छ्पी-अनछपी: मणिपुर में राजभवन पर पथराव, वक़्फ़ संशोधन बिल पर मिले 30 लाख सुझाव

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मणिपुर में एक साल से अधिक से जारी हिंसा ने एक बार फिर जोर पकड़ ली है और वहां राजभवन पर पथराव हुआ है। वक़्फ़ संशोधन बिल को लेकर संयुक्त संसदीय समिति को अब तक 30 लाख सुझाव मिल चुके हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा है कि भारत में कौशल वाले लाखों लोगों को दरकिनार किया जा रहा है। बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मणिपुर में जारी हिंसा और अराजकता थम नहीं रही है। बीते 11 दिन में आठ लोगों की मौत के बाद सोमवार को मैतेई बाहुल्य इलाकों में छात्र और युवा सड़क पर उतर आए। प्रदर्शनकारी मणिपुर के डीजीपी और राज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। स्कूली छात्रों ने इंफाल में सीआरपीएफ काफ़िले पर हमला कर दिया। राजभवन पर भी पथराव किया गया। इसमें कई सुरक्षा कर्मी घायल हो गए। स्थानीय लोग उग्रवादियों के ड्रोन व रॉकेट हमलों से दहशत में हैं। उनका आरोप है कि राज्य सरकार सुरक्षा नहीं दे पा रही है। एक दिन पहले स्कूली बच्चों ने मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह और राजपाल लक्ष्मण आचार्य से मुलाकात कर 6 मांगें सौंपी थीं। सरकार से कोई प्रभावी आश्वासन न मिलने पर लोग सड़कों पर उतर आए।

वक़्फ़ संशोधन बिल पर आए 30 लाख सुझाव

हिन्दुस्तान की खबर है कि वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित संसदीय समिति को देशभर से अबतक 30 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं। संयुक्त समिति की ओर से की गई अपील के बाद बड़ी संख्या में लोग समिति के पास अपने सुझाव भेज रहे हैं। कई संगठनों ने समिति के अध्यक्ष और सदस्यों से मिलकर अपनी राय रखी है। समिति को सुझाव देनेवालों में हितधारक, विशेषज्ञ और अन्य संस्थान शामिल हैं। विधेयक पर लोगों ने ईमेल के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी में पत्र के जरिए भी अपनी राय समिति के पास रखी है।

भारत में प्रतिभा को दरकिनार किया जा रहा: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि भारत में कौशल वाले लाखों लोगों को दरकिनार किया जा रहा है। उनका सम्मान नहीं हो रहा है। उन्होंने महाभारत के एकलव्य की पौराणिक कथा का जिक्र भी किया, जिसने अपने गुरु के कहने पर अपना अंगूठा काटकर उन्हें दे दिया था। अमेरिका के डलास में टेक्सास विश्वविद्यालय में रविवार को छात्रों के साथ बातचीत में कहा, भारत में कौशल की कोई कमी नहीं है, बल्कि यहां कुशल लोगों के लिए सम्मान नहीं है। वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है, इसलिए वह बेरोजगारी का सामना नहीं कर रहा। भारत-अमेरिका समेत पश्चिमी देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा, आरएसएस का मानना है कि भारत एक विचार है। हम मानते हैं कि भारत विचारों की विविधता वाला देश है।

नीतीश के लिए दरवाजे बंद: तेजस्वी

जागरण के अनुसार बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दो टूक शब्दों में कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए राजद ने अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इधर से उधर करते रहते हैं लेकिन राजद के दरवाजे अब उनके लिए बंद हो चुके हैं। “उन्हें साथ लेने का कोई मतलब नहीं रह गया है।” वहीं उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर भी कटाक्ष किया।

कैंसर की दवाएं सस्ती होंगी

प्रभात खबर के अनुसार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और राज्य मंत्रियों की मौजूदगी वाली जीएसटी परिषद की 54 वीं बैठक सोमवार को हुई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें कैंसर की दवाओं पर टैक्स की दर को 12% से घटाकर 5% और नमकीन की कुछ श्रेणियां पर 18% से घटाकर 12% करने का निर्णय शामिल है। कैंसर की दवाओं पर जीएसटी में कमी के फैसले का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य कैंसर के इलाज को और अधिक किफायती बनाना है।

पटना-गया-डोभी एनएच के सभी लें 30 सितंबर से चालू होंगे

हिन्दुस्तान के अनुसार पटना-गया-डोभी एनएच-83 के सभी लेन को 30 सितंबर से चालू कर दिए जाएंगे। साथ ही 127.217 किलोमीटर लंबे एनएच के बीच आने वाले रेलवे ओवरब्रिज के दो लेन भी वाहनों के लिए चालू कर दिया जायेगा। इस बात की जानकारी सोमवार को एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने पटना हाईकोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश कर दी। इस मामले पर सोमवार को सुनवाई हुई। गत सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पितृपक्ष के पूर्व कम से कम दो लेन यातायात के लिए चालू करने का निर्देश दिया था।

कुछ और सुर्खियां

  • दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी इटली के यानिक सिनेर ने पहली बार जीती यूएस ओपन चैंपियनशिप
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व विधायक अनंत सिंह के गांव जाकर की मुलाकात
  • एनडीए में रहकर झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ेगा जनता दल यूनाइटेड
  • तेजस्वी यादव का कार्यकर्ता आभार कार्यक्रम आज से, शुरुआत होगी समस्तीपुर से
  • मणिपुर में राजभवन पर छात्रों ने किया पथराव, 20 लोग घायल
  • भारत में मंकी पॉक्स का पहला केस, सभी संदिग्धों की जांच का सुझाव
  • हरियाणा में अकेले लड़ेगी आम आदमी पार्टी, 20 उम्मीदवार उतारे
  • प्रसिद्ध वामपंथी नेता दिवंगत एके राय की पार्टी मार्क्सवादी समन्वय समिति का भाकपा माले में विलय

अनछपी: सरकारी योजनाओं के बारे में मीडिया की हेडलाइन से आम आदमी कितना सहमत होता होगा इसका अध्ययन कराया जाना चाहिए। ताजा हेडलाइन है, “एक फोन पर पशुओं के इलाज के लिए पहुंचेंगे डॉक्टर।” बिहार में आम इंसान के लिए इलाज इतना मुश्किल काम है तो पशुओं के इलाज के लिए डॉक्टर के पहुंचने के बारे में यह खबर कितने लोगों को सही लगेगी? हालांकि खबर को पढ़ा जाए तो इसमें बहुत अच्छी-अच्छी बातें बताई गई हैं। खबर में कहा गया है कि 534 मोबाइल पशु चिकित्सा वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। राज्य के सभी प्रखंडों में एक-एक मोबाइल पशु चिकित्सा वैन की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के तहत इलाज के लिए पशु चिकित्सा पशुपालकों के घर तक पहुंचेंगे।  मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई जीपीएस सुविधा से जुड़ी एक गाड़ी है। इसमें पशु रोगों की पहचान, पशु चिकित्सा एवं पशु सर्जरी, पशुओं के इलाज के लिए आवश्यक दवा और कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध रहेगी। मोबाइल पशु चिकित्सा वैन की सुविधा सुबह 9:00 से शाम 5:00 तक मिलेगी। एक टोल फ्री कॉल सेंटर बनाया गया है जिसका नंबर 1962 है। कॉल सेंटर में टेलीमेडिसिन की भी व्यवस्था रहेगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पशु चिकित्सा के लिए जो व्यवस्था अभी है वह कितनी कारगर है और क्या वहां इलाज के लिए डॉक्टर मिलते हैं? जो लोग जानवर पलते हैं उनमें से अक्सर का यही कहना है कि वह किसी प्राइवेट इलाज करने वाले को बुलाकर अपने पशुओं का इलाज कराते हैं। सरकार को यह बताना चाहिए कि पिछले कितने सालों से पशु चिकित्सकों की बहाली नहीं हुई है? कितने पशु चिकित्सकों की जरूरत है और वर्तमान में कितने काम कर रहे हैं। जो पशु चिकित्सा बहाल हैं उनमें से भी अक्सर अपने अस्पताल से गायब पाए जाते हैं। मोबाइल वैन से पशु चिकित्सा देने की व्यवस्था अच्छी हो सकती है लेकिन इसपर लगातार नजर बनाए रखना होगा। आज से 6 महीने बाद ऐसा न हो कि अधिकतर मोबाइल वैन बेकार हो चुकी हों, किसी मोबाइल वैन में तकनीकी समस्या आ गई हो और किसी में पशु चिकित्सक नहीं हों। कुछ दिनों के बाद यह जांच भी करनी चाहिए की टोल फ्री नंबर कितना काम कर रहा है। पशुओं के चिकित्सा की नई व्यवस्था तभी कारगर होगी जब इस पर लगातार नजर बनाए रखी जाए।

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