छपी-अनछपीः ‘नेहरू की सीट’ फूलपुर से नीतीश? सीबीआई को आयी तेजस्वी की याद

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। फूलपुर का नाम बिहार में अचानक चर्चा में आ गया है। यह इलाहाबाद, जिसका नाम प्रयागराज कर दिया गया है, जिले का लोकसभा क्षेत्र है और इसके चर्चा में आने की वजह नीतीश कुमार हैं जिनके वहां से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात गर्दिश कर रही है। हालांकि इसका कोई ठोस आधार अभी सामने नहीं आया है।
दूसरी तरफ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सीबीआई ने याद किया है। मगर 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी रहने के कारण आज बिहार और कई दूसरे राज्यों में अखबार नहीं छपे हैं। तो आज हम वेबसाइट और दिल्ली से छपे कुछ अखबारों की खबरों पर बात करते हैं।
वैसे, दिल्ली के अधिकतर अखबारों में नामीबिया से चीते लाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बारे में दिया गया बयान सबसे बड़ी खबर है। अखबारों ने लिखा है कि श्री मोदी ने अपने जन्मदिन पर इन चीतों को लाकर देश को नायाब तोहफा दिया है। इन्हें मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ गया है।
अब फूलपुर की बात। यह सीट 1952 और 1957 में वास्तव में यहां से दो सांसद चुने जाते थे- इलाहाबाद पूर्वी और जौनपुर पश्चिमी से। 1952 से 1962 तक लगातार तीन बार भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस के विधायक चुने गये थे। फूलपुर ही वह जगह है जहां से इंडियन स्टैंडर्ड टाइम तय होता है।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बारे में जागरण के दिल्ली संस्करण में खबर हैः आईआरसीटीसी घोटाले में तेजस्वी की जमानत को सीबीआई की चुनौती।
ध्यान देने की बात यह है कि यह मामला 2006 का बताया जा रहा है जिसकी एफआईआर आर जुलाई 2017 में दर्ज करायी गयी थी। तब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे। केस दर्ज हुआ 11 साल बाद जब नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री तीन साल हुए थे। आरोप है कि दो आईआरसीटीसी होटलों को एक निजी फर्म को ठेके देने में अनियमितता की गयी थी। इस मामले में तेजस्वी यादव को निचली अदालत से जमानत मिली हुई है। अब सीबीआई ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
ऐसे ही घोटाले का आरोप दिल्ली के ओखला विधानसभा से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान पर लगा है और उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है। यह खबर दिल्ली के अखबारांे में प्रमुखता से छपी है। उन पर वक्फ बोर्ड में अवैध तरीके से नियुक्ति का आरोप है।
उत्तर प्रदेशः ’लव जिहाद’ में पहली सजा
जगरण की खबर हैः लव जिहाद में उप्र में पहली सजा, मुस्लिम युवक को कैद। यह खबर अमरोहा से है जिसमें अफजाल नाम के दोषी को पांच साल की कैद और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी है। आरोप है कि अफजाल अरमान कोहली बनकर एक नाबालिग हिन्दू लड़की को झांसा देकर भगा ले गया और फिर बाद मंे यह बताया कि वह मुस्लिम है और जबरन लड़की का भी धर्म परिवर्तन कराया। इधर, किशेारी के घरवालों ने उसके लापता होने की रपट लिखवायी। पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया और अफजाल के खिलाफ लव जिहाद का केस दर्ज हुआ हालांकि अफजाल ने किशोरी से शादी नहीं की थी। यह कानून 28 नवंबर 2020 को बना था जिसके मुताबिक जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना गैर जमानती अपराध होगा। इसमें आरोपित को ही साबित करना होगा कि ऐसा नहीं हुआ। इसमें एक साल से दस साल तक की सजा होगी।

अनछपीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बिहार से चुनाव लड़ने और जीेतने के लिए सुरक्षित सीटों की कोई कमी नहीं है लेकिन उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने का मतलब होगा संकेत देना। जैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए गुजरात से लोकसभी पहुंचना कोई भारी बात नहीं थी। मगर वे पहुंच गये बनारस। और वह भी दो बार। और इसी बनारस के 100 किलोमीटर पर है फूलपुर। मिर्जापुर तो और नजदीक है।
हिन्दुस्तान अखबार की वेबसाइट पर लिखा गया हैः नीतीश के प्रयागराज के फूलपुर या फिर मिर्जापुर सीट से अगला लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत मिले हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि फूलपुर और मिर्जापुर के पार्टी कार्यकर्ता भी चाहते हैं नीतीश वहां से दावेदारी पेश करें। अब यह सीएम की इच्छा पर है कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे। यह तो हुई बयान की बात लेकिन अगर वे वास्तव में वहां से चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो रोचक स्थिति बनेगी।
हिन्दुस्तान वेबसाइट के अनुसार फिलहाल यहां से भाजपा की केशरी देवी पटेल सांसद हैं। इस सीट से नीतीश अगर चुनाव लड़ते हैं उन्हें जातीय समीकरण का भी लाभ मिलेगा। फूलपुर सीट के कुल 18 लाख वोटरों में से 17 प्रतिशत मतदाता पटेल (कुर्मी) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। अगर सपा उन्हें सपोर्ट करती है तो उन्हें यादव और मुस्लिम वोटरों का भी साथ मिल सकता है।

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