छ्पी-अनछपी: नीतीश बोले- इंडिया गठबंधन एकजुट, सेना की कस्टडी में तीन ग्रामीणों की मौत की जांच होगी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। इंडिया गठबंधन में मतभेद की बातों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खंडन करते हुए कहा कि वह नाराज नहीं हैं। इस खबर को सभी अखबारों ने प्रमुखता दी है। साथ लगी तस्वीर क्रिसमस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ईसाई समुदाय से मुलाक़ात की है। उधर, जम्मू कश्मीर में सेना की कस्टडी में तीन ग्रामीणों की मौत की जांच का आदेश दिए जाने की खबर को भी अच्छी कवरेज मिली है।

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: जदयू एकजुट, ‘इंडिया’ से नाराजगी नहीं: नीतीश। हिंदुस्तान की पहली सुर्खी है: इंडिया गठबंधन एकजुट, सीट बंटवारा जल्द। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हमारी पार्टी और ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट है। उन्होंने कहा, “सबकुछ समय पर होने वाला है। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। सीटों का बंटवारा भी जल्द हो जाएगा।” गठबंधन से नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं जरा भी नाराज नहीं हूं। सबलोग साथ मिलकर चलें, यही हम चाहते हैं। हमारी अपनी कोई इच्छा नहीं है।” मुख्यमंत्री सोमवार को पाटलिपुत्र स्थित अटल पार्क में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।

सेना की कस्टडी में मौत, जांच का आदेश

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: पुंछ में तीन लोगों की मौत के मामले में कोर्ट आफ इन्क्वायरी के आदेश। जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकी हमले के बाद तीन ग्रामीणों के संदिग्ध हालत में शव मिलने से उपजे हालात से निपटने के लिए सेना ने एक ब्रिगेडियर को हटाने के साथ तीन अन्य सैनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही मामले की कोर्ट आफ इन्क्वायरी के भी आदेश दे दिए गए हैं। वही पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शव मिलने के बारे में स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि जिनके शव मिले हैं उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। उन्होंने इन हत्याओं के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया था। मृतक ग्रामीणों में से एक का भाई सीमा सुरक्षा बल में कार्यरत है। मारे गए ग्रामीणों को लेकर इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो भी जारी हुआ था।

तापमान ज़्यादा रहने से फसलों को नुक़सान

हिन्दुस्तान के अनुसार इस साल तापमान अधिक रहने से गेहूं का उत्पादन घटेगा। लीची की पैदावार भी प्रभावित होगी। लीची में कम मंजर आने के साथ ही फल में गुदा भी कम होगा। दिसंबर अंत और जनवरी में ठंड होने से गेहूं के पौधों में वृद्धि के साथ ही कल्ले अधिक निकलते हैं। लेकिन इस साल दिसंबर में तापमान अधिक है। ठंड नहीं होने के कारण गेहूं में कल्ले बहुत ही कम निकलने का अनुमान है। तापमान अधिक होने के कारण चना, मसूर, सरसों सहित अन्य दलहनी और तिलहनी फसलों का भी उत्पादन प्रभावित होगा।

ईसाइयों के योगदान पर गर्व: मोदी

जागरण की खबर है: देश को ईसाइयों के योगदान पर गर्व: मोदी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिसमस के अवसर पर समाज को दिशा देने और सेवा की भावना के लिए ईसाई समुदाय की भूमिका की सराहना की है। उन्होंने कहा कि देश उनके योगदान पर गर्व करता है। पीएम मोदी ने अपने सरकारी आवास पर ईसाई समुदाय के लोगों के एक समूह से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के समय से उनके ईसाइयों से बहुत घनिष्ठ और गर्म जोशी वाले संबंध रहे हैं। “ईसाई समाज गरीबों और वंचितों की सेवा में हमेशा आगे रहा है। इस समुदाय के बहुत से नेता और विचारक देश के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े हुए हैं।”

इमरान के खिलाफ हाफिज सईद का बेटा

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद पाकिस्तान के आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाहौर से मैदान में उतरेगा। पाक मीडिया के अनुसार, इमरान खान, सरदार लतीफ खोसा, अज़हर सिद्दीकी, ख्वाजा साद रफीक, सलमान रफीक और हाफिज तल्हा ने लाहौर के एन-122 सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया है।

नए न्याय क़ानूनों को राष्ट्रपति की मंजूरी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संसद द्वारा पिछले सप्ताह पारित किए गए तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों और दूरसंचार विधेयक को सोमवार को मंजूरी प्रदान कर दी। स्वीकृति के बाद ये कानून अमल में आ गए। नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून औपनिवेशिक काल के तीन कानूनों भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे।

सार्वजनिक अपमान क्रूरता है: कोर्ट

जागरण में कोर्ट की खबर है: जीवनसाथी का सार्वजनिक रूप से अपमान है क्रूरता। दिल्ली हाई कोर्ट ने माना है कि पति को सार्वजनिक रूप से परेशान व अपमानित करने का कृत्य अत्यधिक क्रूरता के दायरे में आता है। कोर्ट ने कहा कि पति या पत्नी की छवि को सार्वजनिक रूप से खराब करने के लिए जीवनसाथी द्वारा लगाए गए लापरवाह अपमानजनक और निराधार आरोप क्रूरता के सिवाय कुछ नहीं है। हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी पति को तलाक की डिक्री देने के तीस हजारी के पारिवारिक अदालत के 31 अगस्त 2016 के निर्णय को चुनौती देने वाली महिला की याचिका पर की। कोर्ट ने पाया कि महिला ने कार्यालय की बैठकों के दौरान पति पर बेवफाई के आरोप लगाए।

कुछ और सुर्खियां

  • रोहतास में 10 साल की बच्ची कोरोना संक्रमित
  • शिक्षक नियुक्ति परीक्षा: 11वीं-12वीं के 20 विषयों के रिजल्ट जारी 22131 चयनित
  • बक्सर में गंगा पर बनेगा एक और पुल, पूर्वांचल एक्सप्रेस से सीधे जडेजा
  • मध्य प्रदेश में कैलाश विजयवर्गीय समेत 18 मंत्रियों ने लिस्ट शपथ
  • छह राज्यों में घना कोहरा दिल्ली से 333 उड़ानें लेट, 8 का रूट डायवर्ट

अनछपी: वैसे तो सेना का हर जगह रोल संवेदनशील होता है लेकिन जम्मू कश्मीर के मामले में यह अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। सेना के चार जवानों की आतंकी हमले में मौत के बाद की कार्रवाई के दौरान 8 ग्रामीणों को हिरासत में लिया गया था। उनमें से तीन की मौत हो गई। सेना पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगा और एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें उनके कपड़े उतार कर उनपर मिर्च पाउडर छिड़कते हुए देखा गया। बताया गया कि यह स्थानीय बकरवाल समुदाय के लोग थे जिन्हें आमतौर पर सेना का दोस्त माना जाता है। इस बेहद संवेदनशील मामले में यह आरोप लगा कि सेना की कस्टडी के दौरान टॉर्चर करने से तीन लोगों की मौत हुई है। केंद्र सरकार की भाजपा सरकार का दावा है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 4 साल के दौरान जम्मू कश्मीर की स्थिति बेहतर हुई है और वहां स्थानीय लोगों का समर्थन मिल रहा है। लेकिन स्थानीय ग्रामीणों की सेना की कस्टडी में मौत के आरोप से इस दावे को धक्का लगा है। सेना पर पहले भी स्थानीय लोगों को तंग और प्रताड़ित करने का आरोप लगता रहा है। सेना स्थानीय लोगों को इस शक में अपने साथ ले जाती है कि वह आतंकवादियों की मदद करते हैं। लेकिन यह जरूरी मालूम होता है कि दोषियों की पहचान में ऐसी विधि अपनाई जाए जिससे किसी निर्दोष को कोई नुकसान न पहुंचे। सेना ने इस मामले में कोर्ट आफ इन्क्वायरी का गठन कर एक बेहतर संकेत दिया है हालांकि जिनकी जान चली गई उनके परिवार वालों के साथ जो नाइंसाफी हुई है उसकी भरपाई मुमकिन नहीं है। अच्छी बात यह भी है कि प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद और नौकरी देने का वादा किया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन अपने वादे को पूरा करेगा और सेना की जांच भी निष्पक्ष होगी। निर्दोष लोगों के मारे जाने से सेना की छवि को ही नुकसान पहुंचता है और सेना को इस मामले में गंभीरता से सोचना पड़ता है। सेना के अधिकारियों को चाहिए कि वह अपने मातहत की ऐसी ट्रेनिंग करें जिससे किसी निर्दोष को कोई नुकसान न पहुंचे और उसकी छवि भी बेहतर बनी रहे।

 

 

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