छ्पी-अनछपी: मदरसा बोर्ड और चार आयोगों को अध्यक्ष मिले, राहुल को बिहार चुनाव में फिक्सिंग का डर
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार सरकार ने विभिन्न अयोगी के पुनर्गठन का सिलसिला जारी रखते हुए चार और अयोगों और मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति की है। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में चुनावी फिक्सिंग का आरोप लगाते हुए यह डर जताया कि बिहार में भी ऐसा ही हो सकता है। बिहार के शिक्षा सचिव ने कहा है कि लापरवाह शिक्षकों को बॉर्डर के जिलों में ट्रांसफर किया जाएगा। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के काफिले में शामिल गाड़ी में ट्रक ने टक्कर मारी जिसमें तीन लोग घायल हो गए।
पहली खबर
हिन्दुस्तान के अनुसार सरकार ने शनिवार को चार महत्वपूर्ण आयोग और एक बोर्ड का गठन कर दिया। जिन चार आयोगों का पुनर्गठन किया गया है उनमें अतिपिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग, बिहार राज्य महिला आयोग, बाल श्रमिक आयोग, राज्य खाद्य आयोग शामिल हैं। वहीं बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड को अध्यक्ष समेत सदस्य मिल गए हैं। इन सभी के गठन की अधिसूचना सरकार के संबंधित महकमों ने जारी की है। वरिष्ठ जदयू नेता नवीन कुमार आर्या को फिर अति पिछड़े वर्ग राज्य आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं, मधुबनी निवासी केदारनाथ भंडारी और गया जी के अमित कुमार को आयोग का सदस्य बनाया गया है। समस्तीपुर के वाजिदपुर नियारी निवासी अप्सरा मिश्रा को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। जदयू नेता और विधान परिषद के पूर्व कार्यकारी सभापति सलीम परवेज को मदरसा शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। दर्जन भर पदेन सदस्य और सदस्य बनाए गए हैं। विभाग के निदेशक या विशेष निदेशक, मौलाना मजहरूल हक अरबी व फारसी विवि के विभागाध्यक्ष या समकक्ष पदधारक, मदरसा इस्लामिया शमशुल होदा के प्राचार्य, बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और बिहार शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष को पदेन सदस्य बनाया गया है। विधान पार्षद खालिद अनवर, शब्बीर अहमद, अब्दुल कैयूम, खुर्शीद अनवर, मो इजहार अशरफ और मो निजामुद्दीन अंसारी को सदस्य नियुक्त किया गया है
चुनाव फिक्सिंग के आरोप पर घमासान
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘मैच फिक्सिंग’ के आरोपों पर शनिवार को सियासी द्वंद्व मच गया। भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे कांग्रेस की ‘हार की हताशा’ करार दिया। निर्वाचन आयोग ने भी कांग्रेस नेता के आरोप को बेतुका बताया। राहुल गांधी ने नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा पर सीधा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में ‘मैच फिक्सिंग’ की गई थी, जिसमें पहले से भाजपा की जीत तय करने की पूरी कोशिश की गई। राहुल गांधी ने शनिवार को एक अखबार में लिखे लेख में कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों ने चुनाव जीतने के लिए पांच स्तरीय योजना बनाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की तरह ही ‘मैच फिक्सिंग’ अगली बार बिहार में होगी।
लापरवाह शिक्षकों का बॉर्डर के जिलों में होगा ट्रांसफर
प्रभात खबर के अनुसार बिहार में सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक लापरवाही अब शिक्षकों पर भारी पड़ने लगी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कोई शिक्षक पठन-पाठन में लापरवाही बरतते हुए पाए गए तो उन्हें राजधानी जैसे जिले में रहने का हक नहीं मिलेगा। ऐसे सभी शिक्षकों को सीमावर्ती जिलों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। शनिवार को आयोजित ‘शिक्षा की बात, हर शनिवार’ कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एक व्यक्तिगत अनुभव साझा। उन्होंने बताया कि पटना की निवासी एक महिला ने उन्हें व्हाट्सएप पर एक संदेश भेजो। इसमें लिखा था कि विद्यालय में ना पढ़ाई होती है ना शिक्षक समय पर आते हैं। मेरा बेटा रोज कहता है की मां मुझे प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिला दो। यहां के शिक्षक गप लड़ाते हैं, पढ़ाई नहीं कराते। उन्होंने शिकायत की जांच का आदेश दिया है।
तेजस्वी के काफिले में ट्रक ने टक्कर मारी, तीन घायल
जागरण के अनुसार हाजीपुर मुजफ्फरपुर एनएच 22 पर गुड़िया पुल के पास शुक्रवार की रात अनियंत्रित ट्रक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के काफिले में शामिल वाहन में टक्कर मार दिए। इसमें स्कॉट पार्टी के सुरक्षाकर्मी और चालक सहित तीन लोग घायल हो गए। ट्रक की टक्कर से एस्कॉर्ट वाहन क्षतिग्रस्त हो गया
सभी घायलों को सदर अस्पताल हाजीपुर में भर्ती कराया गया जहां तेजस्वी यादव ने पहुंच कर उनका हाल-चाल लिया। पुलिस ने ट्रक का पीछा कर पटेरा टोल प्लाजा के पास ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया।
घटना रात करीब 1:30 बजे की है।
रूस ने यूक्रेन पर 215 मिसाइलें बरसाईं
हिन्दुस्तान के अनुसार रूस ने शुक्रवार देर रात से शनिवार सुबह तक यूक्रेन पर 215 मिसाइल और 87 ड्रोन हमले किए गए। इनमें तीन की मौत हो गई और 21 से ज्यादा घायल हैं। यूक्रेनी अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि खारकीव को निशाना बनाकर हमला किया गया। हमलों में ग्लाइड बमों का भी इस्तेमाल हुआ। वायु सेना ने 87 ड्रोन और सात मिसाइलों को मार गिराया। रूस की ओर से डोनेट्स्क, निप्रॉपेट्रोस, ओडेसा और टेरनोपिल शहरों को निशाना बनाया गया। खारकीव के मेयर इहोर तेरेखोव ने बताया, हमलों में 18 रिहायशी इमारतें और 13 घर तबाह हो गए। 2022 के बाद से शहर पर हुआ ये सबसे शक्तिशाली हमला था।
कुछ और सुर्खियां:
- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का 15 जून का प्रस्तावित अररिया दौरा स्थगित
- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मुठभेड़ के बाद पांच नक्सलियों को मार गिराने का दावा
- बिहार में आज से 2 दिन तक चढ़ेगा पारा, 10 से 13 जून के बीच आंधी पानी का येलो अलर्ट
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला संसदीय बोर्ड करेगा
- शिमला पहुंचीं सोनिया गांधी की तबीयत अचानक बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती होने के बाद मिली छुट्टी
अनछपी: बिहार में शिक्षा विभाग एक ऐसा विभाग है जो अपने असल काम के बजाय ट्रांसफर, पोस्टिंग और वेतन आदि के लिए चर्चा में रहता है। शिक्षा विभाग के पिछले अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षकों की हाजिरी और पढ़ाई को लेकर जब सख्ती बरती थी तो बहुत सी ऐसी बातें भी हुई थीं जो सही नहीं मानी गई लेकिन कुल मिलाकर उनका जोर पढ़ाई पर था। अब वर्तमान अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस सिद्धार्थ ने एक ऐसी बात कही है जो कई लिहाज से गलत मानी जा सकती है। उन्होंने पटना के स्कूल के शिक्षक को द्वारा पढ़ाई न करने और गप लड़ाने की शिकायत सुनने के बाद यह फरमान जारी किया कि ऐसे शिक्षकों का ट्रांसफर बॉर्डर जिलों में कर दिया जाएगा। शिकायत जब यह थी कि शिक्षक स्कूल में नहीं पढ़ते तो कोई ऐसी व्यवस्था की जाती जिससे शिक्षक पढ़ने का काम ध्यान से करते। शायद शिक्षा सचिव यह सोचते हैं की बॉर्डर जिलों में भेजे जाने के डर से शिक्षक पढ़ना शुरू कर देंगे। स्कूलों में यह शिक्षा दी जाती है कि बच्चों को डरा कर ना पढ़ाया जाए तो फिर वही डर शिक्षकों के लिए कैसे सही हो सकता है? शिक्षकों के ट्रांसफर के बाद जो शिक्षक आएंगे उनके बारे में यह बात कैसे गारंटी के साथ कहीं जा सकती है कि वह वही गलती नहीं दोहराएंगे जो उनके पहले के शिक्षक ने दोहराई थी? इसके अलावा ट्रांसफर के बाद बॉर्डर पहुंचने वाले शिक्षक जिस स्कूल में जाएंगे वहां के बच्चों के साथ कैसे इंसाफ होगा? क्या बॉर्डर ज़िले के स्कूल में भेजे जाने के बाद नहीं पढ़ाने की उनकी लत दूर हो जाएगी? बेहतर होता कि बॉर्डर जिलों को पनिशमेंट पोस्टिंग बनाने के बजाय शिक्षकों को इस बात के लिए नैतिक रूप से भी तैयार किया जाता कि वह बच्चों को पढ़ाने पर ध्यान दें और ऐसी शिकायतों का मौका ना दें। अफसोस की बात है कि स्कूलों में पढ़ाई बेहतर करने की चर्चा की जगह शिक्षकों की पोस्टिंग, उनके ट्रांसफर और दूसरी चीजों की चर्चा ज्यादा होती है। इस सोच को तत्काल बदलने की जरूरत है।
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