार्वजनिक शौचालय, यूरिनल या पिंक टॉयलेट की भारी कमी है। जो सार्वजनिक शौचालय बने हैं, उन्हें लोगों ने गंदा कर रखा है।
अनछपी: तरह-तरह के डे मनाए जाने से कोई खास फायदा हो या ना हो उस समस्या के बारे में जानकारी ताजा हो जाती है। वर्ल्ड टॉयलेट डे पर जो जानकारी अखबारों में दी गई है वह चौंकाने वाली तो कतई नहीं है। लेकिन यह बात जरूर बेहद अफसोस की है कि सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा अब भी आम जगह पर आम लोगों को नहीं मिल पाती है। स्कूल तो वैसे भी हर दिन जाने की जगह है लेकिन वहां की स्थिति भी बेहद खराब है। बिहार में इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि इस कारण काफी संख्या में लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं। इसी तरह अस्पतालों में भी शौचालयों का बुरा हाल रहता है। इसके अलावा बस स्टैंड और बाजारों में भी सार्वजनिक शौचालय की जरूरत रहती है लेकिन करोड़ों खर्च करने और बढ़िया कारोबार देने के बावजूद इन जगहों पर पटना जैसे शहर में भी परेशानी बनी रहती है। बाकी शहरों का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह बात भी सही है कि शौचालयों का इस्तेमाल करने वाले लोग इसकी सफाई का ध्यान नहीं रख पाते हैं। इसके बावजूद सरकार की यह जिम्मेदारी कम नहीं होती कि वह साफ सुथरा शौचालय उपलब्ध कराए।
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