छपी-अनछपी: नीतीश की शिकायत- फ़ंड दे रहा न क़र्ज़ लेने दे रहा केंद्र, बिहार में 1.61 करोड़ परिवार बढ़े

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब से भारतीय जनता पार्टी को सरकार से अलग किया है तब से केंद्र सरकार की ओर से बिहार के अधिकार में कटौती किए जाने की शिकायत बढ़ गई। नीतीश कुमार ने अब इसमें एक और बात जोड़ते हुए कहा है कि केंद्र  कर्ज लेने भी नहीं दे रहा। यह खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से ली गई है। जातीय गणना के पहले चरण के बाद यह अनुमान है कि बिहार में साढ़े तीन करोड़ परिवार हैं। राजनीति की गंदी गलियों से खबर है कि नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बिहार के मुख्य सचिव पर बेहद आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं जिसके बारे में राजद नेता शिवानंद तिवारी ने आपत्ति जताई है। इसकी एक छोटी सी खबर दिखी है।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: केंद्र सरकार विकास के लिए फंड नहीं दे रही, कर्ज लेने पर भी मनाही: सीएम। इस खबर की शुरुआत नीतीश कुमार के इस बात से होती है: देश का विकास राज्यों के आगे बढ़े बगैर संभव नहीं है। गरीब राज्य आगे बढ़ेंगे तभी देश का विकास होगा। केंद्र सरकार राज्य के विकास के लिए फंड नहीं दे रही है। राज्य अपने स्तर से विकास के लिए क़र्ज़ लेने का प्रयास करता है तो केंद्र से उसकी अनुमति नहीं मिलती। ऐसे में गरीब राज्य आगे कैसे बढ़ेगा? यह बातें नीतीश कुमार ने एएन कॉलेज, पटना में पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा की आदमकद प्रतिमा का अनावरण के बाद पत्रकारों से कही।

सूबे में 3.5 करोड़ परिवार

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: सूबे में 3.50 करोड़ परिवार, 2011 की तुलना में 1.61 करोड़ बढ़ गए। राज्य में जाति आधारित गणना का पहला चरण 21 जनवरी को पूरा होने के बाद सभी जिलों से बुधवार की देर रात तक अंतिम रिपोर्ट आने का सिलसिला जारी रहा। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में परिवारों की संख्या साढ़े तीन करोड़ होने का अनुमान है। हालांकि इससे संबंधित समेकित रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही अंतिम आंकड़े सामने आयेंगे। अभी यह अनुमान लगाया जा रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर बिहार में परिवार की संख्या एक करोड़ 89 लाख थी। 12 वर्षों में इसमें एक करोड़ 61 लाख वृद्धि होने की संभावना जतायी जा रही है। इसी तरह राज्य में एक से सवा करोड़ घर या बसावट होने का भी आंकलन किया जा रहा है।

मुख्य सचिव पर आपत्तिजनक आरोप

हिन्दुस्तान की खबर है: मुख्य सचिव पर आरोप लगाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण: शिवानंद। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा मुख्य सचिव पर लगाये गए आरोप को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। बुधवार को जारी बयान में श्री तिवारी ने कहा कि मुख्य सचिव बिहार सरकार के प्रशासन का प्रमुख होता है। “मैंने नेता विरोधी दल के उस बयान को सुना है, जिसमें उन्होंने मुख्य सचिव पर आरोप लगाया है। पद की गरिमा के विपरीत चलताऊ ढंग से उन्होंने आरोप लगाया गया है। मुख्य सचिव के पद पर बैठे हुए व्यक्ति की सीमा होती है। वह नेता विरोधी दल के स्तर पर उतर कर उनको जवाब नहीं दे सकता है।” श्री तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ मिलकर भाजपा ने लंबे समय तक सरकार चलाई है। “इस दौरान मौजूदा मुख्य सचिव कई पदों पर पदस्थापित रहे हैं, बल्कि गृह सचिव के रूप में उनका पदस्थापन तो एक रिकॉर्ड है। लेकिन आज तक किसी ने भी उन पर भ्रष्टाचार या सांप्रदायिक नजरिए से पद के दुरुपयोग करने का आरोप नहीं लगाया है।”

उपेंद्र कुशवाहा को हक़ चाहिए

भास्कर की एक सुर्खी है: नीतीश की उपेंद्र को दो टूक- जब जाना हो जितनी जल्दी जाना हो चले जाएं। हिन्दुस्तान ने लिखा है: उपेंद्र कुशवाहा को जहां जाना है जाएं, जदयू पहले से और मजबूत हुआ: सीएम। इधर, उपेंद्र कुशवाहा कह रहे हैं अपना हिस्सा छोड़ कर कैसे चले जाएं भाई साहब। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर जदयू छोड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने बगैर नाम लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। कहा कि वह अपना हिस्सा लिये बगैर कहीं नहीं जाएंगे। कुशवाहा ने बुधवार को ट्वीट किया कि बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने…! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे, तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले। ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर…? दरअसल, पिछले कुछ दिनों से उपेंद्र कुशवाहा लगातार ऐसे ही बयान दे रहे हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • पूर्णिया में चलती बस में महिला से गैंगरेप की कोशिश, बचने के लिए खिड़की से कूदी हालत गंभीर
  • क्षेत्रीय भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के फैसले आज से उपलब्ध होंगे
  • पटना की जनसंख्या 58 लाख से बढ़कर 73 लाख हुई
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल का कांग्रेस से इस्तीफा
  • मोहम्मद सिराज वनडे के सरताज
  • पटना में पहले दिन पठान के सभी सो रहे हाउसफुल
  • प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी बिना चल रहे 5432 स्वास्थ्य केंद्र
  • रिपोर्ट: बिहार घूमने आए 2.54 करोड़ पर्यटक
  • प्रदेश में सुपर थर्टी वाले आनंद कुमार, कपिल देव और सुभद्रा देवी को पद्मश्री

अनछपी: बिहार की राजनीति में राजनेताओं पर आरोप-प्रत्यारोप तो आम बात है लेकिन शीर्ष प्रशासनिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए आरोप का निशाना बनाया जा रहा है कि वह मुस्लिम है। आरोप लगाने वाले भारतीय जनता पार्टी के विधायक और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा खुद विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्हें सरकार के तौर तरीकों की जानकारी जरूर होगी। उन्हें मुख्य सचिव आमिर सुबहानी का नाम तो नहीं लिया लेकिन मुख्य सचिव कह कर ही उन्होंने सब बात कह दी जो वह कहना चाहते थे। इसलिए यह साफ है कि उन्होंने पूरे सोच समझकर यह बात कही है ताकि विवाद खड़ा हो और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का एक और मौका भारतीय जनता पार्टी को हाथ लगे जिसका श्रेय श्री विजय को मिले। जैसा के शिवानंद तिवारी ने कहा है कि मुख्य सचिव के लिए इसका जवाब देना तो संभव नहीं होगा लेकिन नीतीश कुमार सरकार को इस विषय पर अवश्य सोचना चाहिए कि उनके शीर्ष अधिकारी पर अगर इतने गंभीर आरोप लगते हैं तो इसका जवाब क्या हो। श्री सिन्हा ने मुख्य सचिव पर आतंकवाद और सांप्रदायिकता से संबंधित आरोप लगाए हैं। नीतीश सरकार को आरोपों को हल्के में न ले कर इस बारे में कानूनी उपाय पर भी विचार करना चाहिए। आज सरकार अगर इस पर मजबूत कानूनी कदम उठाती है तो अगली बार से कोई ऐसे निराधार आरोप लगाने से पहले कई बार सोचेगा।

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