छ्पी-अनछपी: संभल मस्जिद के सर्वे के विरोध पर फायरिंग- 4 मरे, अडानी घूस का मामला सुप्रीम कोर्ट में
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। उत्तर प्रदेश के संभल में शाही मस्जिद का दोबारा सर्वे करने के विरोध पर पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई। उद्योगपति गौतम अडानी पर घूसखोरी के मामले में अब भारत के सुप्रीम कोर्ट में भी मामला दर्ज कराया गया है। जमीयत-ए-उलेमा हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने पटना में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जदयू और टीडीपी वक़्फ़ बिल का समर्थन नहीं करें। आईपीएल के ऑक्शन में सबसे ज्यादा 27 करोड़ की कीमत ऋषभ पंत की लगाई गई।
हिन्दुस्तान के अनुसार संभल की शाही जामा मस्जिद में रविवार को सर्वे के दौरान बवाल हो गया। अदालत के आदेश पर दूसरी बार सर्वे करने पहुंची कोर्ट कमिश्नर की टीम को देखते ही लोग उग्र हो गए। इस दौरान पुलिस की फायरिंग में चार युवकों की मौत हो गई। आरोप है कि बवाल के दौरान उपद्रवियों ने करीब एक दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर दिया। फायरिंग भी की गई। हिंसा के दौरान एसपी के पीआरओ, सीओ समेत दर्जनभर पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। लाठीचार्ज और फायरिंग भी की गई। करीब ढाई घंटे तक हिंसा चलती रही। पुलिस ने दो महिलाओं समेत 15 लोगों को हिरासत में लिया है।
असंतोष क्यों फैला
रविवार को कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव के साथ वादी अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई पुलिस बल के साथ दोबारा सर्वे करने शाही जामा मस्जिद पहुंचे थे। करीब 7.30 बजे सर्वे शुरू हुआ। इस बीच मस्जिद के पीछे गलियों और सड़कों पर मुस्लिम समाज के लोग जुटने लगे। डीएम ने लोगों को समझाया, लेकिन लोग नहीं माने। इस बीच मस्जिद के पीछे की गली में उग्र भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी तो पथराव शुरू हो गया।
गोली मारने का आदेश
प्रशासन का कहना है कि हालात बिगड़ते देख उपद्रवियों को गोली मारने का आदेश देना पड़ा। उपद्रवियों ने भी फायरिंग शुरू कर दी। बवाल के दौरान कोट गर्वी निवासी नईम, सरायतरीन निवासी बिलाल, हयातनगर निवासी नुमान की मौत हो गई। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने देर रात बताया कि तीनों युवकों की मौत 315 बोर के तमंचे से चली गोली से हुई है। देर रात अस्पताल में भर्ती अयान की भी मौत हो गई। हालात के मद्देनजर जिले में 30 नवंबर तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। बाहरी लोगों का प्रवेश रोक दिया गया है।
अडानी घूस का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अदालत में मुकदमे का मामला अब भारत के सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अडानी हिंडनबर्ग मामले में अर्जी देने वाले विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में भी अर्जी दी है। इस अर्जी में अमेरिकी अभियोजकों द्वारा अडानी समूह पर लगाए गए घूस और भ्रष्टाचार के आरोप को रिकॉर्ड पर लाने की मांग की गई है। इन आरोपों को मौजूदा मामले में प्रासंगिक बताया गया है। याचिका के मुताबिक अमेरिकी अभियोग में समूह पर लगाए गए आरोप इतने गंभीर हैं कि राष्ट्रहित में इनकी जांच भारतीय एजेंसियों को भी करनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने उस अंतिम रिपोर्ट को भी पेश करने की मांग की है जो सेबी ने हिंडनबर्ग मामले में तैयार की थी। इस बीच बांग्लादेश से यह खबर आई है कि वहां की अंतरिम सरकार की समीक्षा समिति ने अड़ानी सहित विभिन्न कारोबारी समूहों के साथ हुए बिजली समझौतों की जांच के लिए एजेंसी नियुक्त करने की सिफारिश की है।
जदयू-टीडीपी नहीं करें वक़्फ़ बिल का समर्थन: मौलाना अरशद मदनी
जागरण के अनुसार जमीयत-ए-उलेमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि वक़्फ़ इस्लाम का एक अहम हिस्सा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि वक़्फ़ का संविधान में कोई स्थान नहीं है, अनुचित है। कुरान शरीफ और पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षा के अनुसार सदियों से मुसलमान अपनी संपत्तियों को जनकल्याण के लिए वक़्फ़ करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में नमाज, रोजा, हज और ज़कात आदि का भी उल्लेख नहीं है जबकि यह सभी इस्लाम के मूल स्तंभ हैं। मौलाना अरशद मदनी जमीयत-ए-उलेमा हिंद, बिहार द्वारा पटना के बापू सभागार में रविवार को भारतीय संविधान सुरक्षा एवं राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि एनडीए में शामिल टीडीपी और जदयू खुद को धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताती है। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुसलमानों की भावना को ध्यान में रखते हुए विधायक का समर्थन नहीं करने की अपील की।
गूगल मैप अधूरे पुल पर ले गया, तीन लोगों की मौत
हिन्दुस्तान के अनुसार बरेली-बदायूं सीमा पर फरीदपुर के खल्लपुर गांव के पास शनिवार देर रात 3:30 बजे निर्माणाधीन पुल से कार रामगंगा नदी में गिर गई। हादसे में कार सवार तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। रविवार सुबह ग्रामीणों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और कार से शवों को बाहर निकाला। शुरुआती जांच में पता चला है कि तीनों युवक शादी में शामिल होने गुरुग्राम से बरेली के फरीदपुर जा रहे थे और रास्ता भटकने पर गूगल मैप देखकर निर्माणाधीन पुल पर चढ़ गए और हादसे का शिकार हो गए।
आईपीएल: पंत सबसे महंगे खिलाड़ी
प्रभात खबर के अनुसार जद्दा में हुए ऑक्शन में आईपीएल यानी इंडियन प्रीमियर लीग के पिछले सत्र में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलने वाले ईशान किशन अगले सत्र में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते दिखेंगे। हैदराबाद ने 11.25 करोड रुपए की कीमत देकर उनको अपनी टीम में शामिल किया है। किशन के लिए दिल्ली कैपिटल्स, पंजाब किंग्स और मुंबई इंडियंस ने बोली लगाई। रविवार को शुरू हुई दो दिवसीय नीलामी में भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत आईपीएल में सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी बन गए। उन्हें लखनऊ सुपर जायन्ट्स ने मेगा नीलामी में 27 करोड़ रुपए में खरीदा। केकेआर कोलकाता को इस साल खिताब दिलाने वाले कप्तान श्रेयस अय्यर 26 करोड़ 75 लाख रुपए में पंजाब किंग्स से जुड़े। वेंकटेश अय्यर को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 23.75 करोड़ रुपए में खरीदा।
कुछ और सुर्खियां
- हेमंत सोरेन 28 नवंबर को चौथी बार लेंगे झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ
- महाराष्ट्र में आज हो सकता है मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान, दो डिप्टी सीएम भी बनेंगे
- छपरा के डोरीगंज में अवैध ढंग से निकाला गया 7 करोड़ का बालू जब्त
- संसद का सत्र आज से, अडानी मुद्दे पर तीखी बहस के आसार
- बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र आज से
- 1 अप्रैल 2025 से स्मार्ट मीटर के 55 लाख उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी
अनछपी: संभल की शाही मस्जिद के अनुचित सर्वे का विरोध करने में जो चार लोग मारे गए उनकी मौत को हत्या माना जाना चाहिए और इसके लिए पूरी तरह भारतीय न्याय और प्रशासनिक व्यवस्था जिम्मेदार है। जिस प्रशासन की गोलियों से बेकसूर लोगों की मौत हुई, उसने अदालत का हवाला दिया लेकिन यह नहीं बताया कि यह सर्वे हो चुका था और दोबारा जिस तरह भड़काऊ नारेबाजी के साथ सर्वे कराया जा रहा था वह बेहद आपत्तिजनक और उकसाने वाला था। यह दरअसल पुलिस के हाथों चार निर्दोष लोगों की हत्या का मामला है। पुलिस के अधिकारियों ने शुरू में यह बताने की पूरी कोशिश की कि मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है लेकिन जो वीडियो सामने आए हैं उनसे उनके दावे झूठे साबित होते हैं। जब पुलिस और प्रशासन झूठ बोलने पर उतारू हो तो उसके लिए झूठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाना कोई खास बात नहीं है। पुलिस के हाथों हुए इस मर्डर के बाद जिस तेजी से पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की गई वह भी सवालों के घेरे में है। यह जांच का विषय है कि पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई या नहीं? यह बेहद अफसोस की बात है कि इस मामले में पुलिस-प्रशासन और न्याय व्यवस्था पूरी तरह उनके साथ खड़ी है जो मस्जिद पर झूठे दावे कर रहे हैं। भारत की संसद ने धर्मस्थल संबंधी एक कानून पास किया है जिसके मुताबिक बाबरी मस्जिद को छोड़कर किसी मस्जिद पर इस तरह का दावा नहीं किया जा सकता लेकिन संसद से पास इस कानून का अदालत में कोई महत्व नहीं रह गया है। आज हालत यह है कि हिंदुत्ववादी शक्तियां कहीं से और कभी उठती हैं और किसी भी मस्जिद पर दावा कर देतीं हैं और स्थानीय अदालत भी बिना समय दिए आनन फानन सर्वे का आदेश देती है और प्रशासन उसे तुरंत लागू करता है। प्रशासन मस्जिद को इतना समय भी नहीं देना चाहता है कि इस अदालती आदेश के खिलाफ ऊपरी कोर्ट में अर्जी दी सके। वैसे सच्चाई यह है कि ऊपरी कोर्ट के ढुलमुल रवैए के कारण है ऐसे तत्वों को बढ़ावा मिला है। सवाल यह है कि सुप्रीम कोर्ट एक बार निर्णायक रूप से यह क्यों नहीं कहता कि धर्मस्थल संबंधी 1991 का कानून यह इजाजत नहीं देता है कि किसी भी मस्जिद में मंदिर ढूंढा जाए। हद तो यह है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भी यह कहना पड़ा था कि हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग ढूंढना सही नहीं है लेकिन हो वही रहा है। ऐसे में लोगों का असंतोष बढ़ना स्वाभाविक है और जो हिंसा होती है, उसके लिए पूरी तरह न्याय व्यवस्था जिम्मेदार है।
133 total views