छपी-अनछपी: अदानी के शेयरों का बुरा हाल- कवरेज बुझी-बुझी सी, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से संघ परेशान
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। 26 जनवरी की छुट्टी के बाद आये आज के अखबारों में काफी खबरें हैं लेकिन जो खबर सबसे ज़्यादा चर्चा में है वह बहुत ही बुझे ढंग से कवर की गई है; वह खबर है गौतम अदानी की कंपनी के शेयरों का धड़ाम होना, जो हिन्डनबर्ग नाम के रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के बाद हुआ है। इधर, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुस्लिम विरोधी दंगों में भूमिका पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद में आरएसएस का पर्चा पाञ्चजन्य भी कूद पड़ा है हालांकि अखबारों में इसकी चर्चा भी कम ही है। अखबारों की चर्चित खबर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीच चल रही बयानबाजी है।
26 जनवरी से पहले और उसके अगले ही दिन शेयर बाजार में गौतम अदानी के शेयरों में 27% तक की गिरावट की खबरें बहुत अनमने ढंग से ली गयी है। हिन्दुस्तान में एक कॉलम की सुर्खी है: शेयर बाजार में निवेशकों के 10.7 लाख करोड़ डूबे। जागरण ने अपने आर्थिक पन्ने पर सुर्खी लगाई है: हिन्डनबर्ग की रिपोर्ट से अदानी समूह की मार्केट वैल्यू चार लाख करोड़ रुपए घटी। भास्कर ने लिखा है: बाजार हिला…अदानी समूह के शेयरों में 9 से 27% तक गिरावट। शेयर बाजार में दो दिन की गिरावट से निवेशकों के 10.73 लाख करोड़ रुपये डूब गए। इतना ही नहीं, दुनिया के शीर्ष अमीरों की सूची में अदानी चौथे स्थान से खिसक कर सातवें पर आ गए। इधर, भारत के बाजार नियामक सेबी ने पिछले एक साल में अदानी समूह द्वारा किए गए सौदों की जांच का दायरा बढ़ा दिया है। वहीं, कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने सेबी और रिजर्व बैंक से इसकी पूरी जांच कराने की मांग उठाई है।
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री विवाद
जागरण की एक अहम सुर्खी है: संघ ने बीबीसी को बताया ‘झूठ और प्रचार फैलाने वाला टूलकिट’। अखबार लिखता है: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हाल में जारी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री द्वारा बीबीसी पर भारतीयों के बीच झूठ और प्रचार-प्रसार करने वाला टूलकिट होने का आरोप लगाया है। संघ की पत्रिका पाञ्चजन्य के आने वाले संस्करण की कवर स्टोरी में उल्लेख किया गया है कि कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल के बाद बीबीसी ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक विवादास्पद वृत्तचित्र के जरिए फिर से दुष्प्रचार कर रही है। इस बीच शुक्रवार को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने छात्रों को परिसर में बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं करने की चेतावनी दी है। उधर दिल्ली विश्वविद्यालय में भी इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर काफी हंगामा हुआ है।
जीविका दीदियों को एक और काम
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: दीदियां करेंगी अस्पतालों में कपड़ों की आपूर्ति व सफाई। अखबार के अनुसार: राज्य के सभी सदर-जिला अस्पतालों, अनुमंडल अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों में भर्ती मरीजों के कपड़ों की आपूर्ति और उसके भवनों एवं परिसर की साफ-सफाई जीविका दीदी करेंगी। इसके साथ ही जिला अस्पतालों व अनुमंडल अस्पतालों में कपड़ों की धुलाई की व्यवस्था भी जीविका दीदी के हाथों में ही होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।
शहरी क्षमता वाले ग्रामीण इलाके
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: शहरी क्षमता वाले ग्रामीण इलाकों में विकास के लिए मास्टर प्लान मंजूर। अखबार लिखता है: राज्य के शहरी क्षेत्रों से सटे शहरी क्षमता वाले ग्रामीण इलाकों को समेकित रूप से विकसित करने के लिए 10 जिलों के मास्टर प्लैन को स्वीकृति दी गयी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली। मास्टर प्लान के तहत शहरों से सटे वैसे क्षेत्र जो शहरी सुविधा देने योग्य है, उन्हें विकसित कर शहर बनाया जाएगा। जिन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के प्लानिंग एरिया के तहत विकसित किया जाना है, उनमें सोनपुर, अरवल, सुपौल, शेखपुरा, बांका, गोपालगंज, जहानाबाद, शेखपुरा, नवादा और भागलपुर शामिल हैं।
बिहार में 7 करोड़ 58 लाख वोटर
भास्कर की सूचना है: बिहार में अब 7 करोड़ 58 लाख मतदाता, 5.85 लाख बढ़े, 304322 वोटरों का नाम हटाया गया। हिन्दुस्तान ने जानकारी दी है: सूबे में 39 वर्ष तक के वोटर बढ़े, 40 से ऊपर वाले घटे। सूबे में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 7 करोड़ 58 लाख 13 हजार 806 हो गयी है। शुक्रवार को राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों की निर्वाचक सूची का अंतिम प्रकाशन किया गया। इसके अनुसार, 18 से 39 वर्ष के मतदाताओँ की संख्या बढ़ी जबकि 40 से ऊपर वालों की घटी है। सर्वाधिक बढ़ोतरी 20 से 29 वर्ष के मतदाताओं में हुई है। वहीं, सर्वाधिक कमी 70 से 79 वर्ष आयु वर्ग में दर्ज की गई। निर्वाचन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में 5 लाख 85 हजार 116 नए मतदाता जुड़े हैं। इनमें 2 लाख 39 हजार 456 पुरुष और 3 लाख 45 हजार 599 महिला हैं। थर्ड जेंडर के निर्वाचकों की संख्या में बढ़ोतरी 61 रही। इनकी संख्या 2357 से बढ़कर 2418 हो गयी है। ताजा आंकड़े के मुताबिक, बिहार में 3 करोड़ 97 लाख 88 हजार 469 पुरुष और 3 करोड़ 60 लाख 22 हजार 919 महिला मतदाता हैं।
उपेंद्र-नीतीश बयानबाज़ी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा के बीच बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा बयान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा को जदयू में शामिल करने के लिए जदयू का कोई नेता तैयार नहीं था। जागरण ने लिखा है- मेरे कहने पर उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी में लाने को तैयार हुआ था दल: मुख्यमंत्री। इधर जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक ने कहा हसि: उपेंद्र का योगदान ही क्या जो हिस्सा लेंगे, उन्होंने तो अपना ग्राफ बढ़ाने को हमेशा नीतीश कुमार का सिर्फ इस्तेमाल किया। इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था: जदयू में 95 फ़ीसदी नेता ‘आए गए वाले’, मैं खुदा आया नहीं मुझे बुलाया गया था। इस बारे में भास्कर की सुर्खी है: उपेंद्र जदयू में रहें तो अच्छा, नहीं तो उनकी इच्छा।
पीएम मोदी की ज्ञान की बातें
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: आलोचक कौन हैं यह जानना जरूरी, शुभचिंतक हैं तो उनकी सुननी चाहिए। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पर चर्चा के दौरान कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत आज आरोपों से डिगे बगैर दुनिया में चमक बिखेर रहा है। साथ ही उन्होंने आलोचनाओं को समृद्ध लोकतंत्र के लिए एक शुद्धि यज्ञ करार दिया और कहा कि यह लोकतंत्र की पूर्व शर्त है। उन्होंने आलोचना और आरोपों का फर्क समझाया और आरोपों को गंभीरता से लेने की सलाह दी। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि बच्चों की भलाई के लिए टोका टाकी के चक्कर से बाहर निकलिए। प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों शिक्षकों और अभिभावकों के साथ परीक्षा पर चर्चा कर रहे थे।
कुछ और सुर्खियां
- 30- 31 को होने वाली बैंक हड़ताल स्थगित
- तंगी से परेशान गर्भवती महिला 3 मासूम के साथ पोखर में कूदी, सभी की गई जान
- गैजेट के गुलाम नहीं बनें: पीएम
- राहुल की भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर में सुरक्षा कारणों से रुकी
- सूबे के 15 लाख किसानों ने नहीं दिए आधार व जमीन के कागजात
- सोफा पर बैठने के लिए झगड़े में जदयू विधायक ने पूर्व सांसद को मारा थप्पड़
- सिंधु जल समझौते पर भारत ने पाकिस्तान को नोटिस भेजा
- नेपाल में डिप्टी पीएम हारे नागरिकता की लड़ाई
- अश्विनी चौबे के भाई का निधन, परिजन बोले डॉक्टर नहीं मिले, दो डॉक्टर सस्पेंड
- बिहार के किसान परिवारों की आवश्यक मासिक आय ₹7542, देशभर में हम 27 राज्यों से पीछे
अनछपी: हो सकता है कि पटना के बाहर के लोगों को यह खबर नहीं मालूम हो कि शुक्रवार को मूर्ति विसर्जन के जुलूस के दौरान फायरिंग हुई जिसमें एक छात्र की मौत हो गई। विसर्जन का यह जुलूस सरस्वती पूजा के बाद निकाला गया था। फायरिंग की एक घटना पटना के एसएसपी ऑफिस के ठीक सामने हुई है। अखबारों के अनुसार इसमें सैदपुर हॉस्टल के छात्र शामिल थे जो नाला रोड से कारगिल चौक तक पुलिस के सामने फायरिंग करते हुए वहां पहुंचे थे। बिहार के स्कूल कॉलेजों में सरस्वती पूजा मनाने की पुरानी परंपरा रही है लेकिन पिछले कई सालों से इसमें फूहड़पन और हिंसा की खबरें भी आती रही हैं जो हमारे समाज के लिए चिंता का विषय है। विसर्जन जुलूस के दौरान फिल्मी गानों पर अश्लील नाच और बम व गोली चलाने की घटना हर साल होती है। पुलिस अपनी ओर से डीजे नहीं बजाने की सख्त चेतावनी देती है लेकिन इसका कोई असर नहीं होता है। लेकिन यह समस्या सिर्फ पुलिस की नहीं है बल्कि समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लिए भी यह एक चुनौती है। पटना की घटना से यह सबक मिलता है कि पुलिस छात्रावासों में सघन जांच करें ताकि यह पता चल सके कि उनके पास ऐसे हथियार कहां से आते हैं और क्यों रहते हैं। दूसरी ओर समाज को भी चाहिए कि वह ऐसे तत्वों पर कड़ी निगाह बनाए रखे।
834 total views