मुख्यमंत्री श्रम शक्ति योजना से अल्पसंख्यक ले सकते हैं मुफ्त ट्रेनिंग

बिहार लोक संवाद डॉट नेट
पटना, 31 जनवरी: बिहार सरकार अल्पसंख्यक युवाओं के स्वरोजगार एवं नियोजन के लिए मुख्यमंत्री श्रम शक्ति योजना चलाती है। इसके तहत अल्पसंख्यक समुदाय के कामगारों और नव युवकों को विशेष ट्रेनिंग दिलाकर नौकरी का मौका दिया जाता है।


इस योजना के तहत 7 प्रशिक्षण संस्थान हैं जहां से ट्रेनिंग ली जा सकती है।


हाजीपुर के सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी या ‘सीपेट’ से प्लास्टिक इंडस्ट्री की ट्रेनिंग ली जा सकती है।


इसी तरह पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित भारत सरकार के संस्थान टूल रूम एंड ट्रेंनिंग सेंटर से विभिन्न तकनीकी ट्रेडों में ट्रेनिंग दिलाने का प्रोग्राम चलता है।


राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ‘एनआईईएलआईटी’, पटना से आईटी क्षेत्र में उच्च स्तर के तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं।


इसी तरह सेंटर फॉर डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग सेबी ट्रेनिंग ली जा सकती है। यह सेंटर गया और पटना में है।


अल्पसंख्यक समुदाय के जिन लोगों कोर हल्का और भारी वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत है उनके लिए भी औरंगाबाद में एक सेंटर है। इस सेंटर का नाम है इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रेफिक रिसर्च।


इसके अलावा बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन पटना से रजिस्टर्ड कई ट्रेनिंग सेंटर अलग-अलग कोर्स कराते हैं।


इन सभी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए संबंधित व्यक्ति को लगातार अखबारों पर नजर रखनी चाहिए। इसके लिए अखबार में विज्ञापन निकलते हैं।


यह योजना 2008-09 से चालू है। वित्तीय वर्ष 2015 16 से दो हजार अट्ठारह उन्नीस तक इस योजना से अल्पसंख्यक समुदाय के 1055 कामगारों और नव युवकों को ट्रेनिंग दिलाई गई है। वर्ष 2019-20 में इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदाय के 560 ट्रेनी को फायदा मिला है।

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