छ्पी-अनछ्पी: 4 लाख नियोजित शिक्षक को राज्यकर्मी का दर्जा, इसराइली दूतावास के पास धमाका
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के चार लाख से अधिक शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने का कैबिनेट का फैसला सभी अखबारों में सबसे अहम खबर है। दिल्ली के इजरायली दूतावास के पास धमाका होने की खबर भी सभी जगह ली गई है।
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: 4 लाख नियोजित शिक्षक बनेंगे राज्य कर्मी। भास्कर ने लिखा है: 4 लाख नियोजित शिक्षक बने राज्यकर्मी। जागरण की सुर्खी है: नियोजित शिक्षकों को मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा। हिन्दुस्तान की मेन हेडलाइन है: मुहर: नियोजित शिक्षकों को मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा। बिहार में कार्यरत करीब चार लाख नियोजित शिक्षक अब राज्यकर्मी कहलाएंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को स्वीकृति मिलने के साथ ही शिक्षा विभाग ने इसे अधिसूचित भी कर दिया। इसके तहत नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा देंगे और आवंटित स्कूल में योगदान करेंगे। योगदान के साथ ही वह विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। साथ ही उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बहाल शिक्षकों के अनुरूप वेतनमान व अन्य लाभ मिलने लगेगा।
इसराइल के दूतावास के पास धमाका
दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में इसराइली दूतावास के पास मंगलवार शाम धमाके की सूचना मिलने से सनसनी मच गई। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां इलाके की घेराबंदी कर तलाशी कर रही हैं। अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि शाम 5:45 बजे धमाके की सूचना मिली। वहीं, दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी कुमार ज्ञानेष ने कहा, टीमें जांच में जुटी हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), पुलिस, आपदा प्रबंधन, दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट स्पेशल सेल समेत अन्य एजेंसियां जांच कर रही हैं।
इस्तीफा नहीं दिया: ललन
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा है कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। ललन सिंह की यह सफाई ऐसे वक्त आई है जब बीते कुछ दिनों से उनके पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा की चर्चा लगातार हो रही है। इन चर्चाओं का हवाला देते हुए उन्होंने मंगलवार को साफ किया कि वह अपने पद पर बने हुए हैं और इस्तीफा नहीं दिया है। इधर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी ललन सिंह के इस्तीफा की खबरों को अटकल बताते हुए कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
‘डंकी उड़ान’ वाले लौटे
जागरण की खबर है: 276 यात्रियों के साथ डंकी उड़ान लौटी मुंबई। मानव तस्करी के संदेह में फ्रांस में रोक लिया गया विमान मंगल को 276 यात्रियों के साथ मुंबई पहुंचा। 303 यात्रियों के साथ यह विमान संयुक्त अरब अमीरात से फ्रांस पहुंचा था और उसे निकारागुआ जाना था। निकारागुआ का उपयोग अक्सर अवैध प्रवासियों द्वारा अमेरिका जाने के लिए किया जाता है। विमान में सवार ज्यादातर यात्री भारतीय थे। इस प्रकार की अवैध यात्राओं को डंकी फ्लाइट्स कहा जाता है। यह शब्द पंजाब में चोरी छिपी अमेरिका या कनाडा जाने वाले लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हाल ही में इस विषय पर शाहरुख खान अभिनीत फिल्म डंकी का प्रदर्शन भी हुआ है।
एक और पहलवान ने लौटाया मेडल
विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट ने मंगलवार को अपने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार सरकार को लौटा दिए। फोगाट ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में अपने फैसले की घोषणा की। ‘एक्स’ पर पोस्ट किए पत्र में फोगाट ने कहा कि मौजूदा हालात में ऐसे सम्मान निरर्थक हो गए हैं, जहां पहलवान न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। फोगाट ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा, मैं अपना पुरस्कार लौटाना चाहती हूं ताकि सम्मानजनक जीवन जीने की कोशिश में ये पुरस्कार बोझ न बन जाएं।
मोदी के यूट्यूब चैनल सब्सक्राइबर 2 करोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी यूट्यूब चैनल पर मंगलवार को दो करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हो गए। दुनिया के शीर्ष नेताओं की तुलना में प्रधानमंत्री मोदी के यू-ट्यूब चैनल पर सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेर बोल्सनारो 64 लाख सब्सक्राइबर्स के साथ दूसरे जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की 11 लाख सब्सक्राइबर्स के साथ सूची में तीसरे नंबर पर हैं।
आतंक की परिभाषा
जागरण की खबर है: देश में पहली बार आतंकवाद को किया गया परिभाषित। भारतीय न्याय संहिता की धारा 113 में आतंकवाद की व्यापक परिभाषा दी गई है। इसमें कहा गया है कि भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डालने या भारत या किसी अन्य देश के लोगों या किसी भी वर्ग में आतंक फैलाने के इरादे से या आतंक फैलाने का कोई कार्य आतंकवाद है। बम, डायनामाइट या अन्य विस्फोटक पदार्थ या ज्वलनशील पदार्थ या आग्नेयास्त्रों या अन्य घातक हथियारों या जहरीली या हानिकारक गैसों या अन्य रसायनों या किसी अन्य पद्धति चाहे वह जैविक, रेडियोधर्मी, परमाणु या अन्य हों, उनके उपयोग से या किसी भी प्रकृति के किन्हीं अन्य साधनों के उपयोग से किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की मृत्यु होती है या उन्हें क्षति होती है या होने की आशंका हो, तो वह आतंक की परिभाषा में शामिल है। इसके अलावा संपत्ति का नुकसान, भारत या विदेश में किसी समुदाय के जीवन के लिए अनिवार्य आपूर्ति या सेवाओं में खलल डालना, जाली भारतीय कागजी मुद्रा या सिक्के का निर्माण आदि भी इसमें शामिल हैं।
हिन्दू धर्म एक धोखा कहने पर विवाद
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद ने एक बार फिर यह कहकर राजनीति गर्मा दी है कि हिंदू धर्म नहीं एक धोखा है। हालांकि उनके एक बयान से समाजवादी पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी सांसद डिंपल यादव ने इसे उनका व्यक्तिगत बयान बताया है। स्वामी प्रसाद मौर्य दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित बहुजन अधिकार सम्मेलन में शामिल होने गए थे। उन्होंने वहां कहा कि हिंदू धर्म एक धोखा है।
कुछ और सुर्खियां
- सीट बंटवारे पर कांग्रेस 29 दिसंबर को राजद व जदयू से करेगी बात
- शोभा ओहतकर को केंद्रीय चयन परिषद (सिपाही भर्ती) अध्यक्ष पद का प्रभाव
- समस्तीपुर में आवारा कुत्तों के हमले में युवक की मौत
- इग्नू में जनवरी सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू
- यूक्रेन के हमले में रूसी ड्रोन वाहक पोत तबाह, अब तक तीन जहाज गंवाए
अनछ्पी: 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला बहुत बड़ा है। शिक्षक बहाली की खबरों के बीच आई इस खबर से शिक्षा में सुधार की उम्मीद के साथ-साथ शिक्षकों के बीच सरकार की छवि बेहतर होने की भी उम्मीद है। अखबारों में कहीं लिखा गया है कि राज्यकर्मी का दर्जा मिला और कहीं लिखा गया है कि राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा। इसकी वजह यह है कि कैबिनेट ने नीतिगत निर्णय ले लिया है कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा लेकिन इसके साथ एक शर्त है कि उन्हें एक परीक्षा पास करनी होगी। इस परीक्षा को पास करने के बाद उन्हें नियमित राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा। खबरों में बताया गया है कि सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वाले नियोजित शिक्षकों की नौकरी नहीं जाएगी। पहले कहा गया था कि सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए तीन मौके दिए जाएंगे और इन तीन मौक़ों में सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वाले नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त की जाएगी। तीन मौक़ों पर भी सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वाले शिक्षकों का क्या होगा, इसके बारे में सरकार द्वारा गठित एक कमेटी फैसला लेगी। इस तरह देखा जाए तो नियोजित शिक्षकों के दोनों हाथ में लड्डू है। हालांकि एक समस्या जरूर होगी कि सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद शिक्षकों को नए जिले आवंटित किए जा सकते हैं। अब सवाल यह है कि शिक्षकों को इतनी सुविधा मिलने के बाद क्या स्कूली शिक्षा में भी कुछ सुधार होगा? शिक्षा विभाग की कमान जब से आईएएस अधिकारी केके पाठक के हाथ में आई है शिक्षकों की स्कूल में उपस्थिति को अनिवार्य बनाने के दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। हालांकि कई शिक्षक संघों को उनके कदमों पर आपत्ति है लेकिन शिक्षक संघों को भी यह बताना चाहिए कि सरकार के इतने प्रयासों के बाद क्या स्कूली शिक्षा में सुधार होगा? क्या सरकारी स्कूलों की छवि बदलेगी जिसके बारे में यह कहा जाता है कि यहां पढ़ाई अक्सर नहीं होती?
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