छ्पी-अनछपी: 100 करोड़ के रेलवे क्लेम घोटाले में ईडी के छापे, जलगांव में 12 रेलयात्रियों की मौत
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। घायलों और मृतकों के नाम पर 100 करोड़ के फर्जी रेलवे क्लेम मामले में ईडी ने छापेमारी की है। महाराष्ट्र के जलगांव में एक ट्रेन में आग की अफवाह के बाद कूदे 12 रेल यात्रियों की कट कर मौत हो गई। मोकामा के गांव में पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह के समर्थकों और विरोधियों के बीच गोलीबारी हुई। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के नए कानून से 20000 भारतीयों पर संकट छा गया है।
यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार ईडी ने रेलवे क्लेम घोटाला मामले में पटना, नालंदा, मेंगलुरु समेत पांच जगहों पर छापेमारी की। ईडी की टीम ने पटना में तीन और नालंदा व बेंगलुरु में एक स्थान पर एक साथ दबिश दी। दरअसल रेलवे में फर्जी दस्तावेजों के सहारे करीब 100 करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा हुआ था। इसके तहत रेलवे में हादसे के बाद घायलों और मृतकों के नाम पर फर्जी तरीके से मुआवजा लिया गया था। ईडी ने सीबीआई की कार्रवाई को आधार बनाकर जांच शुरू की थी। इस मामले में न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। यह मामला वर्ष 2015-2018 के बीच का बताया जा रहा है।
हरिलाल स्वीट्स और अंशुल होम्स पर इनकम टैक्स का छापा
इनकम टैक्स की टीम ने बुधवार को मिठाई दुकान चेन हरिलाल स्वीट्स और रियल एस्टेट कंपनी अंशुल होम्स के डेढ़ दर्जन से अधिक ठिकानों पर दबिश दी। हरिलाल की पटना में 14 व सिवान में एक दुकान पर और अंशुल होम्स के पटना में छह ठिकानों पर इनकम टैक्स का सर्च जारी है। सूत्रों का कहना है की बड़ी संख्या में दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट किया गया है।
जलगांव में 12 रेलयात्रियों की कटने से मौत
जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम को हुए भयावह ट्रेन हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 15 यात्री घायल हो गए। चार की हालत गंभीर है। हादसा उस वक्त हुआ जब लखनऊ से मुंबई जा रही है पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन के कोच में चिंगारी निकलने पर आग लगने की अफवाह फैल गई और घबराए यात्रियों ने चेन खींचकर ट्रेन रुकवाई और ट्रेन से कूद गए। कुछ यात्री दूसरे ट्रैक पर जा खड़े हुए, तभी दूसरे ट्रैक पर तेज गति से कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस आई और उसने कई यात्रियों को कुचल दिया।
अनंत सिंह पर फायरिंग, जवाबी गोलीबारी
भास्कर के अनुसार मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह के समर्थकों और कुख्यात सोनू-मोनू के बीच बुधवार को 100 राउंड गोलियां चलीं। गोलीबारी की वजह 65 लाख रुपये के लेनदेन में पंचायती है। दोनों भाइयों सोनू-मोनू ने एक-47 से गोलियां चलाईं। वहीं अनंत के समर्थकों ने देसी पिस्तौल और कट्टा से फायरिंग की। गोलीबारी की यह घटना मोकामा के पंचमहला थाने के नौरंगा गांव में हुई। सोनू-मोनू की मां नौरंगा जलालपुर पंचायत की मुखिया हैं। सूचना मिलने पर मोकामा, पंचमहला, बाढ़ और आसपास के थानों की पुलिस पहुंची। पुलिस का कहना है कि 10-15 राउंड गोलियां चली हैं और एक-47 से गोली नहीं चली है। इस मामले में तीन केस दर्ज किए गए हैं। पहला केस पुलिस की ओर से दर्ज कराया गया जिसमें अनंत सिंह, सोनू-मोनू और उनके समर्थकों को आरोपी बनाया गया है। दूसरा केस सोनू-मोनू की मां द्वारा अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर दर्ज कराया गया है। तीसरा केस अनंत के समर्थक मुकेश द्वारा सोनू-मोनू और उनके समर्थकों के खिलाफ दर्ज कराया गया है।
ट्रंप के कानून से बीस हज़ार भारतीय संकट में
हिन्दुस्तान के अनुसार अवैध अप्रवासियों के निर्वासन के फैसले के बाद अमेरिका में वर्षों से रह रहे कई परिवारों के बीच भय का माहौल है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वीजा नियमों की सख्ती का असर भारतीयों पर भी होगा। अमेरिका में 20 हजार से अधिक भारतीयों के पास वैद्य दस्तावेज नहीं हैं। इससे उन पर निर्वासन का खतरा है। ट्रंप सरकार के इस फैसले ने इन परिवारों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उनके बच्चे अब स्कूलों में सुरक्षित हैं या नहीं। हालांकि, अमेरिका के कई जिलों में शिक्षकों ने अप्रवासियों को आश्वत किया है कि उनके बच्चों को स्कूलों में कोई खतरा नहीं है। दरअसल, ट्रंप सरकार ने मंगलवार को दशकों पुरानी नीति समाप्त करते हुए संघीय आव्रजन एजेंसियों को स्कूलों, गिरजाघरों और अस्पतालों में गिरफ्तारी करने की अनुमति देने की घोषणा की थी।
एच 1 बी वीज़ा से मिल सकती है राहत
भास्कर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच 1 बी वीजा पर बड़ी राहत का एलान किया है। ट्रंप ने कहा, “यह वीजा बंद नहीं होंगे। अमेरिका को टैलेंट की जरूरत है। हमें केवल इंजीनियर ही नहीं चाहिए। अन्य जॉब्स के लिए भी बेस्ट प्रोफेशनल्स आने चाहिए। यह अमेरिकियों को ट्रेनिंग भी देंगे। इस वीज़ा पर जारी बहस को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा हालांकि मैं पक्ष विपक्ष के तर्कों को लेकर सहमत हूं लेकिन अभी अमेरिका को जो टैलेंट चाहिए वह इस वीजा प्रोग्राम से ही मिल सकता है।”
कुछ और सुर्खियां
- जदयू ने मणिपुर के पार्टी अध्यक्ष वीरेन सिंह को हटाया, मणिपुर सरकार से समर्थन वापसी का पत्र लिखने पर कार्रवाई
- नीतीश कुमार का ऐलान, अररिया में जल्द ही खुलेगा मेडिकल कॉलेज
- इंग्लैंड के खिलाफ सिरीज़ के पहले टी 20 मैच में भारत ने 7 विकेट से जीत हासिल की
- भारत मे इस समय वोटर लिस्ट में कुल 99.1 करोड़ लोगों के नाम
- यूपीएससी सिविल सेवा पीटी के लिए आवेदन शुरू, 11 फरवरी आखिरी तारीख
- आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपित बेऊर जेल के सुपरिंटेंडेंट विधु कुमार सस्पेंड
- सोना पहली बार 80 हज़ार के पार, 22 दिन में 4 हज़ार रुपये बढ़े दाम
अनछपी: राजस्थान का कोटा शहर वैसे तो मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए जाना जाता है लेकिन इसके साथ अब यह छात्रों की सुसाइड की राजधानी भी बन चुका है। बुधवार को दो घंटे के भीतर दो विद्यार्थियों के बारे में पता चला कि उन्होंने खुदकुशी कर ली है जो वहां मेडिकल और इंजीनियरिंग एडमिशन के इम्तिहान की तैयारी के लिए गए थे। पिछले दिनों कृति नाम की एक युवती की सुसाइड और सुसाइड नोट के बारे में खबरें चर्चित हुई थीं। हालांकि यह खबर फर्जी पाई गई थी लेकिन इसमें कही गई बात ध्यान देने लायक थी। बुधवार को मेडिकल कॉलेज में दाखिला की तैयारी कर रही गुजरात की 24 साल की अफशा शेख ने दो बार परीक्षा दी थी लेकिन वह कामयाब नहीं रही। उसके किसी सुसाइड नोट का तो पता नहीं चला लेकिन अंदाजा जरूर है कि उसे तीसरी बार भी कामयाबी की उम्मीद नहीं रही होगी और ऐसे में उसने हताशा में जान दे दी। इसी तरह गुवाहाटी के 18 वर्षीय छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली जो आईआईटी से इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिले की तैयारी कर रहा था। उसका जेईई मेंस का इम्तिहान अगले हफ्ते था। इस महीने में अभी 22 दिन ही गुजरे हैं और अब तक आधा दर्जन छात्रों की सुसाइड की खबर सामने आ चुकी है। पिछले साल 17 छात्रों ने सुसाइड किया था। उस लिहाज से देखा जाए तो 2025 के पहले ही महीने में इतनी बड़ी संख्या में सुसाइड का होना बेहद खतरनाक संकेत है। इस सिलसिले में सबसे जरूरी बात यह है कि विद्यार्थियों के मां-बाप को भी इसकी चिंता हो और वह यह ध्यान रखें कि उनके बच्चे दबाव में तो नहीं आ रहे हैं। दूसरी बात यह है कि कोटा जैसी दूर दराज जगह पर बच्चों को भेजने से पहले मां-बाप को कई बार सोचना चाहिए। तीसरी बात यह है कि बच्चों को गाइड करना तो सही है लेकिन किसी बच्चे की पसंद को बहुत दबाना नहीं चाहिए। चौथी बात यह है कि कोचिंग और पीजी वालों को भी इस बात की ट्रेनिंग मिलनी चाहिए कि वह सभी बच्चों पर निगाह रखें ताकि कोई बच्चा अगर हिम्मत हार रहा है तो उसे हौसला दें। आखिरी बात यह है कि बच्चे की जान करियर से हमेशा ज़्यादा अहम है।
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